Highcourt: 

Highcourt: मृत्यु की स्थिति में मुआवजा निर्धारित करने के लिए महिला गृह प्रबंधक को नौ हजार की आय मानना उचित है

Punjab

Highcourt: जालंधर की एक महिला की हादसे में मौत के बाद मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल जालंधर ने उसे गृहिणी मानते हुए 4500 रुपये की आय निर्धारित की। इस मामले में हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसमें मुआवजा राशि बढ़ाने का आदेश दिया गया है।

हाईकोर्ट ने मोटर वाहन दुर्घटना में महिला की मौत की स्थिति में मुआवजा निर्धारित करने का महत्वपूर्ण आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने निर्णय दिया कि महिला गृह प्रबंधक है, इसलिए उसकी मासिक आय नौ हजार होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने इस आदेश में मुआवजे की राशि में छह लाख रुपये की वृद्धि की है।

जालंधर निवासी हरबंस लाल ने एडवोकेट विकास चतरथ के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए अपनी पत्नी सुनीता की वाहन हादसे में हुई मृत्यु के लिए मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल जालंधर की ओर से तय मुआवजा को चुनौती दी थी। सुनीता की 2016 में हादसे में मौत हो गई थी। 2017 में, ट्रिब्यूनल ने सुनीता की आय को गृहिणी होने के नाते ४५०० रुपये माना था। ट्रिब्यूनल ने कुल 7,44,000 रुपये का भुगतान किया था।

Highcourt: ट्रिब्यूनल ने आय निर्धारण को त्रुटिपूर्ण ठहराया

Highcourt: मुआवजा राशि को अपर्याप्त बताते हुए सुनीता के पति ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाई कोर्ट ने ट्रिब्यूनल की ओर से सुनीता की आय तय करने को त्रुटिपूर्ण माना है। हाईकोर्ट ने कहा कि एक महिला के उसके परिवार को प्रवृत्ति से दी जाने वाली सेवाओं को पैसे में नहीं तोला जा सकता, लेकिन गृहिणी की मौत से परिवार को हुए नुकसान की भरपाई के रूप में सम्मानजनक राशि देनी चाहिए। ट्रिब्यूनल ने महिला के परिवार में दिए गए योगदान के लिए 4500 रुपये प्रति माह निर्धारित किए, जो बहुत कम है। हाईकोर्ट ने राशि को प्रति महीने नौ हजार रुपये करने का फैसला किया।

यही कारण है कि हाईकोर्ट ने पहले निर्धारित 7.44 लाख रुपये की राशि में छह लाख रुपये अतिरिक्त देने का आदेश दिया है।

Highcourt: मृत्यु की स्थिति में मुआवजा निर्धारित करने के लिए महिला गृह प्रबंधक को नौ हजार की आय मानना उचित है


Samachar | पाकिस्तान में PTI का विरोध प्रदर्शन और अन्य बड़ी खबरें


Discover more from VR News Live

Subscribe to get the latest posts sent to your email.