Monday, December 22, 2025
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Amarnath Yatra 2025 : इस वर्ष श्रद्धालु कब तक बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे ? यह 39 दिनों की यात्रा की योजना ।

Amarnath Yatra 2025 : की आधिकारिक तिथियाँ घोषित की गई हैं। इस वर्ष श्रद्धालु 3 जुलाई 2025 से 9 अगस्त 2025 तक बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे। यह 39 दिनों की यात्रा श्रावण पूर्णिमा (रक्षाबंधन) के दिन समाप्त होगी। आइये जानते है अमरनाथ यात्रा के धाम का महत्व।

Amarnath Yatra 2025
Amarnath Yatra 2025

अमरनाथ यात्रा का धार्मिक महत्व :

Amarnath Yatra 2025 : अमरनाथ गुफा को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि यहीं भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी, जिसे “अमर कथा” कहा जाता है। इस गुफा में प्राकृतिक रूप से बनने वाला हिम शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है, जो हर वर्ष विशेष रूप से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होता है। भारत के सबसे पवित्र तीर्थो में से एक है “श्री अमरनाथ धाम”। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए लाखों भक्त बेसब्री से इंतजार करते है।

यात्रा की प्रमुख जानकारी :

  • यात्रा अवधि: 3 जुलाई 2025 से 9 अगस्त 2025 (39 दिन)
  • रूट्स: पाहलगाम (अनंतनाग जिला) और बालटाल (गांदरबल जिला)
  • पंजीकरण प्रारंभ: 15 अप्रैल 2025 से
  • स्वास्थ्य प्रमाणपत्र: यात्रा के लिए अनिवार्य है; अधिकृत अस्पतालों से प्राप्त करें

श्रावण मास और शिव योग :

Amarnath Yatra 2025 : यह यात्रा मुख्य रूप से श्रावण मास में संपन्न होती है, जो भगवान शिव को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रावण मास में शिव की पूजा और यात्रा करने से कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है, विशेषकर शनि, राहु और केतु जैसे ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है। शिव योग, जो कई ज्योतिषीय संयोजनों से बनता है, इस यात्रा के दौरान विशेष रूप से सक्रिय होता है, जिससे किए गए धार्मिक कार्य कई गुना फलदायी होते हैं।

Amarnath Yatra 2025
Amarnath Yatra 2025

सुरक्षा और यात्रा योजना :

हाल ही में भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव और पहलगाम में हुई एक आतंकी घटना के कारण गुजरात, विशेषकर अहमदाबाद और वडोदरा में अमरनाथ यात्रा की बुकिंग में लगभग 90% की गिरावट देखी गई है। स्थानीय टूर ऑपरेटर्स के अनुसार, सुरक्षा चिंताओं और उड़ानों की अनिश्चितता के चलते श्रद्धालु “रुको और देखो” की नीति अपना रहे हैं।

मोक्ष की प्राप्ति :

यह दृढ़ विश्वास है कि अमरनाथ गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्यअमर कथा—सुनाया था। इस गूढ़ ज्ञान को सुनने के साक्षी केवल कुछ गिने-चुने तत्व थे, जिससे यह गुफा अत्यंत पवित्र मानी जाती है।

इस स्थल के दर्शन मात्र से ही श्रद्धालु को जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति की अनुभूति होती है और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अमरनाथ यात्रा को आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक जागरण का माध्यम माना गया है। यह यात्रा न केवल बाह्य रूप से कठिन है, बल्कि आंतरिक रूप से भी साधक को धैर्य, समर्पण और संयम के मार्ग पर ले जाती है — जो कि आत्म-ज्ञान और मोक्ष की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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