Chinese Bridge Collapse 120 साल तक टिकने का दावा, 45 दिन में ढहने की शर्मनाक हकीकत
Chinese Bridge Collapse सिर्फ 45 दिन में ढहा चीन का होंगकी ब्रिज: 120 साल की मजबूती का दावा निकला खोखला, इंजीनियरिंग पर उठे सवाल। चीन के सिचुआन प्रांत में 758 मीटर लंबा होंगकी ब्रिज उद्घाटन के मात्र 45 दिन बाद ही ढह गया। चीन ने इसे इंजीनियरिंग का चमत्कार बताया था, लेकिन अब यह हादसा उसकी निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। जानिए पूरी बात
आधुनिक चीन इंजीनियरिंग Chinese Bridge Collapse
चीन के सिचुआन प्रांत में 11 नवंबर को एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे देश को हिला दिया। हाल ही में उद्घाटन किया गया होंगकी ब्रिज, जो चीन की आधुनिक इंजीनियरिंग और ताकत का प्रतीक माना जा रहा था, महज 45 दिन बाद ही ढह गया। यह पुल 758 मीटर लंबा और नदी से 625 मीटर ऊंचा था, जो मध्य चीन को तिब्बत से जोड़ने वाला अहम मार्ग था।
इंजीनियरिंग का प्रतीक कहे जाने वाला पुल अब बना चीन की बदनामी की वजह
इस पुल के निर्माण को लेकर चीन ने दुनिया के सामने इसे एक “इंजीनियरिंग माइलस्टोन” बताया था। सरकारी मीडिया ने इसे “120 साल तक टिकने वाला पुल” घोषित किया था। लेकिन उद्घाटन के कुछ ही हफ्तों में यह ढांचा धराशायी हो गया, जिससे चीन की इंजीनियरिंग क्षमता और गुणवत्ता नियंत्रण पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
Chinese Bridge Collapse सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुल का एक हिस्सा अचानक टूटकर नीचे नदी में गिर जाता है, जबकि दूसरी ओर के पिलर भी बुरी तरह दरक जाते हैं। हादसे के समय पुल पर कुछ वाहन भी मौजूद थे। स्थानीय मीडिया के अनुसार, कई लोगों के घायल होने की खबर है, हालांकि मृतकों की आधिकारिक संख्या का खुलासा अब तक नहीं किया गया है।

हादसे से पहले कई स्थानीय निवासियों ने पुल के पिलरों और सड़क पर दरारें दिखाई देने की शिकायत की थी। लेकिन प्रशासन ने इसे मामूली “संरचनात्मक सेटलमेंट” बताकर नजरअंदाज कर दिया। अब यह लापरवाही जांच के घेरे में है। विशेषज्ञों के अनुसार, इतने कम समय में पुल का ढहना या तो डिज़ाइन की त्रुटि, निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री, या जल्दबाज़ी में निर्माण का परिणाम है। कई लोगों ने यह भी सवाल उठाया है कि चीन में “तेज़ निर्माण” को लेकर जो गर्व दिखाया जाता है, वह अब “सुरक्षा की अनदेखी” में बदलता जा रहा है।
होंगकी ब्रिज का निर्माण एक राष्ट्रीय प्रतिष्ठा परियोजना के रूप में किया गया था। यह पुल चीन के पश्चिमी पहाड़ी इलाकों में व्यापार और पर्यटक आवागमन के लिए बेहद अहम माना जा रहा था। चीन के राज्य मीडिया ने अक्टूबर में इसके उद्घाटन पर इसे “चमत्कारी पुल” बताया था और दावा किया था कि यह “प्राकृतिक आपदाओं और भूकंपों को भी झेल सकता है।”
चीन इंजीनियरिंग विफलता
लेकिन 45 दिन बाद की यह दुर्घटना इस दावे की पोल खोलती है। सोशल मीडिया पर लोगों ने व्यंग्य करते हुए लिखा — “120 साल नहीं, 45 दिन भी नहीं चला ‘मॉडर्न चीन का गर्व’।”
कुछ लोगों ने इसे चीन की “क्विक कंस्ट्रक्शन कल्चर” का खतरनाक नतीजा बताया, जहां गति और दिखावा गुणवत्ता पर भारी पड़ता है।
अब चीनी अधिकारियों ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। इंजीनियरिंग और ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने विशेष टीम गठित कर दी है, जो यह पता लगाएगी कि पुल के डिजाइन या सामग्री में कहां चूक हुई। साथ ही, निर्माण कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की भी तैयारी की जा रही है।
Chinese Bridge Collapse अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह हादसा चर्चा का विषय बन गया है। कई देशों के इंजीनियरिंग विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने पिछले एक दशक में तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण किया है, लेकिन सस्टेनेबिलिटी और सेफ्टी के मानकों की अनदेखी की है। होंगकी ब्रिज की घटना उसी का ताजा उदाहरण है। यह हादसा न केवल चीन की तकनीकी विश्वसनीयता पर धब्बा है, बल्कि यह दुनिया को भी यह याद दिलाता है कि “गति नहीं, गुणवत्ता ही स्थायित्व की पहचान है।”
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