Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट केस में बड़ा मोड़ — बरामद हुई मिसिंग ब्रेजा कार
Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा: मिल गई मिसिंग सिल्वर ब्रेजा, आतंकी डॉक्टर शाहीन के नाम पर थी यह गाड़ी!
Delhi Blast 2025
दिल्ली ब्लास्ट केस में नई बड़ी कामयाबी मिली है। जांच एजेंसियों को वह सिल्वर ब्रेजा कार मिल गई है, जिसकी तलाश पिछले कई दिनों से थी। यह कार फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी से बरामद की गई और आतंकी डॉक्टर शाहीन के नाम पर पंजीकृत है। जानिए पूरी बात।
दिल्ली ब्लास्ट केस में जांच एजेंसियों को एक बड़ी सफलता मिली है। कई दिनों से जिस सिल्वर ब्रेजा कार की तलाश हो रही थी, आखिरकार वह मिल गई है। यह कार फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी परिसर से बरामद की गई है। माना जा रहा है कि यह गाड़ी टेरर मॉड्यूल के नेटवर्क में अहम भूमिका निभा रही थी। जांच में पता चला है कि यह वाहन आतंकी डॉक्टर शाहीन के नाम पर रजिस्टर्ड था, जो लंबे समय से फरार बताया जा रहा है।

सिल्वर ब्रेजा कार
Delhi Blast सूत्रों के अनुसार, यह चौथी कार है जो इस मॉड्यूल से जुड़ी हुई है। इससे पहले तीन अन्य वाहनों का भी इस्तेमाल संदिग्ध गतिविधियों में किया जा चुका है। जांच एजेंसियां यह जानने में जुटी हैं कि इस ब्रेजा कार का इस्तेमाल ब्लास्ट से ठीक पहले या बाद में कहां-कहां हुआ। फोरेंसिक टीम ने वाहन से कई सैंपल जुटाए हैं, जिनकी लैब जांच कराई जा रही है।
एजेंसियों का मानना है कि यह ब्रेजा दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के बीच की कड़ी साबित हो सकती है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि कार को यूनिवर्सिटी कैंपस में एक छद्म नाम से पार्क किया गया था, ताकि पुलिस की नजरों से बचा जा सके। इसके नंबर प्लेट को भी फर्जी तरीके से बदला गया था, जिससे इसका ट्रैक मिलना मुश्किल हो गया था।
कार की बरामदगी के बाद अब जांच दल यह पता लगाने में जुटा है कि डॉ. शाहीन के नेटवर्क में कौन-कौन शामिल था और यह गाड़ी किन रास्तों से होकर दिल्ली तक पहुंची। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन डेटा की मदद से कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।
दिल्ली पुलिस और एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की संयुक्त टीम अब यह पता लगा रही है कि इस मॉड्यूल के फंडिंग सोर्स कहां से थे। जानकारी मिली है कि फरीदाबाद और दिल्ली के बीच कई संदिग्ध लेनदेन हुए हैं, जिनका संबंध इस ब्रेजा कार से जुड़ा हो सकता है।
Delhi Blast अल-फलाह यूनिवर्सिटी प्रशासन से भी पूछताछ
अल-फलाह यूनिवर्सिटी प्रशासन से भी पूछताछ की जा रही है कि यह वाहन परिसर में कैसे पहुंचा और किसके निर्देश पर पार्क किया गया। जांच में यह भी सामने आया है कि इस मॉड्यूल के सदस्य खुद को छात्रों या रिसर्चर के रूप में पेश करते थे, ताकि किसी को शक न हो।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि कार से कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और नक्शे भी मिले हैं, जो आगे की जांच में बेहद अहम साबित हो सकते हैं। यह भी शक है कि इसी गाड़ी से विस्फोटक सामग्री के ट्रांसपोर्टेशन का काम हुआ था।
अब एनआईए टीम इस केस को “मल्टी-सिटी टेरर नेटवर्क” के रूप में देख रही है, जिसमें दिल्ली, फरीदाबाद और कुछ अन्य शहरों के लिंक सामने आ सकते हैं। कुल मिलाकर, सिल्वर ब्रेजा की बरामदगी ने इस केस में एक नया मोड़ ला दिया है। अब एजेंसियों की पूरी कोशिश है कि इस गाड़ी के जरिए डॉ. शाहीन और उसके नेटवर्क तक पहुंचा जाए, ताकि इस आतंक की जड़ को खत्म किया जा सके।
Table of Contents
Chinese Bridge Collapse 120 साल तक टिकने का दावा, 45 दिन में ढहने की शर्मनाक हकीकत
गुजराती न्यूज़ देखने के लिए फेसबुक पेज फोलो करने के लिए VR लाइव से जुड़िये
शोर्ट वीडियोज देखने के लिए VR लाइव से जुड़िये

