Kharmas 2025: 16 दिसंबर से शुरू होगा खरमास, एक महीने तक बंद रहेंगे सभी शुभ-मांगलिक कार्य, जानें कब से फिर शुरू होगी शुभ घड़ी
खरमास 2025 की शुरुआत 16 दिसंबर से होगी। इस दौरान सूर्य धनु राशि में रहते हैं और सभी विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य एक माह तक स्थगित रहते हैं। जानें खरमास का महत्व, क्या करें-क्या न करें और शुभ कार्य कब से फिर शुरू होंगे।
Kharmas 2025: कब से कब तक? महत्व और एक महीने की पूर्ण जानकारी
हिंदू पंचांग के अनुसार खरमास हर वर्ष तब लगता है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं। 2025 में खरमास 16 दिसंबर 2025 (मंगलवार) से शुरू होकर 14 जनवरी 2026 तक चलेगा। यह काल तब शुरू होता है जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे धनु संक्रांति भी कहा जाता है।
पौष कृष्ण द्वादशी से फलित होने वाला यह पवित्र मास वैदिक धर्म में भगवान नारायण को समर्पित माना गया है। इस अवधि के दौरान शुभ व मांगलिक कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध रहता है।

क्यों कहा जाता है इसे “खरमास”?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य के धनु राशि में 30 दिन रहने से यह समय अशुभ माना जाता है। चूंकि धनु राशि का स्वामी बृहस्पति है, इसलिए इस माह में मांगलिक कर्मों के लिए आवश्यक ग्रह-स्थिति अनुकूल नहीं रहती। इसी कारण विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण आदि सभी शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं।
Kharmas 2025 इस एक महीने में क्या-क्या नहीं किया जाता?
खरमास के दौरान निम्न मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं—
- विवाह
- सगाई
- गृह प्रवेश
- भूमि पूजन
- नया व्यवसाय शुरू करना
- वाहन, प्रॉपर्टी आदि की खरीदी
- नामकरण, मुंडन और उपनयन संस्कार
ज्योतिष के अनुसार इस अवधि में किए गए कार्य दीर्घकालिक शुभ फल नहीं देते या कई बार बाधाएँ पैदा करते हैं।
खरमास में क्या करें?
यह समय केवल रोक-टोक का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का माना गया है। शास्त्रों में इसे “नारायण उपासना का मास” कहा गया है।
✔️ ये कार्य इस महीने विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं:
- भगवान विष्णु की उपासना
- गीता पाठ, विष्णु सहस्रनाम का जप
- दान-पुण्य, गरीबों को भोजन
- साधु-संतों की सेवा
- संयम, व्रत और ध्यान
- जरूरतमंदों को ऊनी वस्त्र दान
इसी कारण इसे कई जगह दंशील मास या दान महीने के रूप में भी मनाया जाता है।
Kharmas 2025 शुभ कार्य कब से शुरू होंगे?
खरमास 2025 का समापन 14 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति के दिन होगा।
इसके बाद सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे, और शुभ एवं मांगलिक कार्यों की शुरुआत 15 जनवरी 2026 से फिर से हो जाएगी।
मकर संक्रांति के बाद—
- विवाह
- गृह प्रवेश
- वाहन/प्रॉपर्टी खरीदी
- नए कार्य की शुरुआत
सब शुभ फलदायी माने जाते हैं।
खरमास वह समय है जब व्यक्ति अपने मन, वाणी और कर्म को शुद्ध करता है। यह आत्मचिंतन, दान, पूजा और तपस्या का महीना है। जहां शुभ कार्य रुक जाते हैं, वहीं आध्यात्मिकता बढ़ती है। इस एक महीने की साधना 2026 की नई शुभ घड़ी को और अधिक मंगलमय बनाती है।
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