Sunburn Music Festival पर विवाद! क्या सच में युवाओं को गुमराह कर रहा है ये म्यूजिक फेस्टिवल?
Sunburn Hatao Desh Bachao: युवाओं को गुमराह करने के आरोपों के बीच क्यों उठ रही है इस फेस्टिवल पर रोक लगाने की मांग? Sunburn Music Festival को लेकर सोशल मीडिया पर ‘Sunburn Hatao Desh Bachao’ अभियान क्यों ट्रेंड कर रहा है? क्या यह युवाओं को गलत दिशा में ले जा रहा है? विवाद, आरोप और पूरी विस्तृत रिपोर्ट यहां पढ़ें।
Sunburn Festival पर विवाद क्यों?
हर साल गोवा में होने वाला Sunburn Music Festival भारत का सबसे बड़ा EDM (Electronic Dance Music) फेस्टिवल माना जाता है। दुनिया भर से लाखों युवा इसमें शामिल होते हैं। लेकिन इस बार सोशल मीडिया पर एक नया अभियान चल रहा है—
“Sunburn Hatao, Desh Bachao”
यह ट्रेंड सिर्फ एक नाराज़गी नहीं, बल्कि एक गंभीर बहस का केंद्र बन चुका है। सवाल उठ रहा है कि क्या यह फेस्टिवल युवाओं को गुमराह कर रहा है? क्या यह समाज और संस्कृति पर नकारात्मक असर डाल रहा है? और क्या इसे रोक देना चाहिए?


Sunburn Music Festival के विरोध की मुख्य वजहें
1. ड्रग्स और नशे से जुड़ा आरोप
कई सामाजिक संगठन और एक्टिविस्ट आरोप लगाते हैं कि इस तरह के EDM फेस्टिवल ड्रग्स कल्चर को बढ़ावा देते हैं। हालांकि आयोजक हर बार इन आरोपों से इनकार करते हैं, लेकिन पुलिस द्वारा पकड़ी गई घटनाएं इन आशंकाओं को और मजबूत करती हैं।
कहा जाता है कि फेस्टिवल का माहौल कई युवाओं को नशे के संपर्क में ला सकता है।
2. अश्लीलता और वेस्टर्न कल्चर फैलाने का आरोप
Sunburn के विरोधियों का कहना है कि इस फेस्टिवल में अत्यधिक ग्लैमर, शराब, बोल्ड थीम और वेस्टर्न कल्चर को प्रमोट किया जाता है, जो भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों से मेल नहीं खाता।
कई संगठनों का कहना है कि देश की संस्कृति को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों पर रोक लगनी चाहिए।

3. अवैधताओं, शोर और सुरक्षा को लेकर सवाल
अक्सर फेस्टिवल के दौरान
- रात में तेज़ आवाज़,
- कानून व्यवस्था की समस्या,
- पर्यावरण को नुकसान,
- ट्रैफिक जाम,
- स्थानीय लोगों की परेशानी
जैसे मुद्दे सामने आते हैं।
गोवा के कई नागरिक और स्थानीय संघ लंबे समय से इस फेस्टिवल के विरोध में हैं।
4. Youth को गलत दिशा में ले जाने का दावा
सोशल मीडिया पर कई वीडियो और पोस्ट वायरल हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि इस तरह के फेस्टिवल में युवा अपनी पढ़ाई, करियर और जीवन के लक्ष्यों से भटक जाते हैं।
“Sunburn Hatao Desh Bachao” ट्रेंड का सबसे बड़ा तर्क यही है कि—
यह फेस्टिवल युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक और पार्टी कल्चर में इतना डूबो देता है कि वे अपनी प्राथमिकताओं से भटक सकते हैं।

क्या सच में Sunburn युवा पीढ़ी को गुमराह कर रहा है?
यह एक जटिल सवाल है।
सकारात्मक पक्ष:
- युवा यहां म्यूजिक, डांस और आर्ट से जुड़ते हैं।
- कई भारतीय आर्टिस्ट को अंतरराष्ट्रीय मंच मिलता है।
- पर्यटन को बढ़ावा देता है।
- रोजगार के अवसर पैदा करता है।
नकारात्मक पक्ष:
- नशा संस्कृति का जोखिम
- महंगा ग्लैमर लाइफस्टाइल प्रमोट होना
- सामाजिक मूल्यों का टकराव
- सुरक्षा और नैतिक मुद्दे
असल बात यह है कि फेस्टिवल अपने आप में गलत नहीं, लेकिन इसका प्रबंधन, सुरक्षा और मॉनिटरिंग अत्यंत जरूरी है। कई लोग मानते हैं कि इस फेस्टिवल को ‘बैन’ नहीं, बल्कि ‘रेगुलेट’ किया जाना चाहिए।
Sunburn Hatao Desh Bachao अभियान क्या मांग कर रहा है?
यह अभियान कह रहा है कि—
- फेस्टिवल की जांच हो।
- नशा और अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई हो।
- युवाओं को सुरक्षित माहौल दिया जाए।
- सरकार इस तरह के इवेंट्स को नियंत्रित करे।
- अत्यधिक ग्लैमर और हानिकारक प्रभावों को रोका जाए।
कई नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और धार्मिक संगठनों ने खुले तौर पर फेस्टिवल पर रोक लगाने की मांग भी की है।
Sunburn Festival यह इस बात का संकेत है कि आज की युवा पीढ़ी किस दिशा में जा रही है और समाज उसके भविष्य को लेकर कितना चिंतित है।
फेस्टिवल को रोकना समाधान है या नहीं—इस पर बहस जारी है, लेकिन यह साफ है कि लोगों की भावनाओं, संस्कृति और युवाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कड़ा मॉनिटरिंग जरूरी है।
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