मेरठ में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश बंद का व्यापक असर देखने को मिला। वकीलों ने सड़क पर उतरकर आंदोलन तेज किया। मेरठ बार एसोसिएशन अध्यक्ष संजय शर्मा ने सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने की मांग उठाई।
मेरठ —
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर लंबे समय से चल रहा आंदोलन अब एक बार फिर तेज हो गया है। केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आह्वान पर शुक्रवार को मेरठ में बंद का व्यापक असर देखने को मिला। शहर के प्रमुख बाजारों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यापारिक गतिविधियां ठप रहीं।
बंद के दौरान वकीलों ने सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने की मांग दोहराई। प्रदर्शन का नेतृत्व मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट संजय शर्मा ने किया। उनके साथ बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे, जिन्होंने नारेबाजी करते हुए न्यायिक व्यवस्था में सुधार की मांग की।
⚖️ सस्ता और सुलभ न्याय आंदोलन का मुख्य मुद्दा
एडवोकेट संजय शर्मा ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लाखों लोगों को न्याय के लिए प्रयागराज हाईकोर्ट जाना पड़ता है, जो आम नागरिकों के लिए समय, पैसा और संसाधनों की दृष्टि से बेहद कठिन है।
उन्होंने कहा—
“पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आबादी कई राज्यों से अधिक है, लेकिन आज भी यहां हाईकोर्ट की बेंच नहीं है। इससे आम लोगों को न्याय मिलने में वर्षों लग जाते हैं।”
🏛️ पश्चिमी यूपी की अनदेखी का आरोप
वकीलों का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश देश के सबसे संवेदनशील और अधिक मुकदमों वाले क्षेत्रों में से एक है। इसके बावजूद यहां हाईकोर्ट बेंच की अनदेखी की जा रही है।
प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि—
- यहां से बड़ी संख्या में मामले हाईकोर्ट तक जाते हैं
- अपराध और सामाजिक विवाद अधिक हैं
- न्यायिक ढांचा कमजोर बना हुआ है
ऐसे में मेरठ में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना बेहद जरूरी है।
📢 बंद का व्यापक असर
बंद का असर मेरठ शहर के अलावा आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी दिखाई दिया।
- बाजार पूरी तरह बंद रहे
- सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा
- आमजन ने भी आंदोलन का समर्थन किया
कई सामाजिक संगठनों ने वकीलों के आंदोलन को न्यायसंगत बताते हुए समर्थन दिया।

🗣️ एडवोकेट संजय शर्मा का बयान मेरठ में हाईकोर्ट बेंच
मेरठ बार एसोसिएशन अध्यक्ष एडवोकेट संजय शर्मा ने कहा—
“हमारा संघर्ष किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के करोड़ों लोगों के अधिकार की लड़ाई है। जब तक यहां हाईकोर्ट बेंच की स्थापना नहीं होती, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।


📜 पहले भी उठ चुकी है मांग
गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर आंदोलन हुए हैं।
- धरना-प्रदर्शन
- न्यायिक कार्य बहिष्कार
- ज्ञापन सौंपना
जैसे कई प्रयास किए गए, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।


⚖️ न्याय व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत
वकीलों का मानना है कि मेरठ में हाईकोर्ट बेंच बनने से—
- न्याय प्रक्रिया तेज होगी
- आम जनता को राहत मिलेगी
- न्यायिक बोझ कम होगा
- कानून व्यवस्था में सुधार आएगा
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