Jeffrey Epstein Files Donald Trump: जेफ्री एप्सटीन की ‘ब्लैक बुक’ का काला सच क्या फाइल्स में डोनाल्ड ट्रंप को बचाने की कोशिश हुई?
जेफ्री एप्सटीन यौन शोषण मामले की फाइल्स सार्वजनिक होने के बाद हड़कंप मचा है। जानिए उन हाई-प्रोफाइल ग्राहकों के नाम और ट्रंप के साथ एप्सटीन के रिश्तों की पूरी सच्चाई। बिल क्लिंटन से लेकर प्रिंस एंड्रयू तक, जेफ्री एप्सटीन की लिस्ट में कई बड़े नाम शामिल हैं। लेकिन क्या डोनाल्ड ट्रंप को इन फाइल्स में क्लीन चिट मिली या सच छिपाया गया? पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
जेफ्री एप्सटीन के ‘पाप के टापू’ पर कौन-कौन गया? क्या ट्रंप का नाम फाइल्स से हटाया गया? देखिए इस केस की इनसाइड स्टोरी।


जेफ्री एप्सटीन फाइल्स: रसूखदारों के ‘पाप’ की कहानी और ट्रंप का कनेक्शन
दशकों तक अमेरिकी रसूखदारों के बीच रहने वाला जेफ्री एप्सटीन केवल एक वित्तपोषक (Financier) नहीं था, बल्कि वह एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय यौन तस्करी नेटवर्क का केंद्र था, जिसने दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। हाल ही में सार्वजनिक हुई ‘एप्सटीन फाइल्स’ ने एक बार फिर उन नामों को उजागर किया है जिन्होंने एप्सटीन के निजी द्वीप और उसकी पार्टियों में शिरकत की थी।




Jeffrey Epstein Files Donald Trump कौन थे एप्सटीन के रसूखदार ग्राहक?
अदालती दस्तावेजों और गवाहों के बयानों के अनुसार, एप्सटीन के नेटवर्क में राजनीति, व्यापार और मनोरंजन जगत की दिग्गज हस्तियां शामिल थीं। इनमें से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- प्रिंस एंड्रयू: ब्रिटिश राजपरिवार के सदस्य, जिन पर सीधे तौर पर यौन शोषण के आरोप लगे।
- बिल क्लिंटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, जिनका नाम दस्तावेजों में कई बार आया, हालांकि उन्होंने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।
- बिल गेट्स: माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक, जिनका एप्सटीन के साथ मिलना-जुलना चर्चा का विषय रहा।
- एलन डर्शोविट्ज़: मशहूर वकील, जिन पर एप्सटीन की पीड़िता ने आरोप लगाए थे।



क्या डोनाल्ड ट्रंप को बचाने की कोशिश हुई?
सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में यह बहस तेज है कि क्या फाइल्स में डोनाल्ड ट्रंप का बचाव किया गया है। सच्चाई यह है कि ट्रंप और एप्सटीन 90 के दशक में अच्छे दोस्त थे। ट्रंप ने एक बार एप्सटीन को “टेरिफिक गाय” (शानदार व्यक्ति) भी कहा था।
दस्तावेजों में ट्रंप का जिक्र:
- गवाहों के बयान: एप्सटीन की मुख्य पीड़िता जोहाना सजोबर्ग ने अपने बयान में कहा था कि ट्रंप कभी एप्सटीन के द्वीप (Little St. James) पर नहीं गए।
- क्लीन चिट या बचाव?: फाइल्स में यह स्पष्ट किया गया कि ट्रंप ने एप्सटीन के साथ यात्राएं जरूर की थीं, लेकिन उनके खिलाफ किसी नाबालिग के यौन शोषण का सीधा सबूत या गवाही इन दस्तावेजों में नहीं मिली। ट्रंप के समर्थकों का तर्क है कि उन्होंने 2000 के दशक की शुरुआत में ही एप्सटीन से दूरी बना ली थी और उसे अपने ‘मार-ए-लागो’ क्लब से प्रतिबंधित कर दिया था।
- राजनीतिक नैरेटिव: आलोचकों का मानना है कि ट्रंप के रसूख के कारण कुछ जानकारियों को दबाया गया हो सकता है, लेकिन अभी तक अदालती कागजात इस बात की पुष्टि नहीं करते कि उन्हें बचाने के लिए कोई सुनियोजित साजिश रची गई थी।
एप्सटीन की मौत और अधूरा न्याय
2019 में जेल में एप्सटीन की रहस्यमयी मौत ने कई राज दफन कर दिए। हालांकि उसकी सहयोगी घिसलेन मैक्सवेल को जेल की सजा हो चुकी है, लेकिन पीड़ितों का मानना है कि असली ‘ग्राहक’ अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। सार्वजनिक हुए ये दस्तावेज पारदर्शिता की ओर एक कदम जरूर हैं, लेकिन क्या दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोग कभी कानून के कठघरे में खड़े होंगे? यह सवाल आज भी बरकरार है।
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