Wednesday, December 24, 2025
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ISRO LVM3 Launch: भारत के ‘बाहुबली’ ने फिर रचा इतिहास LVM-3 ने BlueBird-6 के साथ भरी सबसे भारी उड़ान, मोबाइल कनेक्टिविटी में आएगी क्रांति

ISRO LVM3 Launch: भारत के ‘बाहुबली’ ने फिर रचा इतिहास: LVM-3 ने BlueBird-6 के साथ भरी सबसे भारी उड़ान, मोबाइल कनेक्टिविटी में आएगी क्रांति

ISRO के LVM3 (बाहुबली) रॉकेट की ऐतिहासिक लॉन्चिंग और BlueBird-6 सैटेलाइट के सफल प्रक्षेपण पर आधारित एक विस्तृत न्यूज़ रिपोर्ट। भारत के ‘बाहुबली’ रॉकेट ने BlueBird-6 सैटेलाइट लॉन्च कर रचा इतिहास। जानें कैसे यह मिशन मोबाइल कनेक्टिविटी को बदल देगा और भारत के लिए यह बड़ा बिजनेस मौका क्यों है।

श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने साल 2025 के अंत में देश को एक और गौरवशाली पल दिया है। आज, भारत के सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3 (Launch Vehicle Mark-3), जिसे प्यार से ‘बाहुबली’ भी कहा जाता है, ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से ऐतिहासिक उड़ान भरी। इस मिशन में रॉकेट ने अब तक के सबसे भारी कमर्शियल सैटेलाइट BlueBird-6 को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया है।

ISRO LVM3 Launch
ISRO LVM3 Launch

स्पेस में भारत की एक और बड़ी जीत!

यह लॉन्च न केवल इसरो की तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन है, बल्कि यह वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में भारत की बढ़ती धमक को भी साबित करता है।

ISRO LVM3 Launch क्या है यह मिशन और क्यों है खास?

भारत का बाहुबली फिर दहाड़ा! 🚀🇮🇳 ISRO ने LVM3 से BlueBird-6 को लॉन्च कर रचा इतिहास। अब मोबाइल नेटवर्क की समस्या होगी खत्म।

आज का लॉन्च कई मायनों में ऐतिहासिक है। LVM3 ने जिस BlueBird-6 सैटेलाइट को लॉन्च किया है, वह अत्याधुनिक संचार तकनीक से लैस है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह मिशन भारत और दुनिया भर में मोबाइल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

इस सैटेलाइट का मुख्य उद्देश्य ‘डायरेक्ट-टू-सेल’ (Direct-to-Cell) कनेक्टिविटी प्रदान करना है। इसका मतलब है कि अब सुदूर इलाकों, पहाड़ों और जंगलों में—जहाँ मोबाइल टावर लगाना मुश्किल है—वहाँ भी सीधे स्पेस से मोबाइल नेटवर्क मिलेगा। ‘डेड ज़ोन’ (Dead Zones) की समस्या अब इतिहास बन जाएगी।

LVM3 को क्यों कहा जाता है ‘बाहुबली’?

इसरो के वैज्ञानिकों और मीडिया ने LVM3 को ‘बाहुबली’ नाम दिया है, और इसके पीछे ठोस कारण हैं:

  1. विशाल क्षमता: यह इसरो का सबसे भारी और शक्तिशाली रॉकेट है। यह 4,000 किलोग्राम तक के पेलोड को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) और 8,000 किलोग्राम तक के पेलोड को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में ले जाने में सक्षम है।
  2. सफलता का रिकॉर्ड: अपनी पहली उड़ान से लेकर अब तक, LVM3 ने चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और वनवेब (OneWeb) जैसे जटिल मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। इसकी विश्वसनीयता (Reliability) इसे दुनिया के सबसे भरोसेमंद रॉकेटों में से एक बनाती है।
  3. ताकतवर इंजन: इसमें दो ठोस स्ट्रैप-ऑन मोटर्स (S200), एक लिक्विड कोर स्टेज (L110) और एक हाई-थ्रस्ट क्रायोजेनिक अपर स्टेज (C25) का उपयोग होता है, जो इसे भारी वजन उठाने की ‘बाहुबली’ जैसी शक्ति देता है।
ISRO LVM3 Launch

भारत के लिए बड़ा बिजनेस मौका

BlueBird-6 का लॉन्च भारत के लिए केवल विज्ञान की जीत नहीं, बल्कि एक बड़ी व्यावसायिक जीत भी है। यह लॉन्च इसरो की कमर्शियल शाखा, NSIL (NewSpace India Limited) के तहत किया गया है।

  • विदेशी मुद्रा की कमाई: भारी विदेशी सैटेलाइट्स को लॉन्च करके भारत विदेशी मुद्रा कमा रहा है।
  • सस्ता और भरोसेमंद: अमेरिका और यूरोप की स्पेस एजेंसियों के मुकाबले इसरो बहुत कम लागत में सैटेलाइट लॉन्च करता है। एलन मस्क की SpaceX को टक्कर देने के लिए LVM3 भारत का सबसे मजबूत घोड़ा बनकर उभरा है।
  • ग्लोबल मार्केट में साख: इतने भारी कमर्शियल सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग से दुनिया भर की प्राइवेट कंपनियों का भरोसा इसरो पर और बढ़ा है।

भविष्य की उम्मीदें

इस सफल लॉन्च के साथ, इसरो ने बता दिया है कि वह केवल चंद्रमा या मंगल तक पहुँचने तक सीमित नहीं है, बल्कि वह आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने वाली तकनीक (जैसे बेहतर इंटरनेट और कॉलिंग) में भी अहम भूमिका निभा रहा है। मोबाइल कनेक्टिविटी में आने वाली यह क्रांति डिजिटल इंडिया के सपने को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।


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