Divya Bharti 1992: का वो दौर और ‘सात समुंदर पार’ दिव्या भारती की वो जादुई दुनिया जिसने बॉलीवुड को हिला दिया था
Divya Bharti 1992: साल 1992 फिल्म ‘विश्वात्मा’ (Vishwatma) रिलीज होती है। सिनेमाघरों में एक गाना बजता है—“सात समुंदर पार मैं तेरे पीछे-पीछे आ गई…”। स्क्रीन पर एक मासूम, बेहद खूबसूरत और ऊर्जा से भरी लड़की थिरकती नजर आती है। यह लड़की थी दिव्या भारती (Divya Bharti)। जानें 90 के दशक की सनसनी दिव्या भारती की कहानी। ‘सात समुंदर पार’ गाने से कैसे रचा इतिहास और क्यों महज 19 साल की उम्र में बन गई थीं बॉलीवुड की सबसे बड़ी एक्ट्रेस?


इस एक गाने ने दिव्या भारती को रातों-रात पूरे भारत का क्रश बना दिया था। आज 3 दशक बाद भी, यह गाना किसी भी पार्टी की जान है, लेकिन इस गाने को अमर बनाने वाली दिव्या भारती की कहानी किसी परीकथा और त्रासदी का मिला-जुला रूप है।
90 के दशक के संगीत में जो जादू और ‘दम’ था, वह उसकी ओरिजिनल मेलोडी (Melody) और दिल को छू लेने वाले बोलों में था, जिसे नदीम-श्रवण, जतिन-ललित जैसे संगीतकारों और कुमार शानू, उदित नारायण व अल्का याग्निक जैसी जादुई आवाजों ने अमर बना दिया। उस दौर के गानों में असली वाद्ययंत्रों (Instruments) का प्रयोग और भावनाओं की गहराई होती थी जो सीधा दिल में उतर जाती थी, जबकि आज के रीमिक्स अक्सर केवल तेज़ बीट्स, शोर और ऑटो-ट्यून पर आधारित होते हैं, जो गाने की मूल ‘आत्मा’ को खत्म कर देते हैं; यही कारण है कि 90s के गाने आज भी सुकून देते हैं, जबकि रीमिक्स कुछ समय बाद भुला दिए जाते हैं।
फिल्म तू मेरी मैं तेरा मैं तेरा तू मेरी की रिलीज में बहुत कम समय बाकी रह गया है। इससे पहले मूवी का नया गाना सात समंदर पार 2.0 को रिलीज किया गया है, जिसमें कार्तिक आर्यन और अनन्या पांडे की रोमांटिक केमिस्ट्री देखने को मिल रही है। लेकिन बी टाउन की वेटरन एक्ट्रेस रहीं दिव्या भारती के सात समंदर पार गाने को दोबारा से रीक्रिएट किया गया है, जिसे देखकर यूजर्स भड़के गए हैं। इसके बाद तू मेरी मैं तेरा मैं तेरा तू मेरी के नए गाने की आलोचना हो रही है और कार्तिक आर्यन-अनन्या पांडे को जमकर ट्रोल भी किया जा रहा है।
‘सात समुंदर पार’ का जादू


साधना सरगम की आवाज़ और विजू शाह का संगीत बेहतरीन था, लेकिन पर्दे पर जो जादू चला, वह सिर्फ दिव्या भारती का था। 1992 में इस गाने में दिव्या का डांस, उनकी मासूमियत और उनका स्टाइल इतना पॉपुलर हुआ कि वह उस समय की टॉप हीरोइनों के लिए खतरा बन गईं। यह गाना केवल एक ट्रैक नहीं था, बल्कि दिव्या भारती के सुपरस्टारडम का आगाज था।
कौन थीं दिव्या भारती?
दिव्या भारती का जन्म 25 फरवरी 1974 को मुंबई में हुआ था। वह बचपन से ही बहुत चुलबुली और जिद्दी थीं। पढ़ाई में उनका मन कम लगता था, लेकिन खूबसूरती ऐसी थी कि बहुत छोटी उम्र से ही उन्हें फिल्मों के ऑफर मिलने लगे थे। उन्होंने महज 16 साल की उम्र में तेलुगु फिल्म ‘बोब्बिली राजा’ (Bobbili Raja) से अपने करियर की शुरुआत की, जो सुपरहिट रही। साउथ में तहलका मचाने के बाद उन्होंने बॉलीवुड का रुख किया।
कैसे मिली शोहरत और कैसे बनीं ‘नंबर 1’?
दिव्या भारती की सफलता की कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं थी। उन्होंने 1992 और 1993 के बीच, यानी सिर्फ 2-3 सालों के अपने छोटे से करियर में लगभग 14 से ज्यादा फिल्में कीं, जो एक रिकॉर्ड है।
- 1992 का धमाका: 1992 में दिव्या की एक के बाद एक कई फिल्में रिलीज हुईं—’विश्वात्मा’, ‘शोला और शबनम’ (गोविंदा के साथ), और ‘दीवाना’ (ऋषि कपूर और शाहरुख खान के साथ)। ‘दीवाना’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर का ‘लक्स् न्यू फेस ऑफ द ईयर’ का अवॉर्ड भी मिला।
- श्रीदेवी से तुलना: दिव्या की शक्ल और अदाकारी काफी हद तक सुपरस्टार श्रीदेवी से मिलती थी। लोग उन्हें ‘अगली श्रीदेवी’ कहने लगे थे। उनका स्टारडम इतनी तेजी से बढ़ा कि उस समय इंडस्ट्री में कहा जाने लगा कि दिव्या भारती ने बाकी हीरोइनों की ‘छुट्टी’ कर दी है।
- सबसे ज्यादा फीस: महज 19 साल की उम्र में वह उस समय की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली अभिनेत्रियों की लिस्ट में शामिल हो गई थीं। निर्माता-निर्देशक उन्हें साइन करने के लिए लाइन लगाकर खड़े रहते थे।


क्या वह उस समय की मशहूर एक्ट्रेस थीं?
जी हाँ, बिल्कुल। 1992-1993 के दौरान दिव्या भारती केवल मशहूर ही नहीं थीं, बल्कि वह ‘द मोस्ट वॉन्टेड एक्ट्रेस’ थीं। उस दौर में माधुरी दीक्षित और जूही चावला जैसी स्थापित अभिनेत्रियाँ थीं, लेकिन दिव्या ने अपनी मासूमियत और बेबाक अभिनय से अपनी एक अलग जगह बना ली थी। शाहरुख खान, गोविंदा, सनी देओल जैसे बड़े स्टार्स के साथ उनकी जोड़ी हिट थी।
एक अधूरा अफसाना
दुर्भाग्यवश, 5 अप्रैल 1993 को महज 19 साल की उम्र में अपने फ्लैट की बालकनी से गिरने के कारण उनकी रहस्यमयी मौत हो गई। उनकी मौत ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया। वह इतनी तेजी से उभरीं और इतनी जल्दी चली गईं कि लोग आज भी विश्वास नहीं कर पाते। लेकिन ‘सात समुंदर पार’ गाने में उनकी वो मुस्कान आज भी जिंदा है।
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