Unnao Case : उन्नाव कांड में उम्रकैद की सजा काट रहे कुलदीप सेंगर की बेटी इशिता सेंगर ने सोशल मीडिया पर एक भावुक और कड़ा पोस्ट लिखा है। जानें उन्होंने देश की न्याय व्यवस्था और अपने परिवार के हालात पर क्या कहा।
खामोशी कमजोरी नहीं, भरोसे की इंतहा थी।” कुलदीप सेंगर की बेटी इशिता सेंगर ने 8 साल बाद चुप्पी तोड़ी है। एक भावुक पोस्ट के जरिए उन्होंने व्यवस्था पर सवाल उठाए और अपना दर्द साझा किया। क्या है पूरा मामला? पढ़ें इस रिपोर्ट में।
थक गई हूं, डरी हुई हूं…” – इशिता सेंगर का दर्दनाक पोस्ट
उत्तर प्रदेश के चर्चित उन्नाव कांड में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की छोटी बेटी इशिता सेंगर ने सोशल मीडिया पर एक ऐसा पोस्ट लिखा है जिसने इंटरनेट पर हलचल मचा दी है। पिछले 8 सालों से मीडिया की चकाचौंध और विवादों से दूर रहने वाली इशिता ने पहली बार सार्वजनिक रूप से अपना पक्ष रखा है। उनके शब्दों में गहरा दर्द, नाराजगी और व्यवस्था के प्रति एक कड़वा अनुभव झलकता है।

“मेरा रेप किया जाना चाहिए…” – आखिर ऐसा क्यों कहा?
इशिता ने अपने पोस्ट की शुरुआत बेहद कड़े और झकझोर देने वाले शब्दों से की है। उन्होंने लिखा, “मेरा रेप किया जाना चाहिए… मुझे सरेआम फांसी दी जानी चाहिए।” यह वाक्य उन्होंने उन लोगों पर कटाक्ष करते हुए लिखे हैं जो उनके परिवार को लगातार निशाना बना रहे हैं। इशिता का कहना है कि एक बेटी होने के नाते उन्हें और उनके परिवार को समाज ने जिस नजरिए से देखा और जिस तरह की टिप्पणियां उन पर की गईं, उसने उन्हें भीतर तक तोड़ दिया है।
8 सालों की चुप्पी और न्याय पर भरोसा

इशिता ने लिखा कि पिछले 8 सालों से वह और उनकी बहन खामोश थीं। यह खामोशी उनकी कमजोरी नहीं थी, बल्कि देश की न्याय व्यवस्था और संस्थाओं पर उनके भरोसे का नतीजा थी। उन्होंने बताया कि कैसे कम उम्र में ही उन्हें एक ऐसी लड़ाई लड़नी पड़ी जिसके लिए वह तैयार नहीं थीं। वह लिखती हैं, “मैं थक गई हूं, मैं डरी हुई हूं, लेकिन मैं अभी भी उम्मीद से हूं।”
व्यवस्था और समाज से सवाल
इशिता का यह पोस्ट केवल एक व्यक्तिगत पीड़ा नहीं है, बल्कि यह उन परिवारों के संघर्ष को भी दर्शाता है जिनके सदस्य किसी बड़े विवाद या कानूनी मामले में फंसे होते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या किसी एक व्यक्ति के कृत्यों की सजा उसके पूरे परिवार को, विशेषकर उसकी बेटियों को मिलनी चाहिए? उन्होंने बताया कि कैसे सालों तक चुप्पी साधने के बाद भी उनके परिवार के प्रति नफरत कम नहीं हुई।
इमोशनल और वायरल पोस्ट

इशिता ने अपने पोस्ट में इस बात का जिक्र किया कि वह अब अपनी बात रखने से पीछे नहीं हटेंगी। उन्होंने समाज और व्यवस्था से यह भी पूछा कि क्या एक अपराधी (अदालत के अनुसार) की बेटी को गरिमा के साथ जीने का हक नहीं है? उन्होंने अपनी मां के संघर्षों और अपनी पढ़ाई-लिखाई के बीच इस केस के साये में जीने की दास्तां को बड़े ही भावुक ढंग से साझा किया है।
कुलदीप सेंगर को अदालत ने सजा सुनाई है और वह कानूनन अपना दंड भुगत रहे हैं। लेकिन उनकी बेटी इशिता का यह पोस्ट अपराध के इतर मानवीय संवेदनाओं और एक परिवार की मानसिक पीड़ा की ओर इशारा करता है। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है और लोग इस पर अपनी अलग-अलग राय दे रहे हैं।
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