Ambala: अंबाला शहर नालों की सफाई एक नई बहस का विषय बन गई है। अब सिर्फ भाजपा के मनोनीत पार्षद ने नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाई है। इसके लिए निर्वाचित पार्षद संदीप सचदेवा ने भी सीएम नायब सैनी को पत्र लिखा है। उन्हें नगर निगम अंबाला में नालों की सफाई में हो रहे गड़बड़ों को नियंत्रित करने की मांग की है। यदि कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पार्षद छह जून को धरने पर बैठ सकते हैं।
पार्षद ने सीएम को लिखे पत्र में नगर निगम के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे बार-बार चेतावनी देते हुए भी आपातकालीन टेंडर तैयार कर रहे हैं। उनका कहना था कि पिछली बार भी अफसरों ने बारिश से कुछ दिन पहले टेंडर लगाया था। जब सफाई शुरू हुई, तब तक बारिश हुई, जिससे अंबाला जलमग्न हो गया।
Ambala: अधिकारियों द्वारा सरकार की बदनामी
संदीप सचदेवा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि नगर निगम अधिकारियों की कार्यप्रणाली सरकार और पार्टी को बदनाम कर रही है। पिछले वर्ष 28 जून 2023 को, उन्होंने नगर निगम के कमिश्नर और मुख्य अधिकारियों को बताया कि नालों की सफाई नहीं होने से अंबाला बारिश में जलमग्न हो जाएगा। अधिकारियों ने नाले की सफाई के टेंडर लगाए जो काम नहीं करते थे लेकिन सफाई कागजों में होती थी। इससे बाढ़ आई। शहर को इससे दोगुना नुकसान हुआ।
Ambala: अफसर चाहते हैं कि आपातकालीन टेंडर
सचदेवा ने लिखा कि बाढ़ के बाद भी वह नगर कमिश्नर और मुख्य अधिकारियों से लगातार संपर्क में था। अक्टूबर 2023 में, निगम के अधिकारियों को शहर के मुख्य नालों और अंदरूनी क्षेत्रों के छोटे नालों की स्थिति की जानकारी दी गई। निगम ने इसके बाद भी कुछ नहीं किया। फरवरी 2024 में, वे नगर निगम कमिश्नर से फिर से मिले और अपनी समस्या को उन्होंने बताया।
इसके बाद निगम अधिकारियों ने योजना बनाई कि दिखावे के लिए चार करोड़ रुपये का टेंडर दो साल में एक बार सफाई के लिए निकाला जाए और नई शर्तों को लागू करके इसे रद्द कर दिया जाए, ताकि एक आपातकालीन टेंडर लगाया जा सके जब और कोई चारा न बचे। पिछले वर्ष लगभग पचास लाख रुपये का टेंडर लगाया गया था, इस वर्ष उसे ८० लाख रुपये में देने की योजना है। यह टेंडर तब लगाया जाता है जब बारिश आने में 20 दिन बचे हैं। इसमें शहर के अंदरूनी नालों की कोई सफाई नहीं की जाएगी, सिर्फ मुख्य तीन नालों की सफाई होगी।
Ambala: जनता को आवाज उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है: सचदेवा
सचदेवा ने पत्र में आगे कहा कि ऐसी परिस्थितियों में अफसरशाही अनियंत्रित होकर गलत काम करती है। यही कारण है कि उनके पास इन अफसरों के खिलाफ आपके सामने और आम जनता में जाकर आवाज उठाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। उन्हें मुख्यमंत्री से ऐसी परंपराओं को रोकने की अपील की।
Ambala: पिछली बार 50 लाख का टेंडर लगाया गया था
नगर निगम ने पिछली बार बारिश से कुछ दिन पहले एक कंपनी को नालों की सफाई का ठेका दिया था। बताया जाता है कि 50 लाख रुपये का सौदा किया गया था। जब तक बारिश आ गई, तब तक यह कुछ दिनों में साफ हो गया। बारिश इतनी बढ़ गई कि अंबाला में बाढ़ आई। कई जगहों पर भी संपर्क टूट गया था। जब बारिश आने को कुछ दिन शेष रह गए हैं, तो ऐसा ही हो रहा है। उस परिस्थिति में अभी भी टेंडर प्रक्रिया जारी है।
शहर में 89 छोटी और तीन बड़ी ड्रेन हैं
शहर में करीब ९९ छोटी ड्रेन और नाले और तीन बड़ी ड्रेन हैं। इन नालों की सफाई के लिए अभी तक कोई निविदा नहीं जारी की गई है। इनमें सेशन ड्रेन चार हजार 600 मीटर, इंको ड्रेन चार हजार 899 मीटर और घेल ड्रेन 1700 मीटर लंबी है। इसके अलावा शहर में लगभग 89 छोटे नाले और ड्रेन हैं। इनकी लंबाई कुल 47 हजार 155 मीटर है। निगम ने इस सूची को बनाया है, लेकिन अभी तक उसे साफ नहीं किया गया है।
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Ambala: भाजपा पार्षद ने सफाई के लिए नाला खोला, सीएम को पत्र
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