Amit Shah on Vande Mataram वंदे मातरम् के 150 साल: अमित शाह बोले—‘हम किसी से डरते नहीं’, इंदिरा गांधी पर लगाए बड़े आरोप
Amit Shah on Vande Mataram अमित शाह ने राज्यसभा में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष चर्चा में भावुक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ गीत नहीं, बल्कि देश की आत्मा है। साथ ही इंदिरा गांधी पर गंभीर आरोप भी लगाए। यहाँ पढ़ें 5 बड़ी बातें।
वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर राज्यसभा में 9 दिसंबर को विशेष चर्चा हुई। इस चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक जोरदार और भावनात्मक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की पहचान, हमारी आज़ादी के संघर्ष की प्रेरणा और राष्ट्र की आत्मा है। शाह के भाषण में इतिहास का गौरव भी था और राजनीतिक तंज भी।


यहाँ उनके भाषण की 5 बड़ी बातें— Amit Shah on Vande Mataram
1. “वंदे मातरम् भारत की आत्मा है” Amit Shah on Vande Mataram
अमित शाह ने कहा कि वंदे मातरम् ने आज़ादी की लड़ाई में लाखों युवाओं को देश के लिए बलिदान देने की शक्ति दी।
उन्होंने कहा कि यह गीत सिर्फ शब्दों का समूह नहीं बल्कि ऐसी भावना है जो हर भारतीय के भीतर देशभक्ति की आग जगाती है।
2. “हम किसी से डरते नहीं—न वंदे मातरम् बोलने से, न राष्ट्रवाद से”
शाह ने अपने भाषण में कहा कि उनकी सरकार और उनका दल राष्ट्रवाद को लेकर हमेशा स्पष्ट रहा है—
“हम किसी से डरने वाले नहीं हैं। वंदे मातरम् हमारी पहचान है और हम इसे गर्व से बोलते रहेंगे।”
3. इंदिरा गांधी पर गंभीर आरोप
अमित शाह ने चर्चा के दौरान दावा किया कि एक दौर में वंदे मातरम् बोलने वाले कई लोगों को इंदिरा गांधी की सरकार ने जेल भेजा था।
हालाँकि यह दावा राजनीतिक आरोपों की श्रेणी में आता है, फिर भी शाह ने कहा कि इतिहास के ऐसे पन्नों पर भी चर्चा होनी चाहिए और देश को यह जानने का अधिकार है कि राष्ट्रवादी आवाजों को कैसे दबाने की कोशिशें हुईं।
4. “वंदे मातरम् सिर्फ इतिहास नहीं, भविष्य की प्रेरणा है”
उन्होंने कहा कि यह गीत आने वाली पीढ़ियों को भी भारत की संस्कृति, स्वतंत्रता और राष्ट्रीय गौरव की याद दिलाता रहेगा।
शाह ने इसे “भारत माता के प्रति श्रद्धा” का प्रतीक बताया।
5. सदन में विपक्ष पर भी साधा निशाना
गृह मंत्री ने कहा कि आज भी कुछ राजनीतिक दल वंदे मातरम् जैसे मुद्दों को लेकर संकोच दिखाते हैं।
उन्होंने आग्रह किया कि यह मुद्दा राजनीति का नहीं, देश की एकता और सांस्कृतिक पहचान का है।
अमित शाह का भाषण राजनीतिक भी था और भावनात्मक भी। उन्होंने वंदे मातरम् को राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बताया, साथ ही विपक्ष पर भी प्रहार किया।
राज्यसभा की यह चर्चा ऐतिहासिक गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर हुई, जिसमें राजनीतिक तकरार के बीच भी वंदे मातरम् की गूंज बार-बार सुनाई दी।
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