Monday, December 15, 2025
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Bengal Election : लालू के सहारे बंगाल फतह की तैयारी? बीजेपी ने चला ‘बिहार वाला दांव’, ममता बनर्जी के लिए बढ़ीं सियासी मुश्किलें

Bengal Election : लालू के सहारे बंगाल फतह की तैयारी? बीजेपी ने चला ‘बिहार वाला दांव’, ममता बनर्जी के लिए बढ़ीं सियासी मुश्किलें

Bengal Election : बंगाल को “बिहार पार्ट-2” बनने से रोकने का दावा, लालू राज के ‘जंगलराज’ की याद दिलाकर ममता सरकार पर बीजेपी का सबसे आक्रामक हमला। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ ‘बिहार मॉडल’ का दांव खेला है। लालू राज के जंगलराज की तुलना कर बीजेपी ने बंगाल की सियासत को गरमा दिया है। जानिए पूरा राजनीतिक विश्लेषण।

लालू के सहारे बंगाल फतह की तैयारी?

पश्चिम बंगाल की राजनीति एक बार फिर तेज़ उबाल पर है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ अब तक का सबसे आक्रामक नैरेटिव सामने रख दिया है। पार्टी ने सीधे-सीधे बिहार के लालू प्रसाद यादव के शासनकाल के ‘जंगलराज’ की याद दिलाते हुए ममता राज की तुलना उसी दौर से करने की कोशिश की है।

बीजेपी का दावा है कि जिस तरह बिहार में कभी कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति हावी थी, उसी रास्ते पर आज पश्चिम बंगाल को धकेला जा रहा है। पार्टी नेताओं के बयान और पोस्टर कैंपेन से साफ है कि 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी बंगाल में ‘डर बनाम विकास’ की राजनीति को धार देने में जुट गई है।

Bengal Election “बंगाल को बिहार पार्ट-2 नहीं बनने देंगे”

बीजेपी ने खुले तौर पर यह नारा दिया है कि “बंगाल को बिहार पार्ट-2 बनने से रोकना होगा”। इसके लिए लालू यादव के शासनकाल के पुराने मुद्दों—अपहरण, अपराध और प्रशासनिक अराजकता—को बार-बार उछाला जा रहा है।

बीजेपी नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी के 15 साल के शासन को आने वाली पीढ़ियां “जंगलराज के दौर” के रूप में याद रखेंगी। यहां तक कि अंग्रेज़ी में दिया गया बयान—“We Bengalis will forever remember Mamata’s 15-year tenure as the era of Jungle Raj”—भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल किया जा रहा है।

Bengal Election
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Bengal Election ममता बनर्जी के लिए क्यों बढ़ी चिंता?

ममता बनर्जी की सियासी ताकत हमेशा से ‘बंगाल की अस्मिता’ और बाहरी हस्तक्षेप के विरोध पर टिकी रही है। लेकिन बीजेपी की यह रणनीति सीधे आम जनता के डर और सुरक्षा की भावना को छूने की कोशिश कर रही है।

बीजेपी का फोकस है—

  • कानून-व्यवस्था पर सवाल
  • चुनावी हिंसा के आरोप
  • भ्रष्टाचार के मामलों को उभारना
  • केंद्र बनाम राज्य की टकराव की राजनीति

इस नैरेटिव से बीजेपी यह संदेश देना चाहती है कि अगर ममता सरकार रही, तो बंगाल का भविष्य अराजकता की ओर जा सकता है।

टीएमसी का पलटवार

तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बीजेपी के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। पार्टी का कहना है कि यह सब डर फैलाने की राजनीति है। टीएमसी नेताओं के मुताबिक, बीजेपी बंगाल में अपनी ज़मीन मजबूत नहीं कर पा रही, इसलिए बिहार की पुरानी कहानियों को बंगाल पर थोपने की कोशिश की जा रही है।

ममता बनर्जी खुद कई बार कह चुकी हैं कि बंगाल का मॉडल विकास, सामाजिक योजनाओं और महिला सशक्तिकरण पर आधारित है, न कि किसी ‘जंगलराज’ पर।

सियासी पारा कोलकाता से दिल्ली तक हाई

बीजेपी के इस ‘बिहार वाले दांव’ ने न सिर्फ कोलकाता बल्कि दिल्ली तक राजनीतिक हलचल तेज़ कर दी है। यह साफ है कि 2026 से पहले बंगाल की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप और ज्यादा तीखे होंगे। सवाल यही है कि क्या बीजेपी का यह रणनीतिक हमला मतदाताओं को प्रभावित कर पाएगा, या ममता बनर्जी एक बार फिर बंगाल की अस्मिता के नाम पर बाज़ी मार लेंगी?



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