Chamundeshwari Temple मैसूर: देवी दुर्गा के शक्तिपीठ का अद्भुत इतिहास, दर्शन का समय और पहुँचने का तरीका
Chamundeshwari Temple कर्नाटक के मैसूर में स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर देवी दुर्गा के अवतार मां चामुंडेश्वरी को समर्पित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। जानिए इसका इतिहास, पूजा समय, वास्तुकला और वहाँ कैसे पहुँचा जाए।
कर्नाटक के सुंदर शहर मैसूर (Mysuru) की एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर (Chamundeshwari Temple) दक्षिण भारत के सबसे प्रमुख देवी मंदिरों में से एक है। यह मंदिर देवी चामुंडेश्वरी, जो देवी दुर्गा का ही एक स्वरूप हैं, को समर्पित है। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहाँ की ऐतिहासिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता इसे यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाती है।

Chamundeshwari Temple मंदिर का इतिहास
चामुंडेश्वरी मंदिर का इतिहास लगभग 11वीं शताब्दी का माना जाता है। यह मंदिर मैसूर राजवंश (Wadiyar dynasty) द्वारा बनवाया गया था, जिन्होंने देवी चामुंडेश्वरी को अपना कुलदेवी (Kuldevi) माना।
किवदंती है कि देवी चामुंडेश्वरी ने इसी स्थान पर महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था, जिससे यह स्थान “मैसूर” (Mahishur या Mysuru) कहलाया।
मंदिर के प्रवेश द्वार पर महिषासुर की विशाल प्रतिमा आज भी विराजमान है, जो इस कथा की याद दिलाती है।
मंदिर की वास्तुकला द्रविड़ शैली में बनी है, जिसमें सात मंज़िला गोपुरम (टॉवर) और सुन्दर नक्काशीदार पत्थर के स्तंभ हैं। मंदिर के गर्भगृह में देवी चामुंडेश्वरी की प्रतिमा सोने के सिंहासन पर विराजमान है, और यह देवी आठ भुजाओं के साथ प्रकट होती हैं — जो शक्ति और विजय का प्रतीक हैं।

दर्शन और पूजा का समय
चामुंडेश्वरी मंदिर में हर दिन नियमित पूजा और आरती होती है।
दर्शन के समय इस प्रकार हैं:
- सुबह: 7:30 बजे से 2:00 बजे तक
- शाम: 3:30 बजे से 6:00 बजे तक
- विशेष आरती: नवरात्रि और दशहरा पर्व के दौरान विशेष पूजा व सजावट की जाती है।
शाम की आरती के समय मंदिर में देवी के दर्शन का विशेष महत्व है। देवी की ज्योति और मंदिर से दिखने वाला मैसूर शहर का दृश्य मन को भक्ति से भर देता है।

वास्तुकला और विशेषताएँ
मंदिर का मुख्य गोपुरम (टॉवर) लगभग 40 फीट ऊँचा है और उस पर की गई नक्काशी दक्षिण भारतीय कला का शानदार उदाहरण है।
मंदिर परिसर में देवी के वाहन शेर की मूर्ति और नंदी बैल की विशाल प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।
नंदी प्रतिमा ग्रेनाइट पत्थर से बनी है और लगभग 16 फीट ऊँची है। कहा जाता है कि इसे देखने से व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
Chamundeshwari Temple वहाँ कैसे पहुँचे
स्थान: चामुंडी हिल्स, मैसूर, कर्नाटक — यह शहर से लगभग 13 किलोमीटर दूर है।
कैसे पहुँचे:
- ✈️ हवाई मार्ग से: नज़दीकी हवाई अड्डा मैसूर एयरपोर्ट (Mysore Airport) है, जो लगभग 20 मिनट की दूरी पर है।
- 🚆 रेल मार्ग से: मैसूर जंक्शन रेलवे स्टेशन से टैक्सी या बस द्वारा लगभग 30 मिनट में पहुँचा जा सकता है।
- 🚌 सड़क मार्ग से: राज्य परिवहन बसें और निजी टैक्सियाँ नियमित रूप से चामुंडी हिल्स तक चलती हैं।
- 🚶 सीढ़ियाँ: श्रद्धालु चाहें तो 1,008 सीढ़ियों वाले पारंपरिक मार्ग से भी देवी के दर्शन के लिए पहाड़ी पर चढ़ सकते हैं।
दर्शन का सर्वोत्तम समय
अक्टूबर से फरवरी का समय यहाँ घूमने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। दशहरा पर्व के दौरान मंदिर में विशेष सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
चामुंडेश्वरी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह शक्ति, साहस और भक्ति का प्रतीक भी है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु देवी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करते हैं। मैसूर यात्रा पर आने वाले हर यात्री के लिए यह मंदिर अवश्य देखने योग्य स्थल है।
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