Chandigarh: सुषमा मल्होत्रा की कविताएं, लघुकथाएं, लेख और यात्रा संस्मरण हिंदी और अंग्रेजी में कई साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। उन्हें कई सम्मान और पुरस्कार मिल चुके हैं। इन्होंने साहित्य और शिक्षा से जुड़े कई संस्थाएं बनाई हैं। वहीं सारिका शिक्षा, साहित्य, सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्रों में बहुत रुचि रखती हैं।
चंडीगढ़ सेक्टर 43 के सामुदायिक केंद्र में आचार्यकुल चंडीगढ़ और संवाद साहित्य मंच ने लेखिका सुषमा मल्होत्रा का सम्मान समारोह का आयोजन किया। इस दौरान, सारिका धूपड़ ने 36 वर्ष बाद अपनी शिक्षिका से मुलाकात की, जो भी शिक्षिका बन चुकी थी। साथ ही शुभ आफ्टरनून सुषमा मैम ने भी इसी तरह कहा।
Saraika Dhupad सेक्टर 16 के JMSSS में जीव विज्ञान की प्रवक्ता हैं। 1987 में, सुषमा मल्होत्रा, जो अमेरिका में रहती थी, लुधियाना के एक स्कूल में पढ़ाती थी। सारिका धूपड़ उसी स्कूल में पढ़ती थी। वह छठी और सातवीं क्लास में उनसे पढ़ी है। सुषमा मल्होत्रा ने अंग्रेजी और भूगोल का पाठ्यक्रम दिया था।
Chandigarh: यह मेरा विद्यार्थी है..।
जब मेरी बारी कविता पाठ में आई, सारिका धूपड़ अपनी जगह पर खड़ी हो गई और एक छात्रा के अंदाज में सुंदर आफ्टरनून सुषमा मैम कहा। मैडम ने यह सुनकर भावविभोर हो गईं। जब वे कार्यक्रम हॉल में पहुंची, मैम ने बीच में अपना काव्य पाठ छोड़कर उनका स्वागत इन शब्दों से किया: “सारिका मेरी विद्यार्थी है।” लुधियाना के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल ने इन्हें शिक्षा दी है। उनके गले में प्यार था।
Chandigarh: गोष्ठी खत्म होने पर मैडम से कुछ समय बिताया। कई पुरानी यादें साझा कीं। सराभा, लुधियाना में सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल एक प्रतिष्ठित विद्यालय था। वहां पढ़ना और पढ़ाना बड़े गौरव की बातें थीं।
1991 में सुषमा मल्होत्रा अमेरिका चली गई थी। उनकी कविताएं, लघुकथाएं, लेख और यात्रा संस्मरण हिंदी और अंग्रेजी में कई साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। उन्हें कई सम्मान और पुरस्कार मिल चुके हैं। इन्होंने साहित्य और शिक्षा से जुड़े कई संस्थाएं बनाई हैं। सुषमा मल्होत्रा न्यूयॉर्क में Indian American Educators Association की संस्थापक अध्यक्ष हैं। जिसमें उन्होंने भारतीय अमेरिकन शिक्षकों को मिलकर अपने अनुभवों को साझा करने का मंच दिया है।
Saraika शिक्षा, साहित्य, सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्रों में बहुत रुचि रखती है। सारिका धूपड़ राजस्थान के झुंझुनू जिले के मुकुंदगढ़ गांव में जन्मी है और कविता, कहानी, लेख और लघु नाटक लेखन में माहिर है. उनकी रचनाएं हरियाणा शिक्षा विभाग की मासिक पत्रिका शिक्षा सारथी में प्रकाशित हो चुकी हैं, साथ ही तीन संयुक्त काव्य संग्रहों में भी प्रकाशित हो चुकी हैं। सारिका ने हिंदी साहित्य की काव्य विधा में अभिसार नामक एक पुस्तक प्रकाशित की है। साथ ही उन्होंने अपनी शिक्षिका को अपनी पुस्तक भेंट की।
Table of Contents
Chandigarh: मैम ने 36 साल बाद कवि सम्मेलन में अपनी शिक्षिका से मिली छात्रा को शुभकामना कहते ही गले लगा लिया
Discover more from VR News Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.