Dharmik or Myth: पुरुषों का घर या ऑफिस में झाड़ू–पोछा करना शुभ है या अशुभ? क्या नाराज हो जाती हैं माता लक्ष्मी? जानें मान्यता और सच्चाई
Dharmik or Myth: क्या पुरुषों का झाड़ू–पोछा करना अशुभ माना जाता है? क्या इससे माता लक्ष्मी नाराज होती हैं? जानें धार्मिक मान्यताएँ, वैज्ञानिक नजरिया और असली सच्चाई।
भारतीय समाज में लंबे समय से घर के कामों को लेकर कई तरह की मान्यताएँ चली आ रही हैं। विशेषकर यह विश्वास है कि पुरुषों को झाड़ू–पोछा या सफाई नहीं करनी चाहिए, वरना घर की लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। पर सिर्फ ओरते झाड़ू–पोछा या सफाई करे तो ही लक्ष्मी इस बात पर यकीन करने वाले भी काफ़ी लोग मानते है, लेकिन क्या वास्तव में शास्त्रों में ऐसा कुछ कहा गया है? क्या पुरुषों का सफाई करना अशुभ माना जाता है? आइए जानते हैं इस प्रचलित मान्यता की सच्चाई—धार्मिक और व्यावहारिक दोनों दृष्टियों से।
क्यों बनी यह मान्यता?
पुराने समय में घर के काम और बाहर के काम की भूमिकाएँ अलग-अलग तय थीं। कोरोना काल के बाद समाज धीरे-धीरे विकसित हुआ, पर कुछ धारणा आज भी चली आ रही हैं।
पुरुषों को झाड़ू–पोछा करने से रोकने के पीछे धार्मिक कारण कम और सामाजिक कारण अधिक हैं।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि
- यह धारणा पुरुषों को घरेलू कार्यों से दूर रखने का सांस्कृतिक तरीका था।
- समय के साथ यह मिथ “अशुभ” के रूप में प्रचारित हो गया।



क्या कहती हैं धार्मिक मान्यताएँ?
हिंदू धर्म में स्वच्छता को अत्यंत पवित्र माना गया है। “स्वच्छता ही लक्ष्मी का निवास स्थान है”—यह बात कई ग्रंथों में कही गई है। यानी जहाँ सफाई होती है, वहां माता लक्ष्मी का आगमन होता है।
❖ शास्त्रों में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि पुरुषों को सफाई नहीं करनी चाहिए।
❖ न ही यह लिखा है कि पुरुष झाड़ू लगाएंगे तो लक्ष्मी नाराज होंगी।
इसके विपरीत, कई ग्रंथों में यह भी बताया गया है कि घर की स्वच्छता हर सदस्य का कर्तव्य है। पुरुष, महिला या बच्चे—सभी का प्रयास घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है। इसलिए यह मान्यता कि “पुरुषों द्वारा सफाई अशुभ है”—दरअसल एक सामाजिक मिथ है, धार्मिक सत्य नहीं।
Dharmik or Myth लक्ष्मी नाराज होती हैं या प्रसन्न?
शास्त्र स्पष्ट रूप से कहते हैं—जहाँ सफाई है, वहाँ सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि आती है।
इसलिए:
✔ अगर कोई पुरुष अपने घर-ऑफिस की सफाई करता है, तो यह माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने वाला काम है।
✔ यह घर-ऑफिस में सुख–समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य को बढ़ाता है।
✔ सफाई स्वयं “सतोगुण” का प्रतीक है, और सतोगुण से ही लक्ष्मी का आवाहन होता है।
इसलिए यह मानना कि पुरुषों के सफाई करने से अशुभ होता है—पूरी तरह से गलत और बिना आधार है।


वैज्ञानिक दृष्टि से क्यों सही है पुरुषों का सफाई करना?
आध्यात्मिकता के साथ विज्ञान भी स्वच्छता के महत्व को मानता है।
- सफाई करने से तनाव कम होता है।
- घर की नेगेटिविटी दूर रहती है।
- परिवार में जिम्मेदारियों का संतुलित बंटवारा होता है।
- रिश्तों में प्रेम और सहयोग बढ़ता है।
अध्ययन यह भी बताते हैं कि
👉 जो पुरुष घर के कामों में मदद करते हैं, वे मानसिक रूप से अधिक खुश रहते हैं।
👉 परिवार में उनका सम्मान और जुड़ाव भी बढ़ता है।
ऑफिस में झाड़ू–पोछा करना
कई बार ऑफिस या दुकान चलाने वाले पुरुष सुबह खुद सफाई करते हैं। यह भी शास्त्रों के अनुसार शुभ माना गया है।
व्यापार में माना जाता है:
- साफ दुकान = अच्छी ऊर्जा
- अच्छी ऊर्जा = बढ़ता व्यापार
कई सफल व्यापारी और दुकानदार रोज खुद झाड़ू लगाते हैं और इसे लक्ष्मी वंदना से जोड़ते हैं।
निष्कर्ष: शुभ या अशुभ?
✔ पुरुष हो या स्त्री झाड़ू–पोछा हमेशा शुभ है।
✔ पुरुषों द्वारा सफाई करना कभी भी अशुभ नहीं।
✔ किसी भी देवी–देवता की नाराजगी का इससे कोई संबंध नहीं।
✔ यह एक जिम्मेदार, सकारात्मक और ऊर्जा बढ़ाने वाला कार्य है।
इसलिए पुरुषों का घर या ऑफिस की सफाई करना न केवल ठीक है, बल्कि आध्यात्मिक, सामाजिक और वैज्ञानिक तीनों दृष्टियों से बेहद अच्छा माना गया है।
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