Extortion: चार पुलिस अधिकारियों को अयोध्या हाईवे पर दूसरे राज्यों के बस चालकों को चालान और सीज करने की धमकी देने के मामले में निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
अयोध्या हाईवे पर बाहरी राज्यों के बस चालकों से वसूली का बड़ा खेल सामने आया है। मामला संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था की जांच में पकड़ में आया। विभूतिखंड थाने में मंगलवार रात चार पुलिसकर्मियों (ट्रैफिक पुलिस के दरोगा भी शामिल) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। सभी बंद हो गए। इनके खिलाफ भी विभागीय जांच का आदेश दिया गया है।
Extortion: वसूली की शिकायत संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल को मिली थी। बाद में जांच में दरोगा उमेश सिंह, सिपाही शुभम कुमार, विवेक विशाल दुबे और सचिन कुमार को दोषी पाया गया। इन सभी पर एफआईआर दर्ज कर अवैध वसूली की धारा में शिकायत दर्ज की गई है। भ्रष्टाचार अधिनियम का केस भी विवेचना के दौरान बढ़ाया जाएगा। संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि ये सभी पुलिसकर्मी रात में दूसरे राज्यों से आने वाली बसों को रोकते थे फिर चालान और सीज करने की धमकी देकर चालकों से वसूली करते थे। पुख्ता सुबूतों के आधार पर कार्रवाई की गई है।
Extortion: चंद मिनट में जुटाए सुबूत परिचालक बन बैठा पुलिसकर्मी
शिकायत मिलने के बाद एसपीओ ने साक्ष्य जुटाने के लिए स्टिंग कराया। इसमें एक पुलिसकर्मी को दूसरे राज्य की बस में डाल दिया गया था। इन पुलिसवालों ने उसे तिराहे पर रोक लिया। फिर कागजों को देखा और वसूली की राशि मांगी। पुलिस ने इसका ऑडियो और वीडियो रिकॉर्ड किया। जांच में इन्हें शामिल किया, जिसके आधार पर चारों को दोषी बनाया गया।
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मणिपुर यौन उत्पीड़न मामले में CBI जांच | July 28 | India Legal
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