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Haryana: अब पता लगाना बाकी है कि क्या हुड्डा-दुष्यंत खेमे ने भाजपा सरकार को गिराने का प्रयत्न किया है या नहीं!

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Haryana: भाजपा के 40 विधायक विधानसभा में हैं। कांग्रेस ने ३० एमएलए रखें हैं। जजपा ने दस विधायकों को चुना है। इनेलो और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक विधायक हैं। विधानसभा के छह सदस्यों में से छह निर्दलीय हैं। तीनों विधायकों ने कांग्रेस का समर्थन किया है। भाजपा के साथ कहा जाता है।

हरियाणा की राजनीति में लोकसभा चुनाव के बीच एक अनपेक्षित बदलाव देखा गया है। कारण यह है कि तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना पद छोड़ दिया है। उनका कहना है कि वे भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस पार्टी के साथ रहेंगे। कांग्रेस पार्टी के नेता भूपेंद्र हुड्डा ने राष्ट्रपति शासन की मांग की है क्योंकि प्रदेश में भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई है। भाजपा नेताओं ने कहा कि सरकार सुरक्षित है।

जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाती है, तो पार्टी बाहर से उसे समर्थन देगी। प्रदेश की राजनीति को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि समर्थन की कहानी अभी भी जारी है। हरियाणा में हिसाब अभी भी खुलना बाकी है। भाजपा सरकार गिराने की कोशिश में कांग्रेस और जजपा कहीं नहीं टूट रहे हैं। हमारे संपर्क में भी विधायक हैं, जैसा कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया है।

Haryana: सरकार का गठन, जजपा विधायकों के समर्थन से

हरियाणा में जजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर भरोसा नहीं करते। यद्यपि, पिछले वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि समान विचारधारा वाले दल विधानसभा चुनाव में मिल सकते हैं। उनसे जजपा के साथ किसी तरह का समझौता पूछा गया। उस वक्त तक जजपा भाजपा की सरकार में था।

Haryana: भाजपा ने मार्च में जजपा से गठबंधन तोड़ने की घोषणा की थी। नायब सैनी ने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया। उस समय भाजपा सरकार ने विधानसभा में विश्वासमत पाया था। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ९० में से ४० सीटों पर जीत हासिल की थी। सरकार बनाने के लिए चालीस पांच विधायकों का समर्थन चाहिए था। बाद में, भाजपा ने जननायक जनता पार्टी (जजपा) के दस विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई। भाजपा ने छह निर्दलीय विधायकों का समर्थन बताया है।

सरकार को भी हरियाणा लोकहित पार्टी के एक विधायक ने समर्थन दिया था। कांग्रेस को ३१ विधायक मिले। कुलदीप बिश्नोई के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस में 30 विधायक रह गए। दूसरी ओर, Bishnoi भाजपा में शामिल हो गए। उनके बेटे भव्य बिश्नोई ने उपचुनाव जीता। भाजपा विधायकों की संख्या 41 हो गई।

Haryana: अब पता लगाना बाकी है कि क्या हुड्डा-दुष्यंत खेमे ने भाजपा सरकार को गिराने का प्रयत्न किया है या नहीं!

LIVE: Haryana में बीजेपी सरकार पर भारी संकट, अल्पमत में पहुंची Nayab Sarkar! Haryana। Congress। BJP


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