दुनिया सुस्त है, भारत लिख रहा है विकास की कहानी — नरेंद्र मोदी ने HT Leadership Summit 2025 में कही बड़ी बातें
वैश्विक मंदी के बीच भारत की प्रगति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने HT लीडरशिप समिट में कहा — “जब दुनिया सुस्ती की मार झेल रही है, हम विकास-कहानी लिख रहे हैं।” भारत की आर्थिक मजबूती, नीतिगत सुधार और आत्मनिर्भरता से भविष्य में नई सफलता की उम्मीदें।
भारत की गति यह भारत की नई पहचान — “समृद्ध, आत्मनिर्भर और विश्व-स्तरीय अर्थव्यवस्था
दुनिया में आर्थिक सुस्ती और अनिश्चितताओं के बीच, भारत ने अपनी राह खुद बनाई है। HT Leadership Summit 2025 में प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा कि जहां अन्य देशों की अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है, वहीं भारत विकास की कहानी आगे बढ़ा रहा है।
मोदी ने कहा कि भारत में अब “संभावनाओं” नहीं, बल्कि “परिवर्तन” की असली कहानी लिखी जा रही है — परिवर्तन जो जीवन, सोच और दिशा, सब बदल रहा है। उनका कहना है कि भारत का विकास सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं — यह नीतिगत दृढ़ता, आर्थिक सुधार, जनता की भागीदारी और देश के युवाओं की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नीतियाँ अब वोट बैंक के लिए नहीं, “जनता के लिए” बनाई जाती हैं।

मोदी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार 7 % या उससे अधिक की ग्रोथ दर बनाए हुए है — और यह गति आगे भी बनी रहेगी। उन्होंने इस तेज़ी को भारत की “मजबूती व आत्मनिर्भरता” का प्रतीक बताया — कहा कि भारत अब न सिर्फ घरेलू स्तर पर, बल्कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक मजबूत ताकत बनकर उभर रहा है।
HT Leadership Summit 2025 प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह विकास “निरंतर, सुनियोजित और जनता-मुखी” है। उन्होंने यह भी जताया कि भारत की सफलता केवल सरकार की नहीं — देश की जनता, युवाओं, कामगारों, उद्यमियों की साझेदारी का परिणाम है।
विश्व की मंदी, व्यापार में चुनौतियाँ, वैश्विक अस्थिरता — इन सब के बीच भारत की प्रगति की कहानी इसलिए अनूठी है क्योंकि यहाँ विकास का आधार सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और नीतिगत मजबूती भी है। मोदी ने यह भरोसा जताया कि आने वाले सालों में भारत वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर और मजबूती से अपनी जगह बनाएगा।
इस समिट में मोदी की बातें इस संदेश को दोहराती हैं कि भारत “विकास की लहर” में है — और यह लहर सिर्फ एक दौर की नहीं, सतत और स्थिर होगी।
HT Leadership Summit 2025 क्या ये बयान मायने रखते हैं?
- वैश्विक मंदी व आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत का आत्मविश्वास यह दिखाता है कि देश आर्थिक मोर्चे पर टिकाऊ नीतियाँ अपना रहा है।
- विकास की कहानी सिर्फ बड़े आंकड़ों या GDP में नहीं, बल्कि रोज़मर्रा के लोगों की ज़िन्दगी में सुधार, रोज़गार, आत्मनिर्भरता व सामाजिक बदलाव के साथ जुड़ी है।
- यह भारत की नई पहचान — “समृद्ध, आत्मनिर्भर और विश्व-स्तरीय अर्थव्यवस्था” — की ओर एक बड़ा कदम है।
- देश व दुनिया दोनों को यह संदेश जाता है कि भारत अब स्थिरता, भरोसे और विकास की मिसाल बनने की राह पर है।
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