India UAE संयुक्त अरब अमीरात दौरे पर रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने UAE समकक्ष के साथ गहरी रक्षा साझेदारी पर की चर्चा
India UAE रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने दुबई एयर शो 2025 के आयोजन के दौरान यूएई के रक्षा राज्यमंत्री मोहम्मद मुबारक अल मजरूई से द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में सुरक्षा सहयोग, प्रशिक्षण साझेदारी और सह-निर्माण की संभावनाओं पर जोर दिया गया।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में जारी दुबई एयर शो 2025 के मौके पर भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं और रणनीतिक साझेदारी को नए आयाम देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ यूएई दौरे पर हैं और उन्होंने इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के अवसर पर अपने यूएई समकक्ष मोहम्मद मुबारक अल मजरूई के साथ अहम द्विपक्षीय बैठक की।
बातचीत का केंद्र — रक्षा सहयोग और संस्थागत तंत्र
बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने संस्थागत तंत्र को मजबूत करने, रक्षा प्रदर्शनों (एयर शो आदि) में भागीदारी, और प्रशिक्षण सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।
संजय सेठ ने खास रूप से संयुक्त अनुसंधान, सह-विकास (co-development) और सह-उत्पादन (co-production) की संभावनाओं को आगे बढ़ाने की इच्छा जताई, ताकि दोनों देशों के रक्षा उद्योग बीच और गहरा तालमेल कायम हो सके।


दुबई एयर शो में भारत की प्रदर्शनी
इस दौरे के हिस्से के रूप में, संजय सेठ ने इंडिया पवेलियन का उद्घाटन भी किया, जहाँ भारत की प्रौद्योगिकी और आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति को दर्शाया गया। इंडिया पवेलियन में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), DRDO, कोरल टेक्नोलॉजीज, इमेज सिनर्जी एक्सप्लोर, SFO टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियों के स्टॉल शामिल हैं।
विशेष आकर्षण रहा BRAHMOS मिसाइल स्टॉल, जिसका उद्घाटन संजय सेठ ने किया। यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जहाजों, मोबाइल लॉन्चरों, पनडुब्बियों और विमानों में तैनात की जा सकती है, और भूमि व समुद्री दोनों लक्ष्यों को निशाना बना सकती है।
स्टार्टअप और नवप्रौद्योगिकी पर जोर
एयर शो के Vista स्टार्टअप जोन में संजय सेठ ने 15 भारतीय iDEX विजेताओं (रक्षा स्टार्टअप) के साथ बातचीत की। ये स्टार्टअप एयरोस्पेस और रक्षा प्रौद्योगिकी में भविष्य के समाधान पेश कर रहे हैं, जिससे भारत की नवाचार क्षमता को वैश्विक मंच पर पहचान मिलेगी।

उद्योग-गोलमेज बैठक और रणनीतिक साझेदारी
दुबई एयर शो के दौरान, संजय सेठ एक उद्योग गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता भी करेंगे, जिसमें लगभग 50 प्रमुख रक्षा-एयरोस्पेस कंपनियां शामिल होंगी। यह बैठक भारत में रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग, निर्यात-उत्पादन, और तकनीकी हस्तांतरण को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है।
भारत की एयरोस्पेस ताकत — तेजस और सूर्यकिरण
यूएई एयर शो में भारत की एयरोस्पेस ताकत का प्रदर्शन प्रमुख रूप से देखा जाएगा। भारतीय वायु सेना की सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम एयर शो में अपने हवाई करतब पेश करेगी, वहीं स्वदेशी एलसीए तेजस लड़ाकू विमान भी इस कार्यक्रम में शामिल है। यह भारत की एयरोस्पेस आत्मनिर्भरता और निर्यात क्षमताओं की गंभीर दिशा का संकेत है।
अर्थव्यवस्था और रणनीति का मेल
यह दौरा सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं है, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का अहम मंच है। पिछले वर्षों में भारत और यूएई ने रक्षा, ऊर्जा, रक्षा उद्योग और प्रौद्योगिकी में गहरे संबंध बनाए हैं। उदाहरण के लिए, दिसंबर 2024 में दोनों देशों ने अपने रणनीतिक संवाद (4th Strategic Dialogue) के दौरान रक्षा, विज्ञान-प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर सहमति जताई थी।
यह बैठक और एयर शो में भारत की भागीदारी दिखाती है कि दोनों देश मजबूत सहयोग के लिए गंभीर हैं। भविष्य में, संयुक्त विकास परियोजनाएं जैसे कि सह-निर्माण और अनुसंधान, दोनों देशों के रक्षा उद्योग को न केवल आत्मनिर्भर बनाएंगी, बल्कि ग्लोबली प्रतिस्पर्धी भी।
यह कदम भारत-यूएई संबंधों में एक नई ऊर्जा जोड़ने वाला है — जहां सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि सामरिक प्रौद्योगिकी और सुरक्षा साझेदारी भी ऊँचाइयों तक पहुँच सकती है।
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