Narcotics: 2021 में, एक व्यक्ति ने एक कुरियर कंपनी में एक पार्सल से 14 पैकेट बरामद किए। पुलिस ने इसे कोकीन मानकर मामला दर्ज किया। सीएफएसएल जांच ने बाद में पता चला कि पकड़ा गया पदार्थ इफेड्रिन था।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने मई 2021 में चंडीगढ़ पुलिस द्वारा 100 करोड़ की कोकीन लूटने के मामले को तीन साल बाद सप्लीमेंट्री चालान कोर्ट में पेश किया।
इस चालान में जांच टीम ने बताया कि पुलिस ने पकड़ा गया कोकीन इफेड्रिन है, जो अक्सर दवा बनाने में प्रयोग किया जाता है। यह भी सीएफएसएल रिपोर्ट में पहले से ही सामने आ चुका है।
10 किलो 24 ग्राम कमर्शियल क्वांटिटी में होने के कारण 2022 में गृह मंत्रालय ने मामले की जांच एनसीबी को सौंप दी। एनसीबी को इसका अतिरिक्त चालान पेश करने में तीन वर्ष लगे। चंडीगढ़ पुलिस कोर्ट ने पहले ही अपनी जांच से संबंधित आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था। अब इसकी सुनवाई 12 जुलाई को होनी है।
चंडीगढ़ सेक्टर-31 थाना के एसएचओ नरेंद्र पटियाल को गुप्त सूचना मिली कि इंडस्ट्रियल एरिया फेस-2 में एक व्यक्ति नशीला पदार्थ लेकर आया है। सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर और अन्य जांच दल मौके पर पहुंचे। परीक्षण टीम ने कुरियर कंपनी में उस व्यक्ति से मिले पार्सल चैक किए, तो गत्ते के डिब्बों में सामान के अंदर चौबीस पैकेट मिले। यह कोकीन था, इसलिए पुलिस ने चेन्नई, तमिलनाड़ू निवासी अशफाक रहमान के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट-21 के तहत मामला दर्ज किया। परीक्षण टीम ने बताया कि यह कोकीन के पैकेट अस्ट्रेलिया भेजे गए थे। इस मामले के बाद पुलिस ने 100 करोड़ की कोकीन की गिरफ्तारी का दावा किया
Narcotics: एफएसएल रिपोर्ट ने पुलिस की पोल खोली
सेक्टर-31 पुलिस ने कुछ कोकीन के सैंपल लेकर सीएफएसएल लैब में जांच के लिए भेजा। लेकिन रिपोर्ट कुछ ही समय बाद बहुत चौंकाने वाली थी। क्योंकि जांच रिपोर्ट बताती है कि 100 करोड़ की कोकीन महज एक इफेड्रिन पाऊउर था, जो अक्सर अलग-अलग प्रकार की दवाइयां बनाने में प्रयोग किया जाता है। जबकि नशीले पदार्थों का वजन क्वाटिंटी पर निर्भर करता है, यह इफेड्रिन एनडीपीएस अधिनियम भी नहीं मानता है और इसकी क्वाटिंटी भी गैर कामर्शियल है।
Narcotics: सप्लीमेंट्री चालान प्रस्तुत करने में लगे तीन वर्ष
2022 में गृह मंत्रालय ने एनसीबी को मामला सौंप दिया था। लेकिन एनसीबी ने सीएफएसएल जांच रिपोर्ट आने के बाद भी सप्लीमेंट्री चालान देने से इनकार कर दिया। क्योंकि एनडीपीएस अधिनियम के अनुसार इफेड्रिन सीधे नियंत्रित दवा के दायरे में आता है इसका कोई विवरण नहीं है, क्योंकि यह बहुत छोटा है। भारत की राजपत्र अधिसूचना दिनांक 28.12.1999 के अनुसार, इफेड्रिन भी कमर्शियल मात्रा की श्रेणी में नहीं आता है और एक नियंत्रित पदार्थ है।
Table of Contents
Narcotics: 100 करोड़ रुपये का कोकीन, एनसीबी का सप्लीमेंट्री चालान-इफेड्रिन, तीन साल पहले गिरफ्तार किया गया था
NCB: Introduction to the Sector Awareness and Provider Preparedness programme
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