Nowgam Blast श्रीनगर-नौगाम थाना धमाका: हादसा न कि आतंक? विस्फोट की गुत्थी में सवालों का जाल
Nowgam Blast नौगाम पुलिस स्टेशन धमाका
Nowgam Blast श्रीनगर में नौगाम पुलिस स्टेशन में विशाल विस्फोट हुआ, जिसमें 9 लोगों की मौत हुई। पुलिस का कहना है कि यह “दुर्घटनात्मक विस्फोट” था, लेकिन आतंकवादियों की तरफ से संदिग्ध दावे भी उठे हैं। जांच जारी है।
श्रीनगर के बाहरी इलाके में स्थित नौगाम (Nowgam) पुलिस स्टेशन शुक्रवार रात एक जोरदार धमाके से हिल गया। यह हादसा इतना भयंकर था कि थाने की इमारत पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, कई गाड़ियाँ जल गईं और मलबे में दबने वाले लोगों की खोज में राहत-कार्य रातभर जारी रहा। हादसे में कम-से-कम 9 लोग मारे गए और दर्जन-भर जख्मी हुए हैं। पुलिस के मुताबिक, यह कोई आतंकी हमला नहीं था, बल्कि दुर्घटनात्मक विस्फोट था। जम्मू-काश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विस्फोट उस समय हुआ जब पुलिस और फॉरेंसिक टीम (FSL) “बहुत संवेदनशील” विस्फोटक सामग्री की जाँच कर रही थी।
खास बात यह है कि वह विस्फोटक सामग्री फरीदाबाद में पकड़े गए नामज़द आतंकवादी मॉड्यूल से जब्त की गई थी। अधिकारियों ने कहा कि इसमें लगभग 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर भी शामिल था, जिसे SOP (मानक परिचालन प्रक्रिया) के तहत नौगाम थाने लाया गया था।


क्या यह हादसा था या हमला था
CCTV फुटेज में उस रात का दृश्य साफ़ दिखता है: तेज़ चमक, लपटों का गोला, और धुआँ। धमाके के बाद शॉकवेव (झटका) ने आसपास की चीजों को उड़ा दिया, मलबा चारों ओर बिखर गया और कुछ हिस्से तो 300 मीटर तक दूर तक पाए गए। डीजीपी प्रभात ने माना कि सामग्री बेहद जटिल और संवेदनशील थी, लेकिन जाँच के दौरान “उच्चतम सावधानी” बरती जा रही थी। गृह मंत्रालय (MHA) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी स्थिति स्पष्ट की है: यह विस्फोट एक संदिग्ध आतंक मॉड्यूल में बरामद सामग्री की “नमूना-लेने की प्रक्रिया” के दौरान हुआ था।
हालाँकि, सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्टरों के बीच आतंकवादी संगठन PAFF (जो कथित रूप से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है) ने इस धमाके की जिम्मेदारी लेने का दावा किया था। लेकिन जम्मू-काश्मीर पुलिस ने इस दावे को “बेसिर-पैर का, भ्रामक और निंदनीय” बताया है। मौके पर बचाव दल, फायर ब्रिगेड और फॉरेंसिक टीम तैनात कर दी गई। घायल लोगों को SKIMS अस्पताल और अन्य स्थानों पर भर्ती कराया गया है।


विस्फोटक की जांच करते वक्त धमाका
घटना की गंभीरता और विस्फोट की शक्ति को देखते हुए, कई लोग सवाल कर रहे हैं: क्या वास्तव में यह सिर्फ एक “दुर्घटना” थी, जैसा अधिकारी कह रहे हैं, या कोई बड़ी साजिश हुई है? उन्होंने यह भी उठाया है कि जब प्रतिबंधित विस्फोटक ही इतनी ज़्यादा मात्रा में एक पुलिस स्टेशन में स्टोर और जाँचे जा रहे हों, तो सुरक्षा प्रक्रिया कितनी मजबूत और निष्पादन कितनी पुख्ता थी। अद्यतन जांच जारी है। फॉरेंसिक टीम और स्वतंत्र जांचकर्ता अब मलबे की बारीकी से समीक्षा कर रहे हैं। धमाके की वास्तविक वजह का पता लगाने और जवाबदेह लोगों को सामने लाने की मांग भी बढ़ रही है।
यह हादसा सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता है क्योंकि बरामद विस्फोटक एक बड़े आतंक मॉड्यूल से जुड़े थे। यदि जांच में साजिश सामने आती है, तो यह सिर्फ नौगाम थाने का मामला नहीं रहेगा, बल्कि भारत-पाक सीमा, आतंकवाद और खतरा मॉडलिंग की एक और गंभीर पड़ताल बन जाएगा।
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