Parimal Nathwani ₹100 करोड़ की सोशल मीडिया मानहानि के खिलाफ बड़ा कानूनी कदम
Parimal Nathwani द्वारा दायर किए गए ₹100 करोड़ के मानहानि केस में, माननीय कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से मेरे खिलाफ सभी मानहानिकारक कंटेंट को 48 घंटे के अंदर तुरंत हटाने का आदेश दिया है।
परिमल नाथवानी भारत के जाने-माने उद्योगपति और कॉरपोरेट लीडर हैं। वे रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड में डायरेक्टर (कॉरपोरेट अफेयर्स) के पद पर कार्यरत रहे हैं और उद्योग जगत में उनका लंबा अनुभव है। इसके अलावा, वे झारखंड से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। कॉरपोरेट रणनीति, जनसंपर्क और नीति से जुड़े मामलों में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है।
₹100 करोड़ मानहानि केस में बड़ी राहत: कोर्ट ने Parimal Nathwani के खिलाफ सभी आपत्तिजनक पोस्ट हटाने का दिया आदेश
Parimal Nathwani द्वारा दायर ₹100 करोड़ के मानहानि मुकदमे में कोर्ट ने Sanatan Satya Samachar समेत कई संस्थाओं को नोटिस जारी करते हुए 48 घंटे के भीतर सभी आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का आदेश दिया है। ₹100 करोड़ के मानहानि मुकदमे में Parimal Nathwani को बड़ी कानूनी राहत मिली है। उनके द्वारा दायर इस हाई-प्रोफाइल डिफेमेशन केस में माननीय न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे सभी कथित मानहानिकारक और झूठे कंटेंट को तत्काल हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि संबंधित प्लेटफॉर्म्स और व्यक्तियों को 48 घंटे के भीतर यह सामग्री हटानी होगी।

कोर्ट ने परिमल नाथवानी के खिलाफ सभी आपत्तिजनक पोस्ट हटाने का दिया आदेश
Parimal Nathwani ने Sanatan Satya Samachar, Sanjay Chetariya, The Gujarat Report, Mayur Jani, Himanshu Bhayani, Dilip Patel और Bhavin उर्फ Banni Gajera के खिलाफ यह मुकदमा दायर किया है। आरोप है कि इन सभी ने उनके खिलाफ झूठी, भ्रामक और मानहानिकारक सामग्री का प्रसार किया, जिससे उनकी सामाजिक छवि और प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा।


48 घंटे में सोशल मीडिया से हटेंगे सभी आपत्तिजनक कंटेंट
शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं को नोटिस और समन जारी किया। इसके साथ ही कोर्ट ने Parimal Nathwani को अंतरिम सुरक्षा प्रदान करते हुए आदेश दिया कि उनके खिलाफ पोस्ट किए गए सभी आपत्तिजनक कंटेंट को तुरंत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से हटाया जाए। इस आदेश को Parimal Nathwani के लिए एक महत्वपूर्ण नैतिक और कानूनी जीत माना जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे अपनी ईमानदारी और प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और किसी भी तरह के निराधार आरोपों को जनता को गुमराह करने या उनकी छवि खराब करने की इजाजत नहीं देंगे।


Parimal Nathwani ने अपने बयान में कहा कि सच और सच्चाई के साथ खड़े रहना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी दोहराया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर झूठ और बदनामी फैलाना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। कानून ऐसे मामलों में पीड़ित को संरक्षण देता है और यह आदेश उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।
उन्होंने उन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया जो इस कठिन समय में उनके समर्थन में खड़े रहे और सच्चाई के साथ आवाज बुलंद की। Nathwani का कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा की नहीं, बल्कि समाज में जिम्मेदार पत्रकारिता और जवाबदेही की भी है। कानूनी जानकारों के अनुसार, कोर्ट का यह आदेश सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों और अप्रमाणित खबरों के खिलाफ एक सख्त संदेश है। आने वाले समय में इस केस की आगे की सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी, क्योंकि इसका असर डिजिटल मीडिया की जवाबदेही पर भी पड़ सकता है।
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