Punjabi Father: 21 वर्षीय जापानी विद्यार्थी रिन ताकाहाता ने अमृतसर में 20 साल बाद अपने पिता सुखपाल सिंह से मुलाकात की। 2004 में सुखपाल ने जापान छोड़ दिया था। रिन ने कॉलेज असाइनमेंट के दौरान अपने पिता की तलाश की। रिन को परिवार ने रक्षाबंधन पर सुखपाल की बेटी अवलीन ने राखी बांधी।
पंजाब के अमृतसर जिले में एक पिता और उसके जापानी बेटे की भावुक मुलाकात हुई है। 20 वर्ष पहले सुखपाल सिंह ने अपने बेटे को जापान छोड़कर उसकी मां के पास छोड़ दिया था। 21 वर्षीय रिन तकाहाता ने अपने पिता को अमृतसर में एक कॉलेज असाइनमेंट के कारण खोज निकाला। रिन तकाहाता ओसाका विश्वविद्यालय में कला का छात्र है। 18 अगस्त को, रक्षाबंधन से एक दिन पहले, वह अमृतसर पहुंचा। उन्होंने अपने पिता का नाम और पुराना पता दिया था। उसकी मां साची तकाहाता ने उसे कुछ चित्र और सामान भी दिए। रास्ते पर रिन फतेहगढ़ चूड़ियां घर-घर और दुकान-दुकान घूमती रही। आखिरकार, कुछ स्थानीय लोगों ने उसके पिता को पुरानी तस्वीर से पहचान लिया। उसे अमृतसर के लोहारका रोड पर उसके पिता के नए स्थान का पता बताया गया।
सुखपाल ने बताया कि मैं रक्षाबंधन के लिए अपने घर गया था। ठीक उसी समय मेरे भाई ने फोन किया और बताया कि मेरा बेटा जापान से लौटा है। मैं हैरान होकर अपने भाई से उसका ख्याल रखने को कहा और तुरंत वापस आ गया। उनका कहना था कि जब हम आखिरकार एक-दूसरे से गले मिले, तो भावनाए और भावनाएं शब्दों में व्यक्त नहीं हो सकतीं।
Punjabi Father: दोनों ने एक दूसरे को खोजने के लिए बहुत कुछ किया।
पिता और पुत्र ने एक-दूसरे को खोजने के लिए कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा लिया, लेकिन वे सफल नहीं हुए। रिन ने अपने पिता को खोजने का निर्णय बताते हुए कहा कि कॉलेज में मुझे फैमिली ट्री बनाने का आदेश मिला था। मैं अपनी मां के परिवार के बारे में बहुत कुछ जानता था, लेकिन मेरे पिता का नाम सिर्फ ‘सुखपाल सिंह’ था। इससे मैंने उन्हें खोजने और उनसे मिलने का निर्णय लिया।
Punjabi Father: थाईलैंड में सुखपाल ने साची से प्यार हुआ था
वह थाईलैंड में अपनी पहली पत्नी साची तकाहाता से प्यार करता था। 2002 में वे जापान में शादी करके टोक्यो के निकट चिबा केन में रहने लगे। सुखपाल ने बताया कि रिन 2003 में पैदा हुआ था। हालाँकि, किस्मत कुछ और चाहती थी, और हमारी शादी कठिन हो गई। 2004 में मैं भारत लौट आया। उसी वर्ष साची भारत आई, और फिर हम दोनों जापान चले गए। गलतफहमियां, हालांकि, सुलह के हमारे कई प्रयासों के बावजूद बनी रहीं। 2007 में मैं भारत लौट आया और अंततः अलग रहना शुरू कर दिया। मैंने बाद में गुरविंदरजीत कौर से विवाह किया, जिनसे मेरी एक बेटी अवलीन पन्नू है।
Punjabi Father: बहन ने भाई को राखी बांधी
सुखपाल ने बताया कि उन्होंने साची से बात की और उन्हें बताया कि उनका बेटा उनके पास है, इसलिए उन्हें चिंता नहीं करनी चाहिए। सुखपाल ने बताया कि उनकी मां ने कहा कि रिन अब बड़ा हो गया है और स्वयं निर्णय लेता है। रक्षाबंधन के दिन, गुरविंदरजीत कौर ने अवलीन को अपने जापानी भाई के रूप में स्वागत किया और उसे राखी बांधी। क्या वह अपने माता-पिता से मिलना चाहेगा? रिन ने कहा कि निश्चित रूप से मैं चाहता हूं कि वे कम से कम एक बार मिलें। रिन भारत आकर अपने पिता और परिवार से मिलेगा। उसने कहा कि मैं अक्सर अमृतसर आता रहूंगा और अपने पिता और उनके परिवार के साथ रहूंगा।
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Punjabi Father: कॉलेज की असाइनमेंट ने दिखाई राह: 20 साल बाद जापान का लड़का पंजाबी पिता से मिला: दिलचस्प कहानी
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