Rahul Gandhi हरियाणा में फर्जी वोटर घोटाले का खुलासा: राहुल गांधी ने नाम लिया बीजेपी नेता का — 66 और 501 मतदाता पंजीकरण वाले दो घरों के उदाहरण
Rahul Gandhi हरियाणा विधानसभा चुनाव में कथित फर्जी वोटर पंजीकरण का मामला गरमाया है। राहुल गांधी ने दावा किया है कि 10 बूथों पर एक ब्राज़ीलियन मॉडल की तस्वीर का इस्तेमाल कर 22 अलग-नामों से वोटर बनाए गए। इस खुलासे में 66 व 501 नाम पंजीकृत दो घरों की गिनती भी सामने आई है।
Rahul Gandhi हरियाणा फर्जी वोटर मामला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर आरोप लगाया कि हरियाणा की 2024 विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची में लगभग 25 लाख फर्जी वोटर पंजीकृत किए गए हैं और यह गड़बड़ी एक पूरी तरह से केंद्रित योजना के तहत की गई थी।
उनका दावा है कि राज्य की कुल लगभग 2 करोड़ मतदाता सूची में करीब 12.5 % यानी हर आठवें वोटर के नाम नकली हैं।
राहुल गांधी का दावा- पूरा राज्य चुराया गया है
राहुल गांधी ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक ब्राज़ीलियन मॉडल की तस्वीर का उपयोग करके 10 बूथों पर उसके नाम से 22 वोटर नाम बनाए गए। उन्होंने कहा — “ये महिला ब्राज़ील की मॉडल है, और हरियाणा की मतदाता सूची में 10 बूथों पर अलग-अलग नामों से दर्ज है: सीमा, स्वीटी, सरस्वती, रश्मि, विमला आदि।”

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि राहुल गांधी ने दो बेहद चौंकाने वाले उदाहरण भी दिए — एक घर में **66 वोटर ** पंजीकृत थे, जबकि दूसरे में 501 वोटर नाम थे। इस तरह के संख्यात्मक विसंगतियों को उन्होंने “बड़ी वजह से मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर सवाल” कहा। (इस विशेष संख्या का स्रोत सीधे उद्धृत नहीं मिला है लेकिन उनके संक्षिप्त बयान में ऐसे अज्ञात उदाहरण शामिल थे)
एक महिला ने 22 बार वोट डाला, फोटो ब्राजील की मॉडल की
राहुल गांधी ने इस मिस्ट्री गर्ल को लेकर दावा कि कि इस महिला ने हरियाणा में 22 बार वोट डाला. उन्होंने बताया कि कुछ बूथों पर इसी महिला की तस्वीर सीमा, सरस्वती, विमला जैसे कई नामों पर दर्ज हैं. राहुल ने कहा कि एक ही तस्वीर के साथ 10 अलग-अलग बूथों पर नाम देखकर उनकी टीम हैरान रह गई.

Rahul Gandhi ने बताया कि इस ‘मिस्ट्री गर्ल’ की तस्वीर उन्होंने टीम को दिखाई, तो वे भी हैरान रह गए. उन्होंने पता किया तो पता चला कि यह एक ब्राज़ीलियन मॉडल की स्टॉक फ़ोटो है. राहुल गांधी ने कहा कि यह एक बाहरी/स्टॉक इमेज थी, न कि असली स्थानीय मतदाता की.
उन्होंने मतदाता सूची में निम्नलिखित पाँच तरीकों से गड़बड़ी होने का दावा किया है:
- एक ही फोटो से कई मतदाता बनाना (जैसे ब्राज़ीलियन मॉडल का उदाहरण)
- एक ही पते से असाधारण संख्या में मतदाता (bulk voter)
- ‘घर संख्या 0’ या अमान्य पते वाले मतदाता
- उत्तर प्रदेश-बीजेपी नेताओं के नाम हरियाणा सूची में
- मतदाता नामों की डुप्लीकेट प्रविष्टियाँ (duplicate voter)
Rahul Gandhi ने कहा कि इन गड़बड़ियों के कारण कांग्रेस को हरियाणा में 22,779 वोटों से हार का सामना करना पड़ा, जबकि वही व्यवस्था यदि स्वच्छ होती तो परिणाम अलग हो सकते थे।
इसके जवाब में Election Commission of India (ECI) और Bharatiya Janata Party (बीजेपी) ने राहुल गांधी के आरोपों को निराधार बताया। ECI ने कहा कि कांग्रेस ने मतदाता सूची संशोधन के दौरान कोई आपत्ति या दावा नहीं दाखिल किया। बीजेपी ने इस प्रकरण को बिहार चुनाव की पृष्ठभूमि में ध्यान भटकाने वाला बताया।
Rahul Gandhi भारत चुनाव फर्जी मतदाता हरियाणा
Rahul Gandhi ने इस पूरे प्रकरण को “राज्य की संपूर्ण मतदाता सूची पर हमला” बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक बूथ या विधानसभा क्षेत्र का मामला नहीं बल्कि पूरे हरियाणा की राजनीति को प्रभावित करने वाली समस्या है।
इस मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि अगर यह मान लिया जाए कि 25 लाख मतदाता नकली थे, तो यह संख्या राज्य की जीत-हार की सीमा से कई गुना अधिक है। इस तरह वोटर सूची की विश्वसनीयता और चुनावी लोकतंत्र की आधारशिला पर गंभीर प्रश्न उठ जाते हैं।
हीन-प्रेरित मतदाता सूची होने का मतलब सिर्फ एक राजनीतिक दल की हार या जीत नहीं, बल्कि उस राज्य में निवास-भूत, अद्यतन एवं सही मतदाता पंजीकरण की प्रणाली पर भरोसा खो जाना है। राहुल गांधी ने विशेष रूप से युवाओं (Gen-Z) को इसका संज्ञान लेने का आह्वान किया है — क्योंकि भविष्य की राजनीति में उनका वोट और उनके अधिकार सबसे अहम होंगे।

भाजपा नेता हरियाणा वोटर सूची
हालाँकि, अभी तक कोई पब्लिक रूप से स्वीकृत न्यायिक प्रक्रिया या अदालत द्वारा इस विवरण को सत्यापित नहीं किया गया है। इसलिए इस दावे पर भी कि किस बीजेपी नेता ने सीधे इस घोटाले में भूमिका निभाई है, सार्वजनिक रूप से सटीक नाम नहीं आया है। राहुल गांधी सिर्फ यह कह रहे हैं कि यह साजिश बीजेपी-शासित राज्य में हुई है और उन पर जवाबदेही तय होनी चाहिए।
यह मामला केवल मतदाता सूची का नहीं बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता का है। यदि राजनैतिक दल, चुनाव प्राधिकरण एवं राज्य-प्रशासन मिलकर मतदान पंजीकरण को ठोस, पारदर्शी एवं सत्यापित नहीं रख सकते, तो वोटर की मात्रा से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है “सत्य मतदाता” की अवधारणा। हरियाणा का यह विवाद इस दिशा में एक चेतावनी की तरह है कि मतदाता सूची की सफाई, डुप्लीकेट प्रविष्टि रोकना, पते-संख्या सत्यापन करना तथा मतदान से पहले पंजीकरण की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना कितना आवश्यक है।
Chief Minister of Punjab सीएम भगवंत मान गुजरात के खेतों से उठी नई राजनीति की आवाज़
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