Rohini Acharya Social Media Post “रोहिणी आचार्य के X पोस्ट में दो नाम — कौन हैं संजय यादव और रमीज़, और क्यों उठे गंभीर आरोप?”
Rohini Acharya Social Media Post लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपनी X (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में संजय यादव और रमीज़ का नाम लिए हैं। रोहिणी आरोप लगा रही हैं कि इन दोनों ने उन्हें अपने परिवार से नाता तोड़ने और राजनीति छोड़ने को कहा था। जानें कौन हैं ये लोग और इस विवाद के पीछे की राजनीति।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आरजेडी (RJD) की चुनावी हार के बाद, लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर एक बेहद व्यक्तिगत और राजनीतिक पोस्ट शेयर किया, जिसने परिवार और पार्टी के अंदरूनी मतभेदों की एक गहरी झलक दी है। उन्होंने कहा है कि वे राजनीति छोड़ रही हैं और अपने पारिवारिक रिश्ते को भी खत्म कर रही हैं। विशेष रूप से, रोहिणी ने अपने पोस्ट में दो नामों — संजय यादव और रमीज़ (Rameez) — को निशाना बनाया है।
Rohini Acharya Social Media Post संजय यादव — कौन हैं वे?
पहला नाम है संजय यादव, जो तेजस्वी यादव के बेहद करीबी रणनीतिकार बताए जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि संजय यादव लंबे समय से राजद के अंदर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, और उनका कद परिवार के अंदर भी बढ़ रहा है। उनकी राजनीतिक स्थिति इतनी मजबूत मानी जाती है कि उन्हें राजद के अंदर पार्टी के फैसलों पर भी असर रखने वाला माना जाता है।

रोहिणी ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि “संजय यादव ने मुझसे यही करने को कहा था” — यानी राजनीति छोड़ने का और परिवार से दूरी बनाने का फैसला उनके इशारे पर लिया गया। इसके बाद, उन्होंने अनफॉलो करने का कदम भी उठाया — अपने X अकाउंट से तेजस्वी यादव, लालू यादव और अन्य परिवार सदस्यों को अनफॉलो किया।
रमीज़ (Rameez) — दूसरा नाम Rohini Acharya Social Media Post
दूसरा नाम है रमीज़ (Rameez), जिसे रोहिणी अपनी पोस्ट में एक साथ जोड़ती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स यह बता रही हैं कि रमीज़ भी राजद की “कोर टीम” में किसी तरह जुड़े हुए हैं। हालांकि, उनकी पहचान संजय जितनी सार्वजनिक नहीं है और उन पर बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि रमीज़ उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से हो सकते हैं और तेजस्वी यादव की सलाहकार टीम में हैं।
रोहिणी का आरोप और फैसला
रोहिणी ने अपने X पोस्ट में साफ-साफ कहा है कि संजय और रमीज़ ने उन्हें “राजनीति छोड़ने” और “पारिवारिक नाता तोड़ने” को कहा था, और वह “सारा दोष अपने ऊपर ले रही हैं”। उनके इस कदम ने आरजेडी परिवार के भीतर चल रही अंतर्कलह को और तेज कर दिया है।
यह बयान सिर्फ निजी भावनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि राजनीतिक महत्व भी रखता है। यह दर्शाता है कि रोहिणी के लिए आत्म-सम्मान बहुत बड़ा मुद्दा है, और वे राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा से ज़्यादा पारिवारिक प्रतिष्ठा और आत्मगौरव को मायने देती हैं।
परिवार में सियासी और निजी टकराव Rohini Acharya Social Media Post
रोहिणी की पोस्ट ने परिवार में गहरे मतभेदों का पर्दाफाश किया है। तेज प्रताप यादव पहले ही अपने गुट को लेकर अलग हो चुके हैं, और अब रोहिणी का यह कदम यह संकेत देता है कि परिवार में सत्ता व प्रभाव को लेकर तनाव सिर्फ चुनावी नतीजे तक सीमित नहीं रहा।
तेजस्वी यादव ने भी इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि उनकी बहन ने कभी पद या सत्ता की मांग नहीं की, और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप “बेआधार और झूठे” हैं।
संभावित राजनैतिक नतीजे
रोहिणी के इस ऐलान से आरजेडी और लालू परिवार की एकता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। क्योंकि संजय यादव और रमीज़ को लेकर जो आरोप लगाए गए हैं, वो पार्टी की कोर-स्ट्रक्चर में खींचतान का संकेत देते हैं।
अगर ये आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह न केवल एक पारिवारिक बयान होगा, बल्कि पार्टी के अगले कदमों, उम्मीदवारों के चयन और नेतृत्व संतुलन पर भी असर डाल सकता है। राजनीतिक विश्लेषक यह देख रहे हैं कि रोहिणी का यह कदम क्या सिर्फ व्यक्तिगत फैसले का नतीजा है, या यह आरजेडी के भविष्य की रणनीति में किसी बड़े बदलाव की शुरुआत है।
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