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Diwali 2025: शुभ मुहूर्त, इतिहास और त्योहार की खूबसूरत कहानी
Diwali 2025: शुभ मुहूर्त, इतिहास और त्योहार की खूबसूरत कहानी
Diwali 2025 के लिए प्रमुख शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, दिनांक और त्योहार की दिलछूने वाली कहानी — जानिए कैसे मनाएँ दीपावली इस बार विशेष अंदाज में।
शुभ दीपावली!
दिवाली — प्रकाश का त्योहार, अंधकार पर विजय का प्रतीक — हर साल हमारे जीवन में नई उम्मीदों की किरण लाता है। Diwali 2025 इस दृष्टि से विशेष है, क्योंकि इस वर्ष कार्तिक अमावस्या की तिथि और प्रदोष-निशीथ योग का संयोग 20 अक्टूबर की रात को बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों की मान्यता है कि मां लक्ष्मी की पूजा और दीपदान इसी संयोग में करना सबसे अधिक फलदायी माना जाता है।
Diwali 2025 तिथियाँ और शुभ मुहूर्त
- अमावस्या तिथि: 20 अक्टूबर 2025 दोपहर 3:44 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे तक रहेगी।
- इस कारण, दीपावली 20 अक्टूबर की रात को मनाना श्रेष्ठ माना जा रहा है।
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (अनुमान): शाम 7:23 बजे से 8:27 बजे तक।
- प्रदोषकाल का समय, अमावस्या तिथि में होने के कारण, पूजा के लिए विशेष वरदान माना जाता है।
- धनतेरस: 18 अक्टूबर को — इस दिन धन, सोना-चांदी, घरेलू सामान आदि खरीदने और पूजा करने का विशेष महत्त्व है।

Diwali 2025 त्योहार की शुरुआत
दीवाली का उत्सव धनतेरस से आरंभ होता है — इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर व धन्वंतरि की पूजा होती है। उसके अगले दिन नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) मनाई जाती है। अंत में मुख्य दिन — दीपावली — जब लोग अपने घरों को दीपों और रंगोली से सजाते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं, पटाखे जलाते हैं और रात के समय मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं।
ज्योतिषी चेतन पटेल द्वारा दिवाली 2025 के शुभ मुहूर्त (Diwali 2025 Shubh Muhurat Chart)
पर्व / त्यौहार तिथि (2025) दिन पूजन / महत्व शुभ मुहूर्त (समय) धनतेरस 18 अक्टूबर शनिवार लक्ष्मी पूजा, कुबेर पूजा, धन्वंतरि पूजा सुबह 8:05 – 9:32 (शुभ)
शाम 6:10 – 7:44 (लाभ)
रात 9:17 – 10:51 (शुभ)
रात 10:51 – 12:25 (अमृत)काली चौदस (नरक चतुर्दशी) 19 अक्टूबर रविवार हनुमान पूजा, काली पूजा, अन्य देवताओं की पूजा सुबह 8:05 – 12:34 (चल, लाभ, अमृत)
शाम 6:09 – 10:51 (शुभ, अमृत, चल)दीवाली (लक्ष्मी पूजा) 20 अक्टूबर सोमवार सरस्वती पूजा, लक्ष्मी पूजा, चोपड़ा पूजन सुबह 9:32 – 10:58 (शुभ)
शाम 4:42 – 7:43 (अमृत, चल)
रात 10:50 – 12:24 (लाभ)गोवर्धन पूजा (नया वर्ष / बेस्टु वर्ष) 22 अक्टूबर बुधवार गोवर्धन पूजा, पहली खोलवाण का मुहूर्त सुबह 6:41 – 8:06 (लाभ)
सुबह 10:58 – 12:24 (शुभ)भाई दूज 23 अक्टूबर गुरुवार भाई-बहन का प्रेम पर्व — लाभ पांचम 26 अक्टूबर रविवार व्यापार आरंभ व शुभ कार्य का दिन सुबह 8:08 – 12:25 (चल, लाभ, अमृत) पूजा विधि और रस्में
रात्रि में पूजा स्थान को स्वच्छ कर लें, लाल या पीला वस्त्र बिछाएँ, गणेश-लक्ष्मी मूर्ति स्थापित करें। हल्दी, कुमकुम, चावल, फूल, नैवेद्य आदि चढ़ाएँ। दीप जलाएँ और आरती करें। पूजन के बाद प्रसाद वितरित करें।
इस दिन स्थिर लग्न (जैसे वृषभ, सिंह, कुंभ आदि) में पूजा करने का विधान है। खासकर उस समय जब अमावस्या + प्रदोष योग हो — यही वो समय है जब शुभ फल प्राप्ति होती है।
दिल को छू लेने वाला त्योहार
मेरा बचपन याद आता है — मैं और मेरी बहन रंगोली बनातीं, घर की जाली खिड़कियाँ खोलकर हवा आने देती थीं, माता हमारे लिए नए कपड़े लाती थीं। जैसे ही शाम होती, हम दीपक लेकर घर-आँगन में चलते और गिनती करते — “एक, दो, तीन …” — हर कोने में उजाला फैलता। उस उजाले में, माँ की मुस्कान और पिता की आँखों में संतुष्टि — यही सबसे प्यारा दृश्य था।
Diwali 2025 भी वैसा ही होगा — घर-घर दीपों की रौशनी, मिठाइयों की मिठास, रिश्तों की गर्माहट। इस बार, समय का संयोग हमें यही सिखाता है कि उजाले को फैलाएँ, अज्ञान को मिटाएँ, और ज्ञान व समृद्धि की ओर कदम बढ़ाएँ।
Diwali 2025 एक ऐसा अवसर है जब हम अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा करें। 20 अक्टूबर की रात को शुभ मुहूर्त में पूजा करें, दीप जलाएँ, नौ रूपी खुशियाँ बाँटें और इस वर्ष को रौशनी से भर दें।
शुभ दीपावली!
Diwali 2025: कैसे शुरू हुई दिवाली मनाने की परंपरा? जानें त्रेतायुग और सतयुग से जुड़ी पौराणिक कथा
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Diwali 2025: कैसे शुरू हुई दिवाली मनाने की परंपरा? जानें त्रेतायुग और सतयुग से जुड़ी पौराणिक कथा
Diwali 2025: कैसे शुरू हुई दिवाली मनाने की परंपरा? जानें त्रेतायुग और सतयुग से जुड़ी पौराणिक कथा
Diwali 2025 पर जानें दिवाली मनाने की पौराणिक परंपरा का इतिहास। त्रेतायुग और सतयुग से जुड़ी कथाओं के अनुसार यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत और समृद्धि का प्रतीक है।
Diwali 2025: दिवाली की शुरुआत और पौराणिक कथा
दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, केवल रोशनी का पर्व नहीं बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्त्व वाला त्योहार है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, दिवाली मनाने की परंपरा सतयुग और त्रेतायुग से जुड़ी है। यह पर्व अच्छाई की विजय और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक माना जाता है।

Diwali 2025 Diwali 2025: त्रेतायुग और रामायण से जुड़ी कथा
त्रेतायुग में भगवान श्रीरामचंद्रजी का अयोध्या लौटना दिवाली पर्व की मुख्य कथा मानी जाती है।
- कथा के अनुसार: भगवान राम ने 14 वर्षों का वनवास और रावण का वध कर अयोध्या लौटने के बाद पूरे नगर को दीपों से जगमगाया। अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए और खुशी का उत्सव मनाया। यही घटना आज भी दिवाली पर दीपक जलाने और घरों को सजाने की परंपरा का मूल आधार है।
इस कथा में यह संदेश छिपा है कि अच्छाई हमेशा बुराई पर विजयी होती है।
सतयुग और लक्ष्मी पूजा की परंपरा
सतयुग में दिवाली को धन, समृद्धि और सुख-शांति के लिए लक्ष्मी पूजन के रूप में मनाया जाता था।
- मान्यता है कि महा लक्ष्मी इस दिन पृथ्वी पर वास करती हैं, इसलिए इस दिन घर में साफ-सफाई, दीपक और रंगोली के माध्यम से उनका स्वागत किया जाता है। व्यापारी वर्ग में इस दिन नए खाता-बही की शुरुआत (मुखलिखनी या दीपावली खाता) का भी प्रचलन है। लक्ष्मी पूजन से न केवल धन और वैभव की प्राप्ति होती है, बल्कि परिवार में सुख, सौहार्द और खुशहाली भी बनी रहती है।
दिवाली मनाने की परंपरा
आज की दिवाली केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक पर्व बन गई है।
- दीपक और लाइट सजाना: घरों को दीपकों, मोमबत्तियों और लाइटों से सजाना।
- रंगोली बनाना: मुख्य द्वार और पूजा स्थल पर रंगोली बनाना।
- लक्ष्मी-गणेश पूजन: आर्थिक समृद्धि और वैभव के लिए।
- मिठाइयां और गिफ्ट्स का आदान-प्रदान: परिवार और मित्रों के साथ खुशियाँ बांटना।
- पटाखे: परंपरा के अनुसार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक।
इन परंपराओं से यह पर्व सामाजिक, पारिवारिक और आध्यात्मिक रूप से सभी के जीवन में खुशहाली लाता है।
दिवाली का आध्यात्मिक संदेश
- अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक
- जीवन में अच्छाई और सत्य की महत्ता
- समृद्धि, सौहार्द और सुख-शांति का संदेश
- आत्मा और मन की शुद्धि का अवसर
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Rama Ekadashi Vrat 2025: इस विधि से करें भगवान नारायण की पूजा, जानें पारण समय और दीपक जलाने के शुभ स्थान
Rama Ekadashi Vrat 2025: इस विधि से करें भगवान नारायण की पूजा, जानें पारण समय और दीपक जलाने के शुभ स्थान
Rama Ekadashi Vrat 2025 पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। जानिए इस दिन की पूजा विधि, व्रत का महत्व, पारण का शुभ समय और दीपक जलाने का पवित्र स्थान।
रमा एकादशी व्रत 2025: विधि, मुहूर्त और महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी कहा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, शांति तथा समृद्धि आती है।

Rama Ekadashi Vrat 2025 रमा एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त Rama Ekadashi Vrat 2025
- रमा एकादशी तिथि प्रारंभ: 19 अक्टूबर 2025, शनिवार रात 10:12 बजे
- तिथि समाप्त: 20 अक्टूबर 2025, रविवार रात 08:47 बजे
- व्रत रखने की तिथि: 20 अक्टूबर 2025 (रविवार)
- पारण का समय: 21 अक्टूबर 2025, प्रातः 06:30 बजे से 08:45 बजे तक
(पारण सूर्योदय के बाद किया जाता है)
रमा एकादशी व्रत की पूजा विधि (Rama Ekadashi Puja Vidhi)
- प्रातः स्नान: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- संकल्प: भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें — “मैं आज रमा एकादशी व्रत का पालन करूंगा।”
- पूजन स्थान तैयार करें: पूजन के लिए स्वच्छ चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- दीपक जलाना (Auspicious Place for Lamp):
- घर के उत्तर-पूर्व कोने (ईशान कोण) में घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- मंदिर या तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना भी पुण्यदायी होता है।
- पूजा सामग्री: तुलसी पत्ते, पीले पुष्प, धूप, दीपक, चंदन, नैवेद्य, पंचामृत आदि से भगवान विष्णु का पूजन करें।
- विष्णु सहस्त्रनाम पाठ: इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम या ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना शुभ फल देता है।
- भोजन नियम: व्रत रखने वाले व्यक्ति को इस दिन अन्न, दाल, चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। केवल फलाहार करें।
- रात्रि जागरण: भगवान विष्णु की आरती कर रात में भजन-कीर्तन करें।
रमा एकादशी का धार्मिक महत्व (Significance of Rama Ekadashi)
पुराणों के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहा गया है कि यह व्रत धन, समृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करता है।
शास्त्रों में उल्लेख है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से इस दिन व्रत करता है, उसके जीवन में माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।रमा एकादशी पारण विधि (Rama Ekadashi Parana Vidhi)
व्रत रखने वाले व्यक्ति को द्वादशी तिथि (अगले दिन) सूर्योदय के बाद पारण करना चाहिए।
- भगवान विष्णु को जल, पुष्प और तुलसी अर्पित करें।
- व्रत का संकल्प पूर्ण होने की प्रार्थना करें।
- दान-पुण्य करें — विशेषकर अन्न, वस्त्र या दीपदान।
- फलाहार या सात्त्विक भोजन ग्रहण करें।
रमा एकादशी पर दीपदान का महत्व Rama Ekadashi Vrat 2025
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाने से पाप नष्ट होते हैं और घर में लक्ष्मी का वास होता है।
दीपक जलाते समय यह मंत्र बोले —“दीपं देहि जगन्नाथ त्रैलोक्य तिमिरापहं।”
Diwali Shopping 2025 भारत की टॉप 5 शॉपिंग डेस्टिनेशन जहां दिवाली की खरीदारी बनती है यादगार
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Diwali Shopping 2025 भारत की टॉप 5 शॉपिंग डेस्टिनेशन जहां दिवाली की खरीदारी बनती है यादगार
Diwali Shopping 2025 भारत की टॉप 5 शॉपिंग डेस्टिनेशन जहां दिवाली की खरीदारी बनती है यादगार
Diwali Shopping 2025 दिवाली की खरीदारी के लिए भारत में कई बेहतरीन जगहें हैं जहां पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह की चीज़ें मिलती हैं। जानिए दिल्ली, मुंबई, जयपुर, अहमदाबाद और वाराणसी जैसे शहरों के टॉप मार्केट्स जो इस त्योहारी सीजन में रोशनी, रंग और रौनक से भर गए हैं।

Diwali Shopping 2025 Diwali Shopping 2025 भारत की 5 बेहतरीन जगहें जहां दिवाली की शॉपिंग बनती है खास
दिवाली का त्योहार आते ही हर किसी के घर में शॉपिंग की तैयारी शुरू हो जाती है। नए कपड़े, सजावट का सामान, दीये, मिठाइयाँ और गिफ्ट्स — सबकुछ इस त्योहारी माहौल को और भी रौनकदार बना देता है। भारत में ऐसे कई शहर और बाजार हैं जो अपनी दिवाली शॉपिंग के लिए प्रसिद्ध हैं।
चलिए जानते हैं भारत की 5 सबसे बेहतरीन जगहें जहां दिवाली की खरीदारी करना एक यादगार अनुभव बन जाता है।1. दिल्ली – चांदनी चौक और दिल्ली हाट (Delhi – Chandni Chowk & Dilli Haat)

राजधानी दिल्ली का चांदनी चौक हर सीजन में रौनक से भरा रहता है, लेकिन दिवाली के वक्त यह जगह किसी सपनों के बाजार से कम नहीं लगती। यहां आपको पारंपरिक कपड़े, ज्वेलरी, मिठाइयाँ, पूजा सामग्री और सजावट का पूरा सामान मिल जाएगा।

वहीं, दिल्ली हाट हस्तशिल्प प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है — यहां देशभर के कलाकार अपने बनाए उत्पाद बेचते हैं, जो दिवाली गिफ्ट्स के लिए परफेक्ट हैं। Diwali Shopping 2025🪔 Highlight: किफायती दरों पर बेहतरीन क्वालिटी के स्वदेशी उत्पाद
🎁 What to Buy: सजावट की लाइट्स, पारंपरिक ज्वेलरी, दीये, हैंडलूम ड्रेस2. मुंबई – क्रॉफर्ड मार्केट और कोलाबा कॉजवे (Mumbai – Crawford Market & Colaba Causeway)

भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में दिवाली के दौरान क्रॉफर्ड मार्केट और कोलाबा कॉजवे जगमगाते नजर आते हैं। यहां लोकल ब्रांड्स से लेकर इंटरनेशनल प्रोडक्ट्स तक सब मिलता है।

Diwali Shopping 2025
फूलों की माला, दीये, लैंप, कैंडल्स और डेकोरेशन आइटम्स से यह बाजार भर जाता है। साथ ही, कोलाबा कॉजवे की गलियों में मिलने वाले हस्तनिर्मित गिफ्ट्स दिवाली के लिए एकदम परफेक्ट हैं।🪔 Highlight: ट्रेंडी और ट्रेडिशनल प्रोडक्ट्स का अनोखा मिक्स
🎁 What to Buy: डेकोरेटिव लाइट्स, आर्टिस्टिक कैंडल्स, फैशन ज्वेलरी3. जयपुर – जोहरी बाजार और बापू बाजार (Jaipur – Johari Bazaar & Bapu Bazaar)

Diwali Shopping 2025 ‘पिंक सिटी’ जयपुर की बात करें तो दिवाली के समय इसकी सड़कों पर जगमगाहट देखने लायक होती है।
जोहरी बाजार में पारंपरिक राजस्थानी ज्वेलरी और बापू बाजार में हस्तनिर्मित कपड़े, जूते (मोजरी), और सजावट के सामान की भरमार होती है।
राजस्थानी मिट्टी के दीये और हस्तकला से बने उपहार इस दिवाली को खास बना देते हैं।
🪔 Highlight: पारंपरिक कला और संस्कृति की झलक
🎁 What to Buy: लहंगा, बंधेज साड़ियाँ, राजस्थानी ज्वेलरी, मिट्टी के दीये4. अहमदाबाद – लॉ गार्डन और माणेक चौक (Ahmedabad – Law Garden & Manek Chowk)

गुजरात की धरती पर दिवाली का उल्लास देखते ही बनता है।

लॉ गार्डन मार्केट अपने हैंडमेड एथनिक कपड़ों और चोकर ज्वेलरी के लिए प्रसिद्ध है।
वहीं माणेक चौक मिठाइयों और फूड लवर्स के लिए स्वर्ग है — दिवाली की शॉपिंग के साथ स्वाद का भी आनंद लें।🪔 Highlight: पारंपरिक गुजराती कपड़े और ज्वेलरी
🎁 What to Buy: बंधनी ड्रेस, चोकर सेट, हैंडमेड तोरण, दीये5. वाराणसी – विशेश्वरगंज और ठठेरी बाजार (Varanasi – Visheshwarganj & Thatheri Bazaar)

वाराणसी न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि अपने बनारसी सिल्क और पीतल के सामान के लिए भी मशहूर है।
दिवाली के समय विशेश्वरगंज मार्केट में बनारसी साड़ियाँ और पूजा सामग्री की रौनक बढ़ जाती है।
ठठेरी बाजार में मिलने वाले पारंपरिक दीये, पीतल के दीपदान और सजावट के आइटम आपकी दिवाली को पवित्रता से भर देते हैं।🪔 Highlight: बनारसी परंपरा और शुद्धता का संगम
🎁 What to Buy: बनारसी साड़ी, पीतल के दीप, पूजा सामग्रीभारत के ये बाजार न सिर्फ खरीदारी का आनंद देते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और हस्तकला का जीवंत उदाहरण भी हैं। इस दिवाली, इन जगहों पर जाकर शॉपिंग करने का अनुभव आपको न सिर्फ खुशी देगा, बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को भी साकार करेगा।
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Aatma Nirbhar Bharat दिवाली पर स्वदेशी उत्पादों की धूम: ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ से जगमगा रहा बाजार
Aatma Nirbhar Bharat दिवाली पर स्वदेशी उत्पादों की धूम: ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ से जगमगा रहा बाजार
Aatma Nirbhar Bharat इस दिवाली बाजारों में स्वदेशी उत्पादों की जबरदस्त मांग देखी जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान से लोगों की सोच में बड़ा बदलाव आया है। जानिए कैसे कारीगरों की मेहनत और ग्राहकों के बदलते रुझान ने आत्मनिर्भर भारत की राह को और मजबूत किया है।
दिवाली पर स्वदेशी उत्पादों की धूम: ‘मेक इन इंडिया’ को मिल रहा नया आयाम
दिवाली का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, देशभर के बाजारों में रौनक लौट आई है। सड़कों पर जगमगाती लाइट्स, मिठाइयों की खुशबू, और रंग-बिरंगी सजावट के बीच इस बार एक खास बात सामने आई है—स्वदेशी उत्पादों के प्रति बढ़ता उत्साह।
ग्राहक अब विदेशी सामानों की जगह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत बने देशी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
Aatma Nirbhar Bharat ग्राहकों की सोच में बड़ा बदलाव
कई ग्राहकों का कहना है कि अब वे अपनी खरीदारी के दौरान सबसे पहले यह देखना चाहते हैं कि उत्पाद भारतीय है या नहीं।
एक ग्राहक ने कहा,“पहले हम सिर्फ ब्रांड और पैकेजिंग देखते थे, लेकिन अब हमें यह समझ में आया है कि स्वदेशी उत्पाद खरीदना देश की अर्थव्यवस्था में हमारा योगदान है। इससे गांवों में रोजगार बढ़ेगा और छोटे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल ने लोगों के भीतर आत्मनिर्भरता की भावना को मजबूत किया है। अब उपभोक्ता खुद को देश की आर्थिक प्रगति से जुड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं।
दुकानदारों के चेहरे पर मुस्कान
स्वदेशी उत्पादों की बढ़ती मांग से स्थानीय दुकानदारों और छोटे उद्योगों में उत्साह है।
एक दुकानदार ने बताया,“इस बार हमारे पास जो भी सामान है, वह पूरी तरह से भारतीय है — चाहे वह दीये हों, मिठाई के डिब्बे, पूजा सामग्री या सजावट के सामान। ग्राहक अब ‘मेड इन इंडिया’ टैग को देखकर ही सामान खरीद रहे हैं।”
कई दुकानदारों ने बताया कि मिट्टी के दीये, हस्तनिर्मित तोरण, गोबर से बने दीप और पर्यावरण-हितैषी सजावट की बिक्री में भारी बढ़ोतरी हुई है।

Aatma Nirbhar Bharat Aatma Nirbhar Bharat कारीगरों के लिए दिवाली बनी उम्मीद की किरण
इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा कारीगरों और ग्रामीण शिल्पकारों को हुआ है।
‘त्रिवेणी’ जैसे संस्थान इन कारीगरों को बाजार से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये संस्थान न केवल उनके बनाए उत्पादों को प्लेटफॉर्म दे रहे हैं, बल्कि उन्हें डिज़ाइन और पैकेजिंग के नए तरीकों से भी परिचित करा रहे हैं।एक बुनकर ने बताया,
“पहले हमें अपने उत्पादों की बिक्री में मुश्किल आती थी, लेकिन अब ऑनलाइन और लोकल मेलों में हमें ग्राहक खुद ढूंढने आते हैं।”
आत्मनिर्भर भारत की ओर मजबूत कदम Aatma Nirbhar Bharat
इस दिवाली स्वदेशी की गूंज हर ओर सुनाई दे रही है। जहां पहले विदेशी लाइट्स और गिफ्ट्स का चलन था, अब लोग भारतीय ब्रांड्स, हस्तनिर्मित उत्पादों और देसी मिठाइयों की ओर रुख कर रहे हैं।
यह न केवल हमारी परंपरा को सहेज रहा है, बल्कि देश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में भी अहम भूमिका निभा रहा है।
‘मेक इन इंडिया’ अब केवल एक सरकारी अभियान नहीं रहा, बल्कि यह एक जन आंदोलन बन चुका है, जिसमें हर भारतीय की भागीदारी है।इस बार की दिवाली सिर्फ रोशनी का नहीं, बल्कि स्वदेशी जागरूकता का पर्व बन गई है। हर दीया, हर तोरण, हर मिठाई का डिब्बा अब “मेड इन इंडिया” की चमक से जगमगा रहा है।
यह बदलाव न केवल देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की ओर भी एक सुनहरा कदम है।
Home Minister Amit Shah – देश में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही, हिंदू जनसंख्या में गिरावट की दी वजह
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Chopping Board Cleaning Tips : चॉपिंग बोर्ड में जम गए हैं दाग? इन आसान घरेलू टिप्स से मिनटों में करें साफ
Chopping Board Cleaning Tips : चॉपिंग बोर्ड में जम गए हैं दाग? इन आसान घरेलू टिप्स से मिनटों में करें साफ
Chopping Board Cleaning Tips : दीवाली बस आने ही वाली है घरों में दीवाली की तैयारीया भी शुरू हो चुकी है दिवाली पर घर की क्लीनिंग तो आप लोंगो की हो ही चुकी होगी पर आप जानते है आपका खाना बनाने के बोर्ड को कैसे क्लीन रखा जा सकता है। अगर आपके किचन का चॉपिंग बोर्ड दागदार हो गया है तो परेशान न हों। नींबू, बेकिंग सोडा और नमक जैसी चीज़ों से आप उसे मिनटों में साफ कर सकते हैं। जानिए 5 आसान घरेलू उपाय जो आपके बोर्ड को फिर से नया बना देंगे।
लेकिन बिजी लाइफ में हर चीज़ डिटेल में सफाई करना थोडा मुश्कल भरा है पर फटाफट काम और एकदम एक्सपर्ट्स जेसा करना हो तो स्मार्ट प्लानिंग के साथ कीजिए। कई चीज छुट जाती है उसमे रोजमर्रा की रसोई में इस्तेमाल होने वाला चॉपिंग बोर्ड (Chopping Board) हर घर का अहम हिस्सा होता है। चाहे सब्जी काटनी हो, फल या मांस, हर चीज इसी बोर्ड पर तैयार होती है। लेकिन कुछ समय बाद इस पर दाग, तेल के निशान और बदबू जम जाती है जिन्हें साफ करना मुश्किल लगता है।
अगर आप भी सोच रही हैं कि नया बोर्ड खरीदना ही एकमात्र उपाय है, तो ज़रा रुकिए!
यहां हम बता रहे हैं कुछ आसान घरेलू टिप्स (Chopping Board Cleaning Tips) जिनसे आपका बोर्ड फिर से नया जैसा चमकने लगेगा।
Chopping Board Cleaning Tips 1. नींबू और नमक का जादू
नींबू और नमक आपके पुराने दागों को मिटाने का सबसे असरदार तरीका है।
कैसे करें इस्तेमाल:- चॉपिंग बोर्ड पर मोटा नमक छिड़कें। आधा नींबू लेकर बोर्ड पर रगड़ें ताकि उसका रस नमक के साथ मिल जाए। इसे 5–10 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें, फिर गुनगुने पानी से धो लें।
➡️ इससे जमी हुई गंध और दाग दोनों गायब हो जाएंगे।
2. बेकिंग सोडा और सिरका Chopping Board Cleaning Tips
अगर दाग बहुत पुराने हैं तो बेकिंग सोडा और सफेद सिरका का कॉम्बिनेशन बेहद कारगर है।
कैसे करें:- एक कटोरे में एक चम्मच बेकिंग सोडा और आधा कप सिरका मिलाएं। इस मिश्रण को बोर्ड पर लगाएं और 10 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर ब्रश या स्पॉन्ज से हल्के हाथों से रगड़ें।
यह उपाय तेल, हल्दी या प्याज के दागों के लिए सबसे अच्छा है।
3. हाइड्रोजन पेरॉक्साइड का उपयोग
अगर आपका बोर्ड सफेद या प्लास्टिक का है, तो हाइड्रोजन पेरॉक्साइड की मदद से उसे डिसइंफेक्ट किया जा सकता है।
कैसे करें:- बोर्ड पर थोड़ी मात्रा में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड डालें। कुछ मिनट के लिए छोड़ दें और फिर गीले कपड़े से पोंछ दें। यह बैक्टीरिया और कीटाणुओं को खत्म करने का एक वैज्ञानिक और सुरक्षित तरीका है।
4. सिरके से रोजाना सफाई
अगर आप चाहते हैं कि चॉपिंग बोर्ड पर दाग जमा ही न हों, तो रोजाना सफाई में सिरके का इस्तेमाल करें।
कैसे करें:- आधा कप सफेद सिरका और आधा कप पानी मिलाएं। इस मिश्रण से बोर्ड को पोंछें।
➡️ यह न केवल दाग हटाएगा बल्कि बदबू को भी दूर करेगा।
5. लकड़ी के बोर्ड के लिए नारियल तेल
लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड को बार-बार पानी में धोने से उसकी सतह फटने लगती है। ऐसे में नारियल तेल लगाना बहुत फायदेमंद है।
कैसे करें:- बोर्ड धोकर सुखा लें। उस पर थोड़ा सा नारियल तेल लगाएं और सूखे कपड़े से पॉलिश करें।
यह उसकी नमी बरकरार रखेगा और बोर्ड को लंबे समय तक टिकाऊ बनाएगा।
अतिरिक्त टिप्स (Bonus Tips): Chopping Board Cleaning Tips
- कभी भी लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड को डिशवॉशर में न डालें।
- गर्म पानी से धोने के बाद तुरंत सुखाएं ताकि बोर्ड टेढ़ा न हो।
- समय-समय पर बोर्ड को धूप में रखें ताकि बैक्टीरिया न पनपें।
सफाई ही सेहत की पहली सीढ़ी
किचन की साफ-सफाई का सीधा असर परिवार की सेहत पर पड़ता है। चॉपिंग बोर्ड पर कटने वाली चीज़ें अगर दूषित सतह से गुजरेंगी, तो बैक्टीरिया आसानी से भोजन में जा सकते हैं। इसलिए हर दिन कुछ मिनट निकालकर अपने बोर्ड को साफ करना न भूलें।
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- चॉपिंग बोर्ड पर मोटा नमक छिड़कें। आधा नींबू लेकर बोर्ड पर रगड़ें ताकि उसका रस नमक के साथ मिल जाए। इसे 5–10 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें, फिर गुनगुने पानी से धो लें।
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Home Minister Amit Shah – देश में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही, हिंदू जनसंख्या में गिरावट की दी वजह
Home Minister Amit Shah – देश में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही, हिंदू जनसंख्या में गिरावट की दी वजह
Home Minister Amit Shah: गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक बयान में कहा कि देश में मुस्लिम आबादी बढ़ रही है, जबकि हिंदुओं की जनसंख्या में लगातार कमी देखी जा रही है। शाह ने इसके पीछे जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता और समाज में जागरूकता की कमी को मुख्य वजह बताया।
11 अक्टूबर 2025: Home Minister Amit Shah
भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने देश में बढ़ती जनसंख्या और उसके धार्मिक संतुलन पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है, जबकि हिंदुओं की जनसंख्या में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है। शाह ने इस असंतुलन के लिए जागरूकता की कमी और जनसंख्या नियंत्रण कानून की अनुपस्थिति को प्रमुख कारण बताया।अमित शाह ने यह बयान एक जनसभा के दौरान दिया, जहां वे जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक जिम्मेदारी पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में जिस तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है, वह आने वाले दशकों में सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक संतुलन को प्रभावित कर सकती है।
शाह का बयान
अमित शाह ने कहा –
“हम सभी को यह समझना होगा कि जनसंख्या केवल संख्या नहीं, बल्कि संसाधनों, शिक्षा और विकास से जुड़ा मुद्दा है। देश में कुछ समुदायों की आबादी तेजी से बढ़ रही है जबकि दूसरे समुदायों में गिरावट आ रही है। अगर इस असंतुलन को समय रहते नहीं संभाला गया, तो भविष्य में यह बड़ी चुनौती बन सकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है और इसके लिए सभी राज्यों से सुझाव भी लिए जा रहे हैं।

Home Minister Amit Shah बढ़ती मुस्लिम आबादी पर चिंता Home Minister Amit Shah
शाह ने जनसंख्या के हालिया आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले कुछ दशकों में देश में मुस्लिम आबादी का अनुपात बढ़ा है, जबकि हिंदुओं का प्रतिशत घटा है।
उन्होंने कहा –“किसी भी देश की ताकत उसके जनसांख्यिकीय संतुलन में होती है। अगर यह संतुलन बिगड़ता है, तो समाज में असमानता और अस्थिरता बढ़ती है। इसलिए हमें एकसमान जनसंख्या नीति की जरूरत है जो सभी पर समान रूप से लागू हो।”
जनसंख्या नियंत्रण कानून पर चर्चा
अमित शाह ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण केवल धार्मिक या राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय नीति का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य किसी समुदाय को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि देश के संसाधनों का संतुलित वितरण और भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्थिर विकास सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या का संतुलन नहीं रखा गया, तो शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में दबाव बढ़ेगा, जिससे विकास की गति धीमी पड़ सकती है।
विपक्ष का पलटवार
अमित शाह के इस बयान पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि “देश को बांटने वाली राजनीति” की जगह सरकार को शिक्षा और रोजगार पर ध्यान देना चाहिए।
वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि शाह का यह बयान लोगों के बीच धार्मिक विभाजन बढ़ाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि “जनसंख्या का मुद्दा सिर्फ धर्म नहीं, बल्कि गरीबी और शिक्षा से जुड़ा है।”Home Minister Amit Shah विशेषज्ञों की राय
जनसंख्या विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में विभिन्न समुदायों के बीच जन्म दर में अंतर है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह अंतर घटा है।
भारतीय जनसंख्या आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम समुदाय की प्रजनन दर घटकर 2.3 हो गई है, जबकि हिंदू समुदाय की 1.9 के आसपास है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना चाहिए।अमित शाह का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बहस तेज है। कुछ राज्यों ने पहले ही इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं। शाह ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य किसी धर्म या समुदाय को निशाना बनाना नहीं, बल्कि एक संतुलित और स्थायी विकास मॉडल तैयार करना है।
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Bharat Ke Mandir : इस दिवाली जाइये भारत के रहस्यमयी मंदिर जहां विज्ञान भी रह गया हैरान, हर मंदिर में छिपा है अनोखा चमत्कार!
Bharat Ke Mandir : इस दिवाली जाइये भारत के रहस्यमयी मंदिर जहां विज्ञान भी रह गया हैरान, हर मंदिर में छिपा है अनोखा चमत्कार!
Bharat Ke Mandir : भारत रहस्यों और आस्था की भूमि है। यहां ऐसे कई मंदिर हैं जिनकी गुत्थियां आज तक विज्ञान भी नहीं सुलझा पाया। जानिए भारत के 5 सबसे रहस्यमयी मंदिरों के बारे में, जिनकी कहानियां और चमत्कार हर किसी को चौंका देते हैं। जहां इस दीवाली आप घुमने जा सकते हो।
भारत को “आस्था और रहस्य का देश” कहा जाता है। यहां के मंदिर केवल पूजा के स्थल नहीं बल्कि रहस्यों, विज्ञान और चमत्कारों का संगम हैं। कई मंदिर ऐसे हैं, जिनकी बनावट, ध्वनि, और परंपराएं आज भी वैज्ञानिकों के लिए पहेली बनी हुई हैं। आइए जानते हैं भारत के 5 सबसे रहस्यमयी मंदिरों के बारे में, जिनकी कहानियां आपको भी चौंका देंगी।
1. पद्मनाभस्वामी मंदिर (केरल) – दुनिया का सबसे अमीर और रहस्यमयी मंदिर

Bharat Ke Mandir केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर न सिर्फ अपनी संपत्ति बल्कि अपने रहस्यों के लिए भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर के तहखाने में अरबों की संपत्ति होने की बात कही जाती है।
सबसे रहस्यमयी बात यह है कि मंदिर का ‘Vault B’ (तहखाना बी) आज तक नहीं खोला जा सका है। कहा जाता है कि इसे खोलने की कोशिश करने पर भयावह घटनाएं घटती हैं। वैज्ञानिकों और पुरातत्वविदों ने भी इस रहस्य का अब तक कोई समाधान नहीं पाया है।2. कोणार्क सूर्य मंदिर (ओडिशा) – पत्थरों में बसा सौर विज्ञान Bharat Ke Mandir

13वीं सदी में निर्मित कोणार्क सूर्य मंदिर अपनी वास्तुकला और गणितीय सटीकता के लिए जाना जाता है। यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित है और इसकी बनावट एक विशाल रथ के आकार में है, जिसमें 12 जोड़ी पहिए और सात घोड़े हैं।
मंदिर की दीवारों में ऐसा चुंबकीय तत्व है जो सूर्य की दिशा के साथ बदलता है। कहा जाता है कि पहले यहां एक शक्तिशाली चुंबकीय पत्थर था जो मंदिर के शिखर पर स्थित लोहे के तत्वों को नियंत्रित करता था। इस अद्भुत संरचना का रहस्य आज भी पूरी तरह उजागर नहीं हो सका है।3. मीनाक्षी अम्मन मंदिर (मदुरई, तमिलनाडु) – जहां ईश्वर और देवी का विवाह होता है

Bharat Ke Mandir मदुरई का मीनाक्षी अम्मन मंदिर देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरश्वरर (शिव) को समर्पित है। इस मंदिर का हर वर्ष होने वाला देव विवाह उत्सव दुनिया भर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
रहस्य यह है कि मंदिर की ऊंचाई और नक्शा खगोल विज्ञान के अनुसार पूरी तरह सटीक है। कहा जाता है कि मंदिर के गर्भगृह से निकलने वाली ऊर्जा लोगों के मानसिक संतुलन और स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। वैज्ञानिक आज तक इस रहस्य की पुष्टि नहीं कर पाए हैं।4. कैलास मंदिर (एलोरा, महाराष्ट्र) – एक ही पत्थर से बना दिव्य आश्चर्य

एलोरा की गुफाओं में स्थित कैलास मंदिर विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसे एक ही विशाल पत्थर को तराशकर बनाया गया है। इसकी संरचना इतनी जटिल है कि आधुनिक तकनीक से भी इसे दोहराना असंभव माना जाता है।
कहा जाता है कि इसे “ऊपर से नीचे” की दिशा में तराशा गया था – यानी सबसे पहले छत और फिर नीचे की ओर निर्माण हुआ। यह रहस्य आज भी इतिहासकारों और इंजीनियरों को हैरान करता है कि बिना आधुनिक उपकरणों के यह कैसे संभव हुआ।5. वेमुलवाड़ा मंदिर (तेलंगाना) – जहां भगवान शिव स्नान करते हैं

Bharat Ke Mandir तेलंगाना में स्थित राजा राजेश्वर स्वामी मंदिर (वेमुलवाड़ा) का एक रहस्य है – यहां भगवान शिव की प्रतिमा के सामने एक प्राकृतिक झील है, जहां श्रद्धालु पूजा से पहले स्नान करते हैं।
स्थानीय मान्यता है कि खुद भगवान शिव यहां स्नान करने आते हैं। मंदिर में स्थित कुंड का पानी कभी सूखता नहीं, चाहे मौसम कोई भी हो। वैज्ञानिकों ने जांच की, लेकिन पानी के इस स्रोत का रहस्य अब तक नहीं मिला।भारत के ये मंदिर न सिर्फ धार्मिक आस्था के प्रतीक हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि हमारे पूर्वजों के पास अद्भुत वास्तु, खगोल और वैज्ञानिक ज्ञान था। आज भी ये मंदिर लाखों श्रद्धालुओं और शोधकर्ताओं के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
Chauth Mata Mandir: इस करवा चौथ पर पति की लंबी आयु के लिए जाए सवाई का प्रसिद्ध मंदिर
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