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Tikamgarh: बुजुर्ग व्यापारी दंपती, उनकी बेटी और दामाद ने कनाडा से आकर बताया

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Tikamgarh: बुजुर्ग व्यापारी दंपती शोरूम में आग लगने से मर गईं. हादसे के बाद, दंपती की बेटी और दामाद कनाडा से आए हैं और कई सवाल उठाए हैं।

टीकमगढ़ नगर भवन के सामने एक शोरूम में लगी आग में एक बुजुर्ग व्यापारी दंपती की मौत हो गई। कनाडा से टीकमगढ़ पहुंचे उनकी बेटी और दामाद ने कई प्रश्न पूछे हैं, जिस पर आज उनका बयान दर्ज किया जाएगा। पुलिस घटना पर पुनर्विचार करेगी। रविवार सुबह टीकमगढ़ पुलिस कोतवाली के प्रभारी आनंद राज ने दूरभाष पर बताया कि 24 जुलाई की सुबह 5:30 के आसपास अस्तोन एंपोरियम में आग लग गई थी। 6:30 बजे वह खुद घटनास्थल पर पहुंचा। इस आग में लाखों रुपये का सामान जल गया था।

Tikamgarh: 24 जुलाई की सुबह 5:30

वहीं, आग ने देवेंद्र जैन और उनकी पत्नी सुलोचना को मार डाला।

उन्हें बताया गया कि उनके दुकान संचालक भतीजा मनोज जैन ने इस मामले में मर्ग और आगजनी कायम की थी। शनिवार को कनाडा से टीकमगढ़ पहुंचे मृतक बुजुर्ग दंपती की बेटी और दामाद ने कई प्रश्न उठाए हैं। साथ ही, उन्होंने पुलिस कोतवाली टीकमगढ़ के प्रभारी आनंद राज से मिलकर उनके चचेरे साले मनोज को उनके साथ ससुर को बचाने की कोशिश नहीं करने का मुद्दा उठाया है। जबकि उनके पास पर्याप्त समय था। इसकी गवाही घटनास्थल के साक्ष्य हैं।

मृतक दंपती की पुत्री और उनके दामाद नितिन जैन के बयान रविवार की दोपहर में दर्ज किए जाएंगे, साथ ही वीडियोग्राफी भी की जाएगी, कोतवाली प्रभारी आनंद राज ने बताया। उनका कहना था कि टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक रोहित ने जांच के लिए एक टीम गठित की है, जो घटनास्थल पर पहुंचकर पूरे मामले को फिर से रिकॉर्ड करेगा। उनका कहना था कि मेरा प्रयास होगा कि उनके द्वारा उठाए गए प्रश्नों का समाधान किया जाए। दामाद ने पुलिस को बताया कि सीडीओ के सहारे दुकान के बगल से उनके साथ ससुर के कमरे तक एक रास्ता था।

Tikamgarh: मनोज जैन ने कोशिश की होती तो बच सकते थे। उसने बताया कि मनोज जैन सुबह 6:08 मिनट पर इमारत से बाहर आ गए थे, साथ में अपने बच्चे और उनकी मां। यद्यपि सभी सुरक्षित हैं, वे कमरे में सो रहे हैं। चाचा चाची को बचाने की कोई कोशिश नहीं की। क्योंकि वह कमरे से निकलते ही सिर्फ धुंआ निकल रहा था।

इस घटना को लेकर मनोज जैन के पड़ोस की रहने वाली पार्षद पूनम जायसवाल ने भी कई प्रश्न उठाए हैं। जैसे कि पूनम जायसवाल घटना की सबसे पहली प्रत्यक्षदर्शी थी, वह पहले घर से बाहर निकलकर पुलिस, राजस्व और मनोज को फोन करके आग लगने की सूचना दी। उसने फिर मनोज से चाचा-चाची के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि वे फोन करेंगे। पूनम के दिन भी वे फोन नहीं करते। लेकिन पूनम ने भी सवाल उठाया है कि मनोज ने चाचा चाची के कमरे तक जाने का रास्ता नहीं बताया, जो उस समय पूरी तरह सुरक्षित था।

Tikamgarh: मृत दंपती का कोई लड़का नहीं था, और उनकी दो बेटियां कनाडा में और बाहर रहती हैं। शनिवार को कनाडा में रहने वाली उनकी बेटी और दामाद टीकमगढ़ पहुंचे हैं और पुलिस कोतवाली प्रभारी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की है। टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वह रविवार को परिवार से मिलेगा।

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