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UPSC: UPSC ने नौकरी की वैकेंसी निकाली तो अखिलेश यादव क्यों नाराज हो गए? देश के खिलाफ बीजेपी का षड्यंत्र बताया

Uttar Pradesh

UPSC: UPSC ने लैटेरल एंट्री के माध्यम से वरिष्ठ पदों पर वैकेंसी दी है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इसे देश के खिलाफ एक साजिश बताया है।

लैटेरल एंट्री के माध्यम से केंद्रीय लोक सेवा आयोग (UPSC) ने उच्च पदों पर वैकेंसी निकाली है। 2019 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने 2024 में पुनः सीधी भर्ती की है। विपक्षी पक्ष ने विरोध शुरू किया है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इसे देश के खिलाफ एक साजिश बताया है। उन्हें लगता है कि बैक डोर से सीनियर पद पर नियुक्ति करके आम लोगों को चपरासी और बाबू पदों तक सीमित रखने का प्रयास है।

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में अखिलेश ने कहा कि समय आ गया है कि भाजपा अपनी विचारधारा के साथियों को पिछले दरवाज़े से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साज़िश कर रही है, उसके खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन शुरू करें। आज के अधिकारियों के इस तरीके से, युवाओं को भी वर्तमान और भविष्य में उच्च पदों पर जाने से रोका जाएगा। आम जनता केवल चपरासी और बाबू तक सीमित होगी।’

उनका लेख था, “दरअसल, सारी चाल पीडीए से आरक्षण और उनके अधिकार छीनने की है।” भाजपा को पता चला है कि संविधान को खत्म करने की भाजपा की कोशिश के खिलाफ पूरे देश का पीडीए जाग उठा है, इसलिए वह ऐसे पदों पर सीधी भर्ती करके आरक्षण को दूसरे बहाने से खारिज करना चाहती है। यह भी राष्ट्रहित में नहीं है, इसलिए भाजपा सरकार इसे तुरंत वापस ले। भाजपा सरकार में अपनी दलीय विचारधारा के अधिकारियों को रखना चाहती है, जिससे मनमाना व्यवहार हो सके। ऐसे लोग कभी भी निष्पक्ष नहीं हो सकते, जो सरकार की कृपा से अधिकारी बन गए हैं। ऐसे लोगों की निष्ठा पर हमेशा प्रश्नचिन्ह रहेगा।’

UPSC: 2 अक्टूबर से एक नया आंदोलन शुरू

UPSC: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा, “देशभर के अधिकारियों और युवाओं से आग्रह है कि यदि भाजपा सरकार इसे वापस नहीं ले तो आगामी 2 अक्टूबर से एक नया आंदोलन शुरू करने में हमारे साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर खड़े हों।” क्योंकि कारपोरेट की अमीरोंवाली पूंजीवादी सोच लाभ कमाने की ओर है, हम सरकारी तंत्र पर उनका कब्जा बर्दाश्त नहीं करेंगे। ऐसी सोच दूसरे लोगों के शोषण पर निर्भर करती है, जबकि हमारी “समाजवादी सोच” ग़रीब, किसान, मजदूर, नौकरीपेशा और अपना छोटा-मोटा काम-कारोबार करनेवाली आम जनता के पोषण और कल्याण की है। ये देश के खिलाफ एक बड़ी साजिश है।’

UPSC: गौरतलब है कि UPSC, यानी केंद्रीय लोक सेवा आयोग, ने लैटरल एंट्री के माध्यम से 45 पदों पर भर्ती निकाली हैं। इनमें 45 निदेशक, उपसचिव और संयुक्त सचिव पद शामिल हैं। इन पदों पर सीधी भर्ती की जाएगी, जो कई मंत्रालयों में होगी। ये पद अनुभव और काम के आधार पर होने चाहिए। यह भी लागू होने लगा है। मोदी सरकार के इस निर्णय को विपक्षी पक्ष विरोध कर रहा है।

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