Uttarakhand Industry Growth उत्तराखंड के 25 वर्ष — विश्वास अब और दृढ़, यही है उत्कर्ष का काल
Uttarakhand Industry Growth “देवभूमि उत्तराखंड आज अपनी स्थापना की 25वीं वर्षगांठ मना रही है। इस सुनहरे अवसर पर देखा जा रहा है राज्य की यात्रा, उपलब्धियाँ और आने वाला भविष्य — उत्साह के साथ नया उत्कर्ष आरंभ हुआ है।”
उत्तराखंड 25 वर्ष Uttarakhand Industry Growth
आज उत्तराखंड अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रही है। यह केवल एक वर्षगांठ नहीं बल्कि उस विश्वास-दृढ़ता का प्रतीक है, जिसने इसे “उत्कर्ष का काल” घोषित किया है। 9 नवम्बर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग हो कर अस्तित्व में आए इस हिमालयी राज्य ने मात्र एक चिह्नित दिन से आज एक जिम्मेदार विकास-यात्रा की दिशा में अग्रसरता ली है।
पहली बात यह कि उत्तराखंड के विकास के आयाम आज पहले से कहीं अधिक विशाल हैं। जब यह राज्य बना था, तब बजट बेहद सीमित था; आज यह बजट ₹1 लाख करोड़ से भी अधिक हो गया है। बिजली उत्पादन लगभग चार गुना बढ़ा है, सड़कों की लंबाई दोगुनी हुई है। इसी तरह, इंजीनियरिंग एवं मेडिकल शिक्षा-संस्थान की संख्या में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।

देवभूमि उत्तराखंड विकास
विकास केवल आर्थिक ही नहीं बल्कि सामाजिक, पर्यावरणीय व सांस्कृतिक आयामों में भी हुआ है। पर्यटन, अध्यात्म, स्वास्थ्य-सेवा, शिक्षा, ऊर्जा — इन सभी में उत्तराखंड ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। राज्य सरकार ने उद्योग-निवेश को प्रोत्साहित किया है तथा पर्यटन के नए रूपों पर काम किया है। उदाहरण के लिए, लगभग ₹3.5 लाख करोड़ के उद्योग निवेश इस 25-वर्षीय यात्रा में संलग्न हैं।
आज जब यह सिल्वर जयंती मनाई जा रही है, तो यह बिल्कुल सही समय है यह विश्वास और दृढ़ करने का कि उत्तराखंड अब उत्कर्ष के चरण में प्रवेश कर चुका है। यहां के लोगों ने पर्वतमालाओं की चुनौतियों के बीच भी आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। यह किसी सामान्य उपलब्धि की कहानी नहीं बल्कि collective प्रतिबद्धता और अवसर की कहानी है।

उत्तराखंड स्थापना दिवस
स्थापना दिवस के अवसर पर कई विकास-परियोजनाएँ उद्घाटित की गईं अथवा उनके लिए आधारशिला रखी गई है। पेयजल, सिंचाई, ऊर्जा, शिक्षा, खेल एवं शहरी विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, डिहाड़ून के 23 जोनों के लिए जलापूर्ति योजना, सोलर-पावर प्लांट, हॉकी एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड आदि शामिल हैं।
इसके साथ ही, यह 25-वर्षी अवसर हमें यह सोचने को प्रेरित करता है कि आने वाला दशक उत्तराखंड का स्वर्णिम दशक हो सकता है। राज्य सरकार ने अगले चरण के विकास का रोडमैप तैयार किया है जिसमें युवाओं, महिलाओं, पर्यावरण-संतुलन और स्मार्ट-हिल्स की दिशा प्रमुख है।

उत्तराखंड 2025
यह यात्रा चुनौतियों से खाली नहीं रही। पर्वतीय इलाकों में भौगोलिक जटिलताएँ, बुनियादी ढांचे की कमी और संसाधनों की सीमितता जैसी बाधाएँ थीं। फिर भी, इस संघर्ष ने उत्तराखंड को एक नई दिशा दी है। आज, उस संघर्ष ने विश्वास को आकार दिया है— कि अब हम विकास-के रास्ते में हैं, और यह क्षितिज सिर्फ शुरुआत है।
इसलिए आज, जब हम मॉडल-के हिसाब से कहें कि उत्तराखंड का उत्कर्ष आरंभ हो गया है, तो यह अतिशयोक्ति नहीं बल्कि उस दृढ़ संकल्प का प्रमाण है जिसे यहां के लोगों ने लिया है। हमें याद रखना चाहिए कि हर पर्वत-चोटी की ऊँचाई उसके आरंभ-बिंदु से ही मेल खाती है। उत्तराखंड ने अपना आरंभ किया है, और आज वह चढ़ाव पर है।

इस क्षण हमें समर्पित है — देवभूमि की आत्मा-वीरता, उसकी प्राकृतिक सुंदरता, उसकी सांस्कृतिक विरासत और उसके भविष्य-प्रसन्न नागरिकों के लिए। आइए — हम सब मिल कर इस आरोह को समर्थन दें, इस उत्कर्ष को आगे बढ़ाएं। उत्तराखंड के 25 वर्ष पूरे हुए हैं, अब आगे की ऊँचाईयों का सफर शुरू होता है।

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