Vice-President CP Radhakrishnan उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन कल करेंगे कर्नाटक का दौरा। आचार्य शांतिसागर महाराज को करेंगे नमन और जेएसएस दीक्षांत समारोह में होंगे शामिल
उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन कल कर्नाटक का दौरा करेंगे। वे हासन में आचार्य शांतिसागर महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जेएसएस एकेडमी के दीक्षांत समारोह में भाग लेंगे और सुत्तूर मठ व प्रमुख मंदिरों का दर्शन करेंगे।
भारत के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन कल कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे राज्य के कई धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। यह दौरा आध्यात्मिकता, परंपरा और शिक्षा – तीनों मूल्यों के समन्वय का प्रतीक माना जा रहा है।
आचार्य शांतिसागर महाराज को नमन
उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन अपने दौरे की शुरुआत कर्नाटक के हासन (Hassan) जिले से करेंगे। यहाँ वे जैन समाज के महान संत और आध्यात्मिक गुरु आचार्य शांतिसागर महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। आचार्य शांतिसागर महाराज को आधुनिक जैन परंपरा में एक प्रख्यात साधक के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने अहिंसा, संयम और आध्यात्मिक जीवन के आदर्शों को प्रसारित किया।
उपराष्ट्रपति न केवल श्रद्धांजलि देंगे, बल्कि वे आचार्य शांतिसागर महाराज की प्रतिमा स्थापना समारोह और चौथी पहाड़ी के नामकरण समारोह में भी शामिल होंगे। इस अवसर पर जैन मठों और समुदाय के कई प्रमुख संत और अनुयायी भी उपस्थित रहेंगे।

शिक्षा के क्षेत्र में सहभागिता Vice-President CP Radhakrishnan
हासन के कार्यक्रमों के बाद उपराष्ट्रपति मैसूरु (Mysuru) पहुंचेंगे, जहाँ वे जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च (JSS Academy of Higher Education and Research) के सोलहवें दीक्षांत समारोह (16th Convocation Ceremony) में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
यह संस्थान दक्षिण भारत के सबसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा केंद्रों में से एक है, जो चिकित्सा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। राधाकृष्णन यहां विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे और उन्हें भारत के विकास में युवाओं की भूमिका पर प्रेरक संदेश देंगे।
धार्मिक स्थलों का दर्शन
उपराष्ट्रपति अपने कर्नाटक दौरे के दौरान सुत्तूर मठ (Suttur Math) के पुराने परिसर का भी दौरा करेंगे। यह मठ कर्नाटक के प्रमुख आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है, जिसकी परंपरा शिक्षा और समाजसेवा से जुड़ी हुई है।
इसके साथ ही, वे श्री चामुंडेश्वरी देवी मंदिर (Shree Chamundeshwari Devi Temple) और चेलुवनारायण स्वामी मंदिर (Cheluvanarayana Swamy Temple) में भी पूजा-अर्चना करेंगे। दोनों मंदिर कर्नाटक की आस्था और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक माने जाते हैं।
आध्यात्मिकता और शिक्षा का संगम Vice-President CP Radhakrishnan
उपराष्ट्रपति का यह दौरा केवल धार्मिक या औपचारिक नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक एकता और शिक्षा के माध्यम से आध्यात्मिक उत्थान के संदेश को भी प्रकट करता है। वे विभिन्न कार्यक्रमों में युवाओं, शिक्षाविदों और साधु-संतों से संवाद करेंगे और भारत के सामाजिक समरसता के विचार को बल देंगे।
राधाकृष्णन ने अपने हालिया संबोधनों में यह कहा था कि “भारत की ताकत उसकी परंपरा और नवाचार के संगम में है। हमें संस्कृति और शिक्षा को एक साथ आगे बढ़ाना होगा ताकि आने वाली पीढ़ियाँ अपने मूल्यों के साथ आधुनिकता को आत्मसात कर सकें।”
कर्नाटक का यह दौरा उपराष्ट्रपति के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह यात्रा उन मूलभूत भारतीय मूल्यों को उजागर करती है, जिनमें श्रद्धा, शिक्षा और सेवा का संगम निहित है। हासन से मैसूरु तक यह यात्रा समाज में सद्भाव, प्रेरणा और ज्ञान का संदेश देगी।
Table of Contents
Delhi Air Pollution: अब मास्क पहनकर ही जीना होगा दिल्ली को, सांस लेना हुआ मुश्किल
Join Our X account for more Updates : VR LIVE NEWS Channel
Discover more from VR News Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.



