Bareilly Shergarh: बरेली में काली तुरई की सब्जी और दूध पीने के बाद एक ही परिवार के चार लोग बीमार हो गए हैं। इस मामले में जहर दिए जाने का शक लगातार बढ़ता जा रहा है। परिवार के तीन लोगों की हालत खराब है। इस घटना में एक बच्ची बच गई है।
बरेली, उत्तर प्रदेश, एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। शेरगंज थाना क्षेत्र के गांव प्रह्लादपुर में एक ही परिवार के चार लोग भोजन करने के बाद बीमार हो गए। इलाज के दौरान एक व्यक्ति ने मर गया। परिवार के तीन सदस्यों को अस्पताल में इलाज दिया जा रहा है। वहां उनकी स्थिति चिंताजनक है। शाम को परिवार की एक लड़की ने खाना नहीं खाया। इससे वह बीमार नहीं हो गई। यह घटना हैरान करने वाली है। 14 अगस्त की शाम को शेरगढ़ थाना क्षेत्र के प्रह्लादपुर गांव में रहने वाले मेवाराम के घर काली तुरई की सब्जी बनाई गई। सोने से पहले उन्होंने दूध पिया था। इसके बाद वे बीमार हो गए।
रात में प्रह्लादपुर गांव में मेवाराम, उनकी बहू अनीता और बच्चे शीतल ने खाना खाया। रात को खाना खाने के बाद सभी ने सोने से पहले दूध पीया। परिवार के सदस्यों को कुछ देर बाद पेट में दर्द होने लगा। दस्त शुरू हुआ। इसके बाद प्रत्येक गांव में एक चिकित्सक से संपर्क किया। उनका उपचार किया गया, लेकिन राहत नहीं मिली। उनकी हालत निरंतर बिगड़ने लगी। बाद में परिवार बीमारों को भोजीपुरा स्थित राममूर्ति स्मारक मेडिकल कॉलेज ले गया। इलाज के दौरान 38 वर्षीय डिल्लीधर ने वहीं दम तोड़ दिया। मृतक के पिता मेवाराम, पत्नी अनीता और चौबीस साल की बेटी शीतल की स्थिति चिंताजनक है।
Bareilly Shergarh: जहर की आशंका
स्थानीय लोगों ने कहा कि डॉक्टर जहर के बारे में बोल रहे हैं। यह सब गनीमत थी कि रोशनी ने खाना नहीं खाया था। ग्रामीणों और परिवार के सदस्यों ने बताया कि मृतक डिल्लीधर ही परिवार का एकमात्र सहारा था। वह काम कर परिवार को पालता था। डिल्लीधर अपने पिता मेवाराम, पत्नी अनीता और दो पुत्रों के साथ रहता था। मृतक का बेटा अमित गंगवार अपनी बुआ के घर रहता है और उसे स्कूल में पढ़ाता है।
14 अगस्त की शाम को रोशनी ने खाना नहीं खाया, लेकिन परिवार के सभी सदस्यों ने काली तुरई की सब्जी खाई। उन्होंने दूध भी नहीं पिया। इससे वह बीमार नहीं हुई। परिवार इस घटना से दुखी है। ग्रामीणों ने बताया कि मृतक के पिता और पत्नी अनीता का स्वास्थ्य अभी भी खराब है।
Bareilly Shergarh: पुलिस को जानकारी नहीं मिली
प्रह्लादपुर की घटना के बारे में पुलिस को कुछ पता नहीं है। थानाध्यक्ष राजेश बाबू मिश्रा ने कहा कि उनके पास मामला नहीं है। इस मामले में, राममूर्ति स्मारक मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि तोरई की सब्जी इतनी जहरीली नहीं हो सकती कि किसी की मौत हो जाए। क्या परिवार ने इस मामले में उलझने की जगह क्या खाया? इस विषय में अध्ययन होना चाहिए। कई बार कीड़ों से बचने के लिए गेहूं में कीटनाशक दवा डाल दी जाती है और फिर चक्की में पिस दी जाती है। उसकी रोटी ज़रूर जहरीली है।
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Bareilly Shergarh: काली तुरई की सब्जी खाते हुए, दूध पीते हुए, एक परिवार के चार लोगों की बीमारी बरेली में एक युवक की मौत से संबंधित गहरा मामला
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