Sunny Leone धार्मिक नगरी में नहीं लगेगा ‘ग्लैमर का तड़का’ साधु-संतों के आक्रोश के आगे झुके आयोजक, सनी लियोनी का न्यू ईयर शो रद्द
नए साल (New Year) के जश्न की तैयारियों के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। बॉलीवुड अभिनेत्री सनी लियोनी (Sunny Leone) का एक बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम, जो एक पवित्र धार्मिक नगरी में आयोजित होने वाला था, अब रद्द कर दिया गया है। आयोजकों ने भारी दबाव और साधु-संतों के तीखे विरोध के बाद यह फैसला लिया है। यह मामला अब संस्कृति बनाम आधुनिकता की बहस का केंद्र बन गया है, जहाँ धार्मिक संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि पवित्र स्थलों पर “अश्लीलता” के लिए कोई जगह नहीं है।
क्यों भड़के साधु-संत और धार्मिक संगठन?
इस पूरे विवाद की जड़ कार्यक्रम का स्थान और उसकी प्रकृति थी। जैसे ही यह खबर फैली कि नए साल के मौके पर सनी लियोनी का डांस और ग्लैमरस शो आयोजित किया जा रहा है, स्थानीय साधु-समाज और विभिन्न हिंदू संगठनों ने मोर्चा खोल दिया।
विरोध के प्रमुख कारण:
- पवित्रता का अपमान: संतों का कहना था कि यह नगरी तप, त्याग और आध्यात्म का केंद्र है। यहाँ डिस्को कल्चर या बॉलीवुड नाइट जैसे आयोजनों से तीर्थ की गरिमा खंडित होती है।
- युवाओं पर गलत प्रभाव: विरोध करने वाले संगठनों का तर्क था कि ऐसे कार्यक्रम युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से दूर कर पश्चिमी सभ्यता की ओर धकेल रहे हैं, जिसे धार्मिक नगरी में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- धार्मिक भावनाओं को ठेस: संतों ने चेतावनी दी थी कि यदि प्रशासन और आयोजकों ने कार्यक्रम रद्द नहीं किया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। उनका मानना था कि सनी लियोनी की छवि (Image) धार्मिक माहौल के बिल्कुल विपरीत है।
आयोजकों ने मानी हार: ‘संस्कृति का सम्मान सर्वोपरि’
Sunny Leone शुरुआत में, आयोजकों ने इस कार्यक्रम को एक बड़े ‘मेगा इवेंट’ के रूप में प्रचारित किया था, जिसके टिकट भी बिकने शुरू हो गए थे। लेकिन विरोध की आग को देखते हुए उन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़े।

आयोजकों द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है:
“हम धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का सम्मान करते हैं। साधु-संतों और धार्मिक संगठनों का मानना है कि यह कार्यक्रम पवित्र नगरी के लिए अनुपयुक्त है और इससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है। इन भावनाओं और कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, हमने सनी लियोनी के कार्यक्रम को रद्द करने का निर्णय लिया है।”
यह बयान स्पष्ट करता है कि आयोजक किसी भी तरह के टकराव से बचना चाहते थे। पुलिस प्रशासन पर भी यह दबाव था कि नए साल के मौके पर शहर में शांति व्यवस्था बनी रहे, जो इस कार्यक्रम के होने से बिगड़ सकती थी।
Sunny Leone और विवादों का पुराना नाता
यह पहली बार नहीं है जब सनी लियोनी को इस तरह के विरोध का सामना करना पड़ा है। इससे पहले भी कर्नाटक और अन्य राज्यों में उनके न्यू ईयर कार्यक्रमों को लेकर बवाल हो चुका है। हालांकि, सनी लियोनी ने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय सिनेमा में अपनी एक अलग जगह बनाई है, लेकिन उनका अतीत और ऑन-स्क्रीन इमेज अक्सर रूढ़िवादी संगठनों के निशाने पर आ जाती है।
बावजूद इसके, उनके फैंस के लिए यह खबर निराशाजनक है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर टिकट रिफंड और कार्यक्रम रद्द होने पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की है।
Sunny Leone संस्कृति बनाम आधुनिकता की बहस
इस घटना ने एक बार फिर इस बहस को छेड़ दिया है कि क्या धार्मिक शहरों में आधुनिक मनोरंजन के लिए कोई जगह है?
- एक पक्ष (धार्मिक संगठन) का मानना है कि हर शहर की अपनी एक आत्मा होती है। ऋषिकेश, हरिद्वार, काशी या मथुरा जैसे शहरों को ‘पार्टी हब’ बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
- दूसरा पक्ष (उदारवादी वर्ग) मानता है कि नए साल का जश्न मनाना व्यक्तिगत स्वतंत्रता है और इसे किसी कलाकार के नाम या छवि से जोड़कर रोकना गलत है।
फिलहाल, इस मामले में ‘आस्था’ की जीत हुई है। आयोजकों ने न केवल कार्यक्रम रद्द किया है, बल्कि भविष्य में भी शहर की मर्यादा के अनुरूप ही आयोजन करने का आश्वासन दिया है। अब यह देखना होगा कि नए साल की शाम इस नगरी में कैसी रहती है—शांतिपूर्ण और भक्तिमय, जैसा कि संत चाहते थे, या फिर सन्नाटे से भरी।
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