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Environment: तपती धरती को बचाने के लिए प्रकाश संश्लेषण और शाकाहार को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है।

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Environment: आज, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग हमारी धरती को एक भयानक संकट में डाल रहे हैं। इससे निपटने के लिए प्रकाश संश्लेषण और शाकाहार को बढ़ावा देना आवश्यक है। हम एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य बना सकते हैं यदि प्रकाश संश्लेषण और शाकाहार के बीच तालमेल बनाएंगे।

Environment: 1970 से 22 अप्रैल

1970 से 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। लेकिन प्रकाश संश्लेषण और शाकाहार, पृथ्वी को बचाने और बचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बातों की अनदेखी की गई है। इसके बावजूद, ये दोनों परस्पर जुड़े प्राकृतिक और सामाजिक समाधान जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने और अगली पीढ़ियों के लिए जीवन को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण उपायों हैं।

शाकाहार, प्राकृतिक दोहन को नियंत्रित करने की मौलिक प्रकृति-प्रदत्त जीवन शैली है, जबकि प्रकाश संश्लेषण सूर्य के प्रकाश को जीवन-ऊर्जा में बदलने की नैसर्गिक प्रक्रिया है। हमारे जीवित ग्रह को बचाने के लिए इन्हें प्रेरित करना अनिवार्य है। पृथ्वी पर जीवन का आधार प्रकाश संश्लेषण है, जिसमें हरे पौधे, शैवाल और कुछ जीवाणु सूर्य की रोशनी का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज में बदलकर ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं। यह नैसर्गिक प्रक्रिया न केवल वनस्पति को बचाती है, बल्कि हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन भी देती है। ग्लूकोज पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों का मुख्य ऊर्जा स्रोत है।

जलवायु परिवर्तन के वर्तमान कुचक्र से पृथ्वी बाहर निकलना असम्भव होगा। पृथ्वी को इस दुश्चक्र से बाहर निकालने का सबसे प्रभावी उपाय है प्रकाश संश्लेषण की उच्चतम क्षमता तक अभिवृद्धि। वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारक है। वनों की अंधाधुंध कटाई, औद्योगिकीकरण और जीवाश्म ईंधनों के दहन ने इस संतुलन को बाधित कर दिया है, जिससे वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड में खतरनाक वृद्धि हुई है और ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के संकट में वृद्धि हुई है। इससे निपटने के लिए हमें बचे हुए वनों और अन्य पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा करने के साथ-साथ वनीकरण और पुनर्वनीकरण को भी बढ़ावा देना चाहिए। हरीत

साथ ही, शाकाहारी भोजन को अपनाना धरती की जीवटता में वृद्धि करने के लिए एक व्यवहारिक कदम होगा। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने बताया कि पशुधन उद्योग वैश्विक मानवजनित उत्सर्जन का लगभग 14.5 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैस में योगदान देता है। पशुओं के सघन औद्योगिक पालन से न केवल भारी मात्रा में ग्रीनहाउस गैस मीथेन पैदा होता है, बल्कि इसके लिए बहुत सी भूमि, पानी और चारा की आवश्यकता होती है, जो वनों की कटाई और जैव विविधता के क्षरण को बढ़ावा देता है।

Environment:  मांस उद्योग ग्रीनहाउस गैसों का एक बड़ा स्रोत है। पौधों पर आधारित आहार में कार्बन पदचिह्न बहुत कम है। शाकाहारी भोजन मात्र नहीं, बल्कि एक पूरा जीवन दृष्टिकोण है, जिसे अपनाकर हम प्रकृति के सिद्धांतों का पालन करते हुए प्रकाश संश्लेषण के सबसे निकट जीवन यापन कर सकते हैं। वैसे भी मानव, अपनी आकृति-प्रकृति, एनाटॉमी, शारीरिक कार्यिकी, स्वभाव और चेतना के कारण जीवन विकास के क्रम में एक शाकाहारी प्राणी है। हम पृथ्वी की पारिस्थितिकी को बचाने में शाकाहार का पालन कर सकते हैं। वैसे भी वनस्पति-आधारित आहार कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देता है, जिनमें मोटापा कम करना और कई तरह के कैंसर से बचाव करना शामिल है।

Environment: तपती धरती को बचाने के लिए प्रकाश संश्लेषण और शाकाहार को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है।

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