UP: इस बार लोकसभा चुनाव के सातवें चरण का चक्रव्यूह काफी उलझन भरी है। पिछले चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने इन दो सीटों को जीता था। लेकिन इस बार हाथी का रास्ता आसानी से नहीं चलेगा।
बहुजन समाज पार्टी के लिए इस बार सातवें चरण का चक्रव्यूह बहुत कठिन है। पिछले चुनाव में हाथी घोसी और गाजीपुर पर भारी पड़ा था। पार्टी ने प्रत्याशियों के चयन में बहुत सावधानी से काम लिया है, लेकिन बदले समीकरणों में पहले की तरह काम करना मुश्किल है।
सपा और बसपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में सहयोग किया था। बसपा ने पांच सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जबकि सपा ने आठ सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। उसे गाजीपुर में 51.2 प्रतिशत और घोसी में 50.3 प्रतिशत वोटों के साथ जीत मिली।
जबकि हाथी देवरिया में 32.57 प्रतिशत, बांसगांव में 40.57 प्रतिशत और सलेमपुर में 38.52 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरे स्थान पर था। ये आंकड़े दिखाते हैं कि बसपा ने गठबंधन से लाभ लिया था। गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी इस बार सपा से चुनाव मैदान में हैं, जबकि घोसी के सांसद अतुल कुमार सिंह को बसपा सुप्रीमो ने निकाल दिया है।
इस बार, पार्टी ने सभी 13 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने गाजीपुर से डॉ. उमेश कुमार सिंह और घोसी से पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान पर भरोसा जताया है।
UP: लेकिन सोशल इंजीनियरिंग का रंग स्पष्ट होगा
बसपा ने प्रत्याशियों को चुनने में सोशल इंजीनियरिंग का बहुत उपयोग किया है। यद्यपि हाथी कुछ भी नहीं कर सका, सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग प्रतिद्वंद्वियों को परेशान करेगा। पार्टी ने अतहर जमाल लारी को वाराणसी में प्रत्याशी बनाया है, जो मुस्लिम वोटबैंक को सपा-कांग्रेस गठबंधन की ओर जाने से रोकने की कोशिश करता है।
ऐसा ही महराजगंज और गोरखपुर में भी मुसलमानों को टिकट मिलता है। यही नहीं, देवरिया और बलिया में भी यादव नेता चुने गए हैं। देवरिया के पिछले चुनाव में बसपा ने विनोद कुमार जायसवाल को टिकट दिया था, लेकिन भाजपा के रमापति राम त्रिपाठी ने लगभग ढाई लाख वोटों से जीत हासिल की थी। शशांक मणि त्रिपाठी इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
UP: सलेमपुर की लड़ाई दिलचस्प होगी
बसपा ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को सलेमपुर में टिकट दिया है। सलेमपुर के पिछले चुनाव में बसपा के प्रत्याशी रविंदर ने लगभग 1.13 लाख वोटों से भाजपा के राजेश कुमार मिश्रा को हराया था। भाजपा के सामने भीम राजभर की चुनौतियां बढ़ती दिखती हैं।
वहीं, सदल प्रसाद की जगह डॉ. राम समुझ को बांसगांव की सुरक्षित सीट से मौका दिया गया है। भाजपा ने अपने तीन बार के सांसद कमलेश पासवान को फिर से चुनाव में उतारा है, जबकि सदल प्रसाद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा को यहां भी अधिक चुनौतियां होंगी।
Table of Contents
Lok Sabha Election Voting Live : UP में 7वें चरण में कौन किसपर भारी? | PM Modi | BJP | Congress | SP
Discover more from VR News Live
Subscribe to get the latest posts sent to your email.