Karnataka में रामभक्त श्रीकांत तिवारी की गिरफ्तारी को लेकर सनसनी फैल गई है। श्रीकांत पुजारी को शुक्रवार को हुबली की एक अदालत ने जमानत दे दी। वकील संजीव बडसाका ने अदालत के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि अभी जमानत की प्रति नहीं है। जमानत की शर्तें अभी भी जांच की जानी चाहिए। हम कॉपी लेकर आवेदन करेंगे।
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Karnataka 1992 की गिरफ्तारी
Karnataka में रामभक्त श्रीकांत पुजारी की गिरफ्तारी को लेकर विवाद है। श्रीकांत पुजारी को शुक्रवार को हुबली की एक अदालत ने जमानत दे दी। दरअसल, श्रीकांत पुजारी को 1992 में हुबली में हुए दंगों में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था।
वहीं, बेटे मंजूनाथ ने पिता श्रीकांत पुजारी को कोर्ट से जमानत मिलने पर खुशी व्यक्त की। मैं आज बहुत खुश हूँ, उन्होंने कहा। बहुत धन्यवाद..।
श्रीकांत पुजारी कब रिहा होगा?
वकील संजीव बडसाका ने अदालत के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि अभी जमानत की प्रति नहीं है। जमानत की शर्तें अभी भी जांच की जानी चाहिए। हम कॉपी लेकर आवेदन करेंगे। कल शाम तक उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।
क्या पूरा मुद्दा है?
31 साल पुराने एक दंगा मामले ने कर्नाटक(Karnataka) में कोहराम मचा दिया है। कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। भाजपा ने श्रीकांत पुजारी की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को घेर लिया है।
श्रीकांत के अधिवक्ता ने क्या कहा?
श्रीकांत पुजारी के वकील संजीव ने इससे पहले कहा था कि शनिवार को उनके मुवक्किल को रिहा किया जा सकता है। उनका कहना था कि कल अदालत में एक बहस हुई थी और हम उम्मीद करते हैं कि कोर्ट हमारे पक्ष में फैसला देगा।
श्रीकांत के खिलाफ 16 मुकदमे दर्ज किए गए
श्रीकांत पुजारी के खिलाफ 16 मामले दर्ज हैं, जैसा कि राज्य के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने हाल ही में बताया था। उन्होंने कहा,
श्रीकांत पुजारी का नाम एफआईआर और अन्य दस्तावेजों में एक आरोपी के रूप में दर्ज है और उसके खिलाफ 16 मामले हैं।
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