Natwar Singh: पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। उनके परिवार के सदस्यों में उनके बेटे विधायक जगत सिंह भी शामिल हैं। नटवर सिंह की चर्चित आत्मकथा, वन लाइफ इस नॉट इनफ, उनका राजनीतिक जीवन भी था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह की अचानक बीमारी हो गई है। बाद में उन्हें गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में तुरंत भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार अभी भी जारी है। उनके बेटे जगत सिंह, विधायक, और उनके परिवार भी उपस्थित हैं। नटवर सिंह एक पूर्व भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अफसर भी हैं। अपने राजनीतिक जीवन में, उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। इससे पूर्व मंत्री नटवर सिंह की राजनीतिक यात्रा का पता चलता है।
Natwar Singh: नटवर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कौन हैं?
नटवर सिंह, पूर्व मंत्री, राजस्थान के भरतपुर जिले के जघीना गांव से हैं। उनका जन्म 16 मई 1929 को हुआ था। नटवर सिंह पिता की चौथी संतान थे, जिन्होंने मेयो कॉलेज अजमेर और सिंधिया स्कूल ग्वालियर में पढ़ाई की। उन्हें कैंब्रिज विश्वविद्यालय के कॉपर्स क्रिस्टी कॉलेज से उच्च शिक्षा मिली। उस समय, नटवर सिंह ने चीन, न्यूयॉर्क, पोलैंड, इंग्लैंड, पाकिस्तान, जैमिका और जांबिया सहित कई देशों में भारतीय विदेश सेवा में काम किया। 1984 में, उन्होंने आईएफएस सेवा से इस्तीफा देकर राजनीति में प्रवेश किया। 1984 में वे लोकसभा में विजयी हुए और राज्य मंत्री बने।
Natwar Singh: नटवर सिंह की आत्मकथा, वन लाइफ इस नॉट इनफ, बहुत चर्चा में थी।
पूर्व मंत्री कुंवर नटवर सिंह की आत्मकथा बहुत चर्चा में रही है। उसकी आत्मकथा, “वन लाइफ इस नॉट इनफ”, अगस्त 2014 में प्रकाशित हुई थी, जिसने भारत में राजनीतिक हलचल पैदा की थी। किताब ने 2004 का वर्ष बताया कि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री नहीं बनी क्यों। नटवर सिंह की पुस्तक में कहा गया है कि राहुल गांधी ने दो हजार चार में सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री नहीं बनाया था। नटवर सिंह की पुस्तक में यह भी कहा गया है कि सोनिया की मंजूरी के बिना यूपीए शासनकाल में महत्वपूर्ण निर्णय नहीं किए जाते थे।
Natwar Singh: नटवर सिंह की राजनीतिक यात्रा
1986 में, नटवर सिंह विदेश मामलों के राज्य मंत्री बन गए। 1989 में कांग्रेस को आम चुनावों में हराने के बाद भी विदेश राज्य मंत्री बने रहे। 1991 में पीवी नरसिम्हाराव के प्रधानमंत्री बनने के बाद, नटवर सिंह ने एनडी तिवारी और अर्जुन सिंह के साथ मिलकर कांग्रेस छोड़ दी और अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस बनाई। 1998 में, नटवर सिंह और दूसरे दोनों नेता कांग्रेस पार्टी में वापस आए। नटवर सिंह ने 1998 में भरतपुर से लोकसभा चुनाव जीता। 2002 में राज्यसभा के लिए चुने गए और 2004 में विदेश मंत्री बने।
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Natwar Singh: जाने पूर्व केंद्रीय मंत्री कुंवर नटवर सिंह की अचानक बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में भर्ती
पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह का ऐतिहासिक उद्बोधन | Kunwar Natwar Singh
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