West Bengal Politics ममता बनर्जी का बड़ा ऐलान: SIR रैली में बीजेपी को चेतावनी “पूरे देश की नींव हिला दूंगी”
West Bengal Politics पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बोंगांव में SIR के खिलाफ रैली के दौरान बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर आरोप लगाए और कहा कि अगर उन पर हमला किया गया तो वह देश भर में हलचल मचा देंगी।
ममता बनर्जी ने जता दी अपनी शक्ति — SIR रैली में बीजेपी को दी बड़ी चेतावनी
West Bengal Politics पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बोंगांव (North 24 Parganas) में आयोजित एक बड़ी रैली में SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के खिलाफ तीखी चेतावनी दी है। इस रैली को उन्होंने एक राजनीतिक मोर्चा बना कर केंद्र की बीजेपी और चुनाव आयोग (EC) पर आरोपों की झड़ी लगा दी।
ममता बनर्जी ने कहा कि यह SIR सिर्फ एक सामान्य वोटर लिस्ट अपडेट नहीं है, बल्कि यह उनकी नज़र में एक “केंद्र की साजिश” है, जिसे बीजेपी अपने हितों के लिए चला रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि EC एक तटस्थ संस्था से हटकर “BJP आयोग” बन चुकी है, और इस प्रक्रिया के ज़रिए असली वोटरों को हटाने की कोशिश की जा रही है।

“अगर मुझे छूएंगे तो पूरे देश में हलचल मचा दूंगी,” ममता का आक्रामक बयान
सीएम ने अपने भाषण में साफ कहा, “अगर वो (बीजेपी) मुझे बंगाल में टारगेट करेंगी, तो मैं पूरे देश में हिलाऊँगी।” उनकी यह बात न सिर्फ बंगाल के लिए बल्कि पूरे देश के राजनीतिक समीकरण में भूचाल ला सकती है, जैसा कि उन्होंने मंच से जोर देकर कहा।
ममता ने यह भी कहा कि SIR की यह रीविजन बहुत जल्दबाज़ी में की जा रही है और इससे असली वोटरों के नाम हटने का डर है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कदम के पीछे सीधा राजनीतिक मकसद है — उनकी पार्टी और अन्य विपक्षी शक्ति को वोटर बेस से कमजोर करना।
West Bengal Politics ममता ने चुनाव आयोग पर बोला हमला — कहा EC हो गया है “BJP आयोग”
रैली के दौरान उन्होंने उन चेतावनियों को भी दोहराया, जिन्हें पहले दिए हैं — “अगर एक भी कानूनी वोटर का नाम कटेगा, तो तृणमूल कांग्रेस बीजेपी की सरकार को हिला देगी।” ममता ने यह बात भी उठाई कि SIR सिर्फ बंगाल तक सीमित नहीं है — वह इस प्रक्रिया के राष्ट्रीय दायरे को देखते हुए इसे केंद्र की शक्ति विस्तार की रणनीति मानती हैं।
इस रैली के बाद, उनकी पार्टी ने एक पथयात्रा (पैदल जुलूस) भी निकाली, जो यह संदेश देती है कि वे SIR-विरोधी आंदोलन को ज़मीनी स्तर पर मजबूत कर रही हैं।
राजनीति विश्लेषकों के मुताबिक, ममता का यह कदम न सिर्फ बंगाल में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी और चुनाव आयोग पर दबाव बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है। SIR को लेकर चल रही यह लड़ाई अब सिर्फ वोटर लिस्ट का मामला नहीं रह गई है — यह सत्ता, पहचान और लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई बन चुकी है।
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