Work From Home दिल्ली में दमघोंटू हवा! CM रेखा गुप्ता की अपील – कारपूलिंग करें, निजी संस्थान वर्क फ्रॉम होम दें
Work From Home दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लोगों से कारपूलिंग अपनाने और निजी संस्थानों से वर्क फ्रॉम होम देने की अपील की है। राजधानी में AQI ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है, जिससे स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है।
दिल्ली एक बार फिर दमघोंटू हवा की चपेट में है। राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है। जहरीली हवा के बढ़ते स्तर को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने नागरिकों से कारपूलिंग अपनाने और निजी संस्थानों से कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “अगर हम सभी थोड़ा-थोड़ा योगदान दें — जैसे कारपूलिंग करें, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग बढ़ाएं और गैर-जरूरी यात्रा से बचें — तो इस संकट को काफी हद तक कम किया जा सकता है।”

प्रदूषण स्तर भयावह Work From Home
दिल्ली-एनसीआर में बीते कुछ दिनों से हवा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है। कई इलाकों में AQI 400 के पार दर्ज किया गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। यह स्तर सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन, गले में खराश और हृदय व फेफड़ों की बीमारियों के लिए अत्यंत हानिकारक माना जाता है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के अनुसार, राजधानी के आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना और पंजाबी बाग क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता सबसे खराब स्थिति में है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 2–3 दिनों में राहत की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि हवा की गति बेहद धीमी है और तापमान में गिरावट के कारण धुआं और धूल वातावरण में जमा हो रही है।
Work From Home सरकार की अपीलें और कदम
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रदूषण कम करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने की घोषणा की है —
- दिल्ली में कारपूलिंग और साझा वाहन उपयोग को बढ़ावा देने की अपील।
- निजी दफ्तरों और आईटी कंपनियों से अनुरोध किया गया है कि वे अधिक से अधिक कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दें।
- निर्माण कार्यों पर निगरानी और धूल नियंत्रण के लिए पानी के छिड़काव की प्रक्रिया तेज करने का निर्देश।
- स्कूलों में आउटडोर गतिविधियों पर रोक और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए विशेष सलाह जारी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार सभी नागरिकों से सहयोग की अपेक्षा करती है ताकि आने वाले हफ्तों में प्रदूषण स्तर को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि “हम तकनीक, सख्त निगरानी और जनसहयोग के जरिए दिल्ली को राहत दिलाने की दिशा में काम कर रहे हैं।”
विशेषज्ञों की राय
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह वाहन उत्सर्जन, स्टबल बर्निंग, औद्योगिक धुआं और मौसम की स्थिर स्थिति है। उनका कहना है कि अगर ट्रैफिक कम किया जाए और निजी वाहन उपयोग घटे, तो AQI स्तर में सुधार संभव है।
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग घर से बाहर निकलने से पहले N95 मास्क का उपयोग करें, बुज़ुर्गों और बच्चों को बाहर खेलने या व्यायाम करने से बचाएं, और घरों में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
नागरिकों से अपील
रेखा गुप्ता ने जनता से कहा कि “दिल्ली का हर नागरिक इस अभियान का हिस्सा बने। यह वक्त उंगली उठाने का नहीं, बल्कि मिलकर समाधान ढूंढने का है।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए पड़ोसी राज्यों से भी सहयोग की आवश्यकता है।
दिल्ली की सड़कों पर पहले से ही ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया जा चुका है। अगर हवा की गुणवत्ता और बिगड़ती है तो स्कूल, कॉलेज और निर्माण कार्यों पर रोक लगाने जैसे सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
राजधानी में इस वक्त सांस लेना भी चुनौती बन गया है। ऐसे में सरकार और जनता दोनों को मिलकर जिम्मेदारी निभानी होगी। कारपूलिंग, वर्क फ्रॉम होम और जागरूकता ही इस संकट से निकलने का रास्ता है।
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Delhi Air Pollution: अब मास्क पहनकर ही जीना होगा दिल्ली को, सांस लेना हुआ मुश्किल
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