Veer Baal Diwas 2025: ऑपरेशन सिंदूर के ‘लिटिल हीरो’ श्रवण सिंह को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित, देखें विजेताओं की पूरी सूची
जानें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सैनिकों की मदद करने वाले बहादुर श्रवण सिंह की कहानी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वीर बाल दिवस पर किन-किन बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा? पढ़ें पूरी लिस्ट।
वीर बालक श्रवण सिंह और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गौरवगाथा
साहस की अनूठी मिसाल: श्रवण सिंह जब हम वीरता की बात करते हैं, तो अक्सर वर्दीधारी सैनिकों का चेहरा सामने आता है, लेकिन राजस्थान के सीमावर्ती इलाके के रहने वाले नन्हे श्रवण सिंह ने यह साबित कर दिया कि देशसेवा के लिए जज्बा उम्र का मोहताज नहीं होता।

क्या था ऑपरेशन सिंदूर?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान जब भारतीय सेना के जवान दुर्गम और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में मोर्चा संभाले हुए थे, तब रसद और संचार की भारी किल्लत थी। भारी गोलाबारी और कठिन रास्तों के बावजूद, बालक श्रवण सिंह ने अपनी जान की परवाह नहीं की। वह नंगे पैर और फटे कपड़ों में तपती रेत और कंटीली झाड़ियों के बीच से होकर सैनिकों तक पानी, गर्म चाय, दूध और लस्सी पहुँचाते रहे। उनके इस छोटे से सहयोग ने सैनिकों का मनोबल उस वक्त बढ़ाया जब उन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।
राष्ट्रपति द्वारा सम्मान
श्रवण सिंह के इसी अदम्य साहस को देखते हुए, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें ‘राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ (Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar) से सम्मानित किया। उन्हें प्रशस्ति पत्र, पदक और नकद राशि प्रदान की गई।


राष्ट्रीय बाल पुरस्कार: विजेताओं की सूची (प्रमुख नाम)
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न श्रेणियों (नवाचार, समाज सेवा, शैक्षिक, खेल, कला-संस्कृति और वीरता) में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया। यहाँ कुछ प्रमुख नाम दिए गए हैं:

वीर बाल दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि उन बच्चों के सम्मान का दिन है जो आने वाले कल के भारत की नींव हैं। श्रवण सिंह जैसे बच्चे हमें सिखाते हैं कि बड़ी जीत के लिए केवल हथियार नहीं, बल्कि अटूट साहस और सेवा भाव की आवश्यकता होती है।





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