Bihar Cabinet नीतीश कैबिनेट में जेडीयू कोटे से कितने मंत्री? कौन-कौन बनेगा नया चेहरा और कैसे सेट होगा जातीय समीकरण?
Bihar Cabinet बिहार में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू। जेडीयू कोटे से 13–14 मंत्री बनाए जाने की संभावना। नीतीश कुमार एक बार फिर जातीय समीकरण साधते हुए ज्यादातर पुराने चेहरों के साथ 2–3 नए चेहरे भी शामिल कर सकते हैं।
Bihar Cabinet पटना: बिहार में राजनीतिक हलचल के बीच नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। सोमवार को कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल से मिले और विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी। इसके साथ ही अब 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में नई सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा। इसी के साथ सबसे बड़ी चर्चा है कि नई कैबिनेट में किन-किन चेहरों को मौका मिलेगा और जेडीयू कोटे से कितने मंत्री बनाए जाएंगे।
जेडीयू कोटा: 13 से 14 मंत्री बनने की संभावना
इस बार जेडीयू कोटे से करीब 13–14 विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना है। जेडीयू के पास इस बार 85 विधायक हैं, ऐसे में पार्टी संतुलित प्रतिनिधित्व के साथ कैबिनेट में अपनी पकड़ मजबूत करेगी।
सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार एक बार फिर अपने भरोसेमंद पुराने चेहरों पर दांव लगाएंगे, लेकिन सोशल इंजीनियरिंग के आधार पर 2–3 नए चेहरों की भी एंट्री हो सकती है। ये नए चेहरे कुशवाहा समाज और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से हो सकते हैं।
कौन-कौन बन सकते हैं मंत्री? (जेडीयू कोटा)



फिर से मंत्री बनने की मजबूत संभावनाएँ:
- विजय चौधरी
- बिजेंद्र प्रसाद यादव
- श्रवण कुमार
- अशोक चौधरी
- लेशी सिंह
- मदन सहनी
- जयंत राज
- सुनील कुमार
इसके अलावा 2–3 नए चेहरों को जगह दी जा सकती है, जिनमें से दो महिलाएँ होने की चर्चा है। यह महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी में अधिक प्रतिनिधित्व देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
नीतीश की सोशल इंजीनियरिंग फिर केंद्र में


नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में सोशल इंजीनियरिंग के चैंपियन माने जाते हैं। 2025 विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने उम्मीदवारों के चयन में इसे बारीकी से साधा।
जेडीयू उम्मीदवारों की सोशल इंजीनियरिंग इस प्रकार थी—
- OBC: 37
- EBC: 22
- सवर्ण: 22
- SC: 15
- ST: 2
- महिला उम्मीदवार: 13
यह सूची बताती है कि पार्टी ने हर सामाजिक वर्ग को संतुलित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की।
अब वही रणनीति कैबिनेट गठन में भी अपनाई जा रही है। मंत्रिमंडल में पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, सवर्ण, एससी-एसटी और महिला वर्ग से संतुलन बनाने पर जोर रहेगा।
नई कैबिनेट में 2–3 नए चेहरे?
जेडीयू सूत्रों के अनुसार, इस बार:
- कुशवाहा समाज
- EBC समुदाय
- महिला नेताओं
को प्राथमिकता दी जाएगी।
दो महिला मंत्रियों की संभावित एंट्री से संकेत मिलता है कि जेडीयू महिलाओं के सशक्तिकरण के अपने एजेंडे को विस्तार देना चाहती है।
नीतीश कुमार की सोशल इंजीनियरिंग का इतिहास
नीतीश कुमार ने हमेशा सामाजिक संतुलन को प्राथमिकता दी है। उनकी कई योजनाएँ समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने के उद्देश्य से बनाई गईं, जैसे—
- सात निश्चय योजना
- मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना
- अति पिछड़ा आयोग का गठन
- महिलाओं को 35% नौकरी आरक्षण
- आरक्षण में सुधार
इन योजनाओं ने उन्हें विकासपुरुष के साथ-साथ संतुलन साधने वाले नेता के रूप में स्थापित किया।
20 नवंबर को शपथ ग्रहण के साथ बिहार की नई राजनीति का चेहरा सामने आएगा। सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि जेडीयू कोटे से कौन-कौन मंत्री बनते हैं और नीतीश कुमार किस तरह जातीय और सामाजिक संतुलन साधते हैं। यह तय है कि नई कैबिनेट में जातीय समीकरण और सोशल इंजीनियरिंग का रंग साफ दिखेगा।
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