Delhi Crime Season 3 में शेफाली शाह और हुमा कुरैशी ने मानव तस्करी की उस हकीकत को दिखाया है जहाँ औरतें ही औरतों की दुश्मन बन जाती हैं। नेटफ्लिक्स की यह सीरीज़ आपको सुन्न और बेचैन छोड़ देगी।


🎬 Delhi Crime Season 3 Review (600 शब्दों में पूरी समीक्षा):
नई दिल्ली, 13 नवंबर:
Netflix की लोकप्रिय और चर्चित वेब सीरीज़ Delhi Crime Season 3 का तीसरा सीज़न रिलीज़ हो गया है। इस बार कहानी पहले से कहीं ज्यादा गहरी, सच्ची और डरावनी है।
निर्माता रिची मेहता और निर्देशक तनुज चोपड़ा ने समाज की उस परत को उघाड़ने की कोशिश की है, जहाँ “औरतें ही औरतों को बेचती हैं” — यह सोच मात्र ही दिल दहला देने वाली है।
🎭 कहानी – समाज के सबसे अंधेरे कोनों की सच्चाई
Delhi Crime Season 3 की कहानी युवा लड़कियों की तस्करी और एक महिला मास्टरमाइंड “बड़ी दीदी” (हुमा कुरैशी) के नेटवर्क के इर्द-गिर्द घूमती है।
डीसीपी वर्तिका चतुर्वेदी (शेफाली शाह) दिल्ली में इन गुमशुदा लड़कियों के केस को ट्रेस कर रही हैं।
सीरीज़ की पृष्ठभूमि 2012 के “बेबी फलाक केस” से प्रेरित है — एक ऐसी बच्ची जिसकी कहानी ने पूरे देश को हिला दिया था।
सीरीज़ दिखाती है कि किस तरह पैसों और मर्दवादी सोच के खेल में मासूम लड़कियाँ बेची जाती हैं — कभी यौन शोषण के लिए, तो कभी बेटों को जन्म देने के लिए।


💔 जब औरतें बनती हैं औरतों की दुश्मन
सबसे ज्यादा चुभने वाली बात यह है कि इस बार अपराधी सिर्फ पुरुष नहीं, बल्कि महिलाएँ हैं — जो खुद कभी सिस्टम की शिकार रही थीं।
“Delhi Crime Season 3” यह दिखाती है कि जब अत्याचार झेल चुकी महिलाएँ थोड़ा अधिकार पाती हैं, तो वे उसी सिस्टम का हिस्सा बन जाती हैं जिसने उन्हें तोड़ा था।
यह थीम सीरीज़ का सबसे गहरा और दर्दनाक हिस्सा है — और यही वजह है कि इसे देखकर दर्शक सुन्न रह जाते हैं।
👩✈️ अभिनय – शेफाली शाह और हुमा कुरैशी का कमाल
शेफाली शाह का किरदार वर्तिका चतुर्वेदी अब थका हुआ, टूटा हुआ लेकिन अब भी सच्चाई के लिए लड़ने वाला पुलिस अधिकारी है।
उनकी आँखों में जो निराशा और दृढ़ता है, वह हर दृश्य में झलकती है।
वहीं हुमा कुरैशी ने “बड़ी दीदी” का किरदार निभाया है — एक ऐसी महिला जो खुद के दर्द को दूसरों की कीमत पर भुनाती है।
हुमा का अभिनय इतना सशक्त है कि आप उनसे नफ़रत भी करते हैं और दया भी महसूस करते हैं।
सपोर्टिंग कास्ट — राजेश तैलंग, रसिका दुग्गल, युक्ति थरेजा और जया भट्टाचार्य — सभी ने अपनी भूमिकाओं में गहराई लाई है।


🎥 निर्देशन और सिनेमैटिक प्रस्तुति
निर्देशक तनुज चोपड़ा ने कहानी को बहुत ही रियलिस्टिक टोन में दिखाया है।
कैमरा दिल्ली की धुंध, गलियों और अस्पताल के दृश्यों में भय और दर्द दोनों को समेटता है।
हर एपिसोड के अंत में एक ऐसी चुप्पी रहती है जो आपके भीतर उतर जाती है।
यह सिर्फ एक क्राइम ड्रामा नहीं, बल्कि समाज पर तीखा प्रहार है।
⭐ रेटिंग और निष्कर्ष
- अभिनय: ⭐⭐⭐⭐⭐
- कहानी: ⭐⭐⭐⭐½
- निर्देशन: ⭐⭐⭐⭐
- भावनात्मक असर: ⭐⭐⭐⭐⭐
अंततः, Delhi Crime Season 3 एक भावनात्मक रूप से भारी लेकिन जरूरी सीरीज़ है।
यह हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि अपराध सिर्फ सड़कों पर नहीं, हमारे समाज की सोच में भी पलता है।
अगर आप सच्चाई से भागना नहीं चाहते, तो यह सीरीज़ ज़रूर देखें — लेकिन दिल मजबूत रखकर!
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