documentary :न्यूजीलैंड की प्राकृतिक सुंदरता फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करती है। यहां दुनिया भर से फिल्म टीमें शूटिंग करने आती हैं। यहां की फिल्में और यहां के लोगों द्वारा बनाई गई फिल्में दुनिया भर में सराही गई हैं और उन्हें विशिष्ट पुरस्कार भी मिले हैं।
न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के उत्तर तथा फिजी, न्यू कैलेडोनिया तथा टोन्गा द्वीप के दक्षिण में ओसेनिक महादेश का छठवां सबसे बड़ा देश है। राजधानी वेलिंग्टन है और कई भाषाओं को राजकीय स्वीकृति मिली है। यहां माओरी, इंग्लिश और न्यूजीलैंड साइन लैंग्वेज ऑफिशियल भाषाएं हैं। माउरी लोगों की संस्कृति बहुत अलग है और विश्व भर में सबसे अलग है।
न्यूजीलैंड की प्राकृतिक सुंदरता फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करती है। यहां दुनिया भर से फिल्म टीमें शूटिंग करने आती हैं। यहां की फिल्में और यहां के लोगों द्वारा बनाई गई फिल्में दुनिया भर में सराही गई हैं और उन्हें विशिष्ट पुरस्कार भी मिले हैं। ग्यारह साल की न्यूज़ीलैंड की बाल कलाकार एना पॉकिन को पियानो फिल्म में बेटी फ्लोरा का किरदार निभाने के लिए सहायक अभिनेत्री का अकादमी पुरस्कार मिला। वह न्यूजीलैंड की पहली बाल कलाकार है जिसे ऑस्कर मिलता है।
वह ऑस्कर पुरस्कार के इतिहास में सबसे कम उम्र में पुरस्कार पाने वाली दूसरी बाल कलाकार भी थी। एना पॉकिन जैसी युवा कलाकार बहुत कम मिलती है। यह आश्चर्य की बात नहीं कि उसने अधिक पुरस्कार जीते हैं।
न्यूजीलैंड की ही सिने-निर्देशक जेन कैम्पियन ने पिल, टू फ्रैंड्स, इन द कट, एन एंजल एट माई टेबल, स्वीटी और द पियानो की ओरिजन स्क्रीनप्ले राइटिंग तथा निर्देशन का सर्वोत्तम ऑस्कर जीता।
न्यूज़ीलैंड में फीचर फिल्में बनती हैं, लेकिन आज मैं वहां बनने वाली डॉक्यूमेंट्री और उसके इतिहास की बात करता हूँ।
“द क्वीन’स वर्ल्ड टूर” वहां की पहली डॉक्यूमेंट्री है। 1954 में इसे एक घंटा चौबीस मिनट बनाया गया था। यह क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की पूरी दुनिया की यात्रा को समेटता है। यह पूरे विश्व की यात्रा नहीं है; इसके बजाय, यह न्यूजीलैंड, फिजी और द फ्रेंडली द्वीप समूह की यात्रा प्रस्तुत करता है।
महारानी ने फिजी तथा द फ्रेंडली आईलैंड में कुछ उत्सवों में भाग लिया, जिसमें वह उपस्थित हुई। न्यूज़ीलैंड में महारानी ने कुछ माओरी उत्सवों में हिस्सा लिया। इस लेख में सब कुछ लिखा गया है।
documentary :द्वितीय विश्वयुद्ध की documentary
1983 में, 2 घंटे 3 मिनट का वृतचित्र “मेरी क्रिसमस मिस्टर लॉरेंस” मिलता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, एक ब्रिटिश कर्नल ने जापान कैम्प कमान्डर और ब्रिटिश युद्ध बंदियों के बीच एक सांस्कृतिक पुल बनाया ताकि हिंसा को रोका जा सके। ‘एडवेंचर्स इन माउरीलैड: एलेक्जेंडर मार्की एंड द मेकिंग ऑफ हे टिकी’ 1986 में बनी
यह एक घंटे 11 मिनट की documentary क्लासिक फिल्मों के प्रशंसकों को खुश करता है क्योंकि इसमें “बिहाइंड-द-सीन्स” की झांकी है। यहीं 1935 में एलेक्जेंडर मार्की ने हे टिकी बनाने का पूरा सेट बनाया था। साथ ही मूल फिल्म, कास्ट और टीम के काम के फुटेज का भी उपयोग किया गया है। यह भी फिल्म निर्माताओं पर इसके प्रभाव को दिखाता है।
न्यूजीलैंड में 2004 में 1 घंटे 12 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री, “कोलीन मैक्कैहोन: आई एम”, बनाई गई। यह न्यूजीलैंड के सबसे मशहूर पेंटर के जीवन पर बनाया गया है। पॉल स्वाडेल ने इसे बनाया है। पॉल कैससेर्ली ने नरेटर की भूमिका निभाई है, और सैम नेल, जो “द पियानों” फिल्म में भी काम किया था, निर्देशक हैं।
रस्टी नट्स एम/सी ग्रैंड चैलेंज मोटरसाइकिल दौड़ में बनाई गई है। इस २ घंटे २६ मिनट की डॉक्यूमेंट्री में रस्टी नट्स मोटरसाइकिल क्लब के २० वर्ष पूरे होने पर हुए उत्सव का समावेश है। इस बड़े चैलेंज में एक दिन में 130 राइडर ने 1000 मील की यात्रा पूरी की। न्यूजीलैंड के मध्य नॉर्थ आइलैंड में यह यात्रा हुई। क्लब सदर्न क्रॉस और सर वॉल्टर रैली भी होती हैं।
न्यूज़ीलैंड में खेतों और जल स्रोतों में हेलीकॉप्टर से जहर छिड़का जाता है। इसके छिड़काव से होने वाले प्रभाव को ‘ए शेडो ऑफ डाउट’ (2007) दिखाता है। चूहों और पोसम्स को मार डालना इस छिड़काव का लक्ष्य है। लेकिन इनके साथ यह जहर बहुत सारे पक्षियों, कीटों और जानवरों को मार डालता है।
documentary :‘द होलो मेन’
‘द होलो मेन’ पुस्तक पिछले साल आई। आज के संचार के उपयोग और दुरुपयोग को 1 घंटे 38 मिनट में दिखाता है। यह वृतचित्र निक्की हैगर की किताब पर आधारित है, जो पत्रकारिता द्वारा ईमेल लीक होने और 2005 के चुनाव में न्यूजीलैंड की नेशनल पार्टी के लीडर डॉन ब्रास के कैम्पेन में होने वाली चालाकियों और बेईमानी को बताता है।
“बेयरफुट सिनेमा: दि आर्ट एंड लाइफ ऑफ सिनेआटोग्राफर एलुन बोलिंगर”, 2008 में रिलीज हुआ था, जिसका समय १ घंटा १४ मिनट था। जेरैर्ड स्मिथ की यह बायोग्राफी कीवी सिनेमाटोग्राफर एलुन बोलिंगर की जीवनशैली को चित्रित करती है। यह साउथ आईलैंड के वेस्ट कॉस्ट में उसके जीवन को दिखाता है। इस सिनेमाटोग्राफर ने पीटर जेक्सन और जेओफ मर्फी के साथ काम किया है।
अगले साल, ग्रीम टुकेट ने बेरी बार्क्ले, द कैमरा ऑन द सोर नामक एक घंटे 42 मिनट की डॉक्यूमेंट्री बनाई। वह एक साक्षात्कार देता है, जिसके आधार पर चित्र बनाया गया है। 2011 में केंडा जी और टॉम रेडफोर्ड ने मिलकर “लोस्ट इयर्स” डॉक्यूमेंट्री बनाई। इस नाम से कई फिल्में आई हैं, लेकिन इस निर्देशक की डॉक्यूमेंट्री डेढ़ घंटे में 150 साल की दर्दनाक गाथा कहती है।
यह कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में रहने वाले चीनी प्रवासियों का जीवन चित्रित करता है। फिल्म बनाने में बारह साल का शोध और दो साल का बनाने का समय लगा। यह कहानी केंडा जी के परिवार की है। कई देशों में इसे दो भागों में भी दिखाया गया है।
documentary :रोलर कोस्टर की documentary फिल्में
दो फिल्में, “बिली टी: टे मूवी” और “कप ऑफ ड्रीम्स”, इसी वर्ष रिलीज़ हुईं। न्यूजीलैंड के प्रसिद्ध अभिनेता बिली टी जेम्स पर पहली documentary बनाई गई है। रग्बी विश्व कप दूसरे खेल का नाम है। पूरा देश इस स्वप्न को साकार करने के लिए भावात्मक रूप से एकजुट हो गया था, जो दर्शकों को एक रोलरकोस्टर का मजा देता है।
2012 की डेढ़ घंटे की “मेन लाइक अस” में न्यूजीलैंड में रहने वाले नौ समलैंगिक लोगों का जीवन दिखाया गया है। ये पुरुष 21 से 78 वर्ष के हैं। यह दुनिया में ऐसे लोगों को खुश रहना और संघर्ष करना कितना मुश्किल है।
किलिंग जोक, जो पिछले साल रिलीज हुई द डेथ एंड रिजरक्शन शो में प्रदर्शित हुई, रॉकबैंड की 30 साल की भयानक, विवादास्पद और विचित्र यात्रा को रिकॉर्ड करती है। ‘द गर्ल ऑन द ब्रिज’ (2020) एक लड़की को दिखाता है जो आत्महत्या करने वाली है, लेकिन फिर आत्महत्या के खिलाफ काम करती है।
सूचना (अस्वीकरण): लेखक के स्वयं के विचार हैं। आलेख में दी गई जानकारी और तथ्यों की सटीकता और पूर्ति के लिए VR Live उत्तरदायी नहीं है।
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documentary :विश्व सिनेमा की आश्चर्यजनक दुनिया: न्यूजीलैंड डॉक्यूमेंट्री का देश है
DOCUMENTARY FILMMAKING:: What You Need To Know First
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