New Air Pollution Guidelines अब नहीं बिगाड़ पाएगा एयर पॉल्यूशन सेहत का हाल! सरकार का बड़ा कदम — हर जिले में खुलेगा ‘चेस्ट क्लिनिक’
New Air Pollution Guidelines वायु प्रदूषण से बढ़ती सांस और फेफड़ों की बीमारियों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के हर जिले में ‘चेस्ट क्लिनिक’ खोलने का निर्देश दिया है, जहां सांस और फेफड़े से जुड़ी बीमारियों का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा किया जाएगा। फेफड़ों की बीमारियों पर फोकस।
नई दिल्ली: New Air Pollution Guidelines
वायु प्रदूषण से बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि हर जिले में ‘चेस्ट क्लिनिक’ (Chest Clinic) स्थापित किए जाएं।
इन क्लिनिकों में खास तौर पर सांस, अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और फेफड़ों से जुड़ी अन्य बीमारियों का इलाज किया जाएगा।
🔹 प्रदूषण से बढ़ रही हैं फेफड़ों की बीमारियां
सर्दियों के मौसम में राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को खांसी, सांस फूलना, आंखों में जलन, गले में खराश जैसी समस्याएं हो रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से फेफड़ों की क्षमता घटती है, और हृदय रोग व कैंसर तक का खतरा बढ़ जाता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को आदेश जारी किया है कि “प्रत्येक जिला अस्पताल में एक समर्पित चेस्ट क्लिनिक स्थापित किया जाए।”

🔹 क्या होगी चेस्ट क्लिनिक की भूमिका New Air Pollution Guidelines
इन चेस्ट क्लिनिकों में:
- फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों की पहचान, जांच और इलाज की सुविधा होगी।
- मरीजों को फ्री इनहेलर, नेब्युलाइज़र और ऑक्सीजन सपोर्ट भी उपलब्ध कराया जाएगा।
- डॉक्टरों को विशेष एयर पॉल्यूशन हेल्थ प्रोटोकॉल पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- क्लिनिक में स्पिरोमेट्री, एक्स-रे और पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट की सुविधाएं होंगी।
सरकार का उद्देश्य है कि “हर व्यक्ति को अपने जिले में ही फेफड़ों की विशेषज्ञ सुविधा मिले, ताकि प्रदूषण से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान को कम किया जा सके।”
🔹 स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए नए दिशा-निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, नई गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि:
- स्कूलों, कॉलेजों और दफ्तरों में एयर पॉल्यूशन अवेयरनेस कैंपेन चलाए जाएंगे।
- डॉक्टरों को प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों की अर्ली डिटेक्शन (early detection) की ट्रेनिंग दी जाएगी।
- राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक जिले में चेस्ट क्लिनिक तीन महीने के भीतर कार्यरत हो जाएं।
🔹 विशेषज्ञों की राय New Air Pollution Guidelines
दिल्ली के फेफड़े विशेषज्ञ डॉक्टर (डॉ. अरविंद कुमार) ने कहा,
“यह एक बहुत सराहनीय कदम है। आज भारत में हर उम्र के लोग प्रदूषण के प्रभाव झेल रहे हैं। यदि हर जिले में चेस्ट क्लिनिक खुलेंगे तो न केवल इलाज आसान होगा बल्कि बीमारी की शुरुआती पहचान से जानें भी बचेंगी।”
🔹 सरकार का लक्ष्य — स्वस्थ सांस, स्वस्थ भारत
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि यह पहल ‘साफ हवा, स्वस्थ जीवन’ (Clean Air, Healthy Life) मिशन के तहत लाई गई है।
सरकार का लक्ष्य अगले एक वर्ष में देशभर के 750+ जिलों में चेस्ट क्लिनिक चालू करना है।
इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा है कि AIIMS, PGI और अन्य मेडिकल संस्थानों को भी इस योजना में तकनीकी सहयोग देने के लिए जोड़ा जाएगा।
🔹 जनता से अपील
मंत्रालय ने आम जनता से भी अपील की है कि:
- सुबह-शाम के समय जब प्रदूषण अधिक होता है, तब बिना मास्क के बाहर न निकलें।
- बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण से बचाने के लिए इनडोर एयर क्वालिटी पर ध्यान दें।
- प्रदूषण से जुड़ी किसी भी सांस की समस्या पर तुरंत चेस्ट क्लिनिक या नज़दीकी सरकारी अस्पताल में जांच कराएं।
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