Veer Baal Diwas PM Modi ने नन्हे वीरों से की मुलाकात, कहा- ‘साहिबजादों का बलिदान गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का प्रतीक’
नई दिल्ली के भारत मंडपम में वीर बाल दिवस पर PM मोदी ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से संवाद किया। उन्होंने साहिबजादों के सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए देश को ‘गुलामी की मानसिकता’ से मुक्त होने का संदेश दिया।
Veer Baal Diwas PM Modi का संदेश- साहिबजादों का त्याग हर भारतीय के लिए प्रेरणा, गुलामी की मानसिकता को त्यागना ही सच्ची श्रद्धांजलि
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित ‘भारत मंडपम’ में आयोजित ‘वीर बाल दिवस’ के राष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग लिया। इस भावुक और गौरवपूर्ण अवसर पर उन्होंने ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ (PM Rashtriya Bal Puraskar) के विजेताओं से मुलाकात की और उनके साहस व उपलब्धियों की सराहना की।
नन्हे वीरों से संवाद
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रधानमंत्री का उन बच्चों के साथ सीधा संवाद था, जिन्होंने अपनी वीरता, मेधा और सेवा से देश का नाम रोशन किया है। पीएम मोदी ने इन बच्चों को भविष्य का भारत बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों ने कम उम्र में धर्म और न्याय के लिए अडिग रहने का साहस दिखाया था, वैसे ही आज के बच्चों में भी वही जज्बा देखने को मिल रहा है।


साहिबजादों का बलिदान और राष्ट्र का संकल्प
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों—साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह—की शहादत को नमन किया। उन्होंने कहा कि यह दिवस हमें याद दिलाता है कि शौर्य और बलिदान की कोई उम्र नहीं होती।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा, “साहिबजादों का बलिदान केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं है, बल्कि यह भारत के उस संकल्प का प्रतीक है जो अत्याचार और अन्याय के आगे कभी नहीं झुकता।” उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे साहिबजादों की कहानियों को जन-जन तक पहुंचाएं ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी जड़ों और गौरवशाली इतिहास से जुड़ी रहें।


गुलामी की मानसिकता’ पर प्रहार
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में एक महत्वपूर्ण बिंदु पर जोर दिया—’गुलामी की मानसिकता’ (Ghulami Ki Mansikta)। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक विदेशी शासन के कारण भारतीयों के मन में हीनता का जो भाव घर कर गया था, अब उसे पूरी तरह से त्यागने का समय आ गया है।
पीएम मोदी ने कहा, “आज का भारत अपनी विरासत पर गर्व करता है। साहिबजादों ने उस दौर में भी क्रूर शासकों के सामने सिर नहीं झुकाया था। उनका यही स्वाभिमान आज हमें ‘विकसित भारत’ के निर्माण की ऊर्जा देता है। हमें दुनिया को भारतीय नजरिए से देखना होगा, न कि गुलामी के चश्मे से।”
2022 में हुई थी शुरुआत
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 9 जनवरी 2022 को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर यह घोषणा की थी कि हर साल 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य साहिबजादों के साहस को श्रद्धांजलि देना और युवाओं को प्रेरित करना है।
शोर्ट वीडियोज देखने के लिए VR लाइव से जुड़िये

